नूंह: हरियाणा का मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह मलेरिया मुक्त की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की कड़ी मेहनत और लोगों के सहयोग के चलते पिछले तीन-चार साल से मलेरिया की मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है. सबसे खास बात ये है कि पिछले तीन-चार सालों में मलेरिया से जिले में किसी की जान नहीं गई है.
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 में लगभग 2 हजार और 2019 में लगभग 970 केस और 2020 में 24 केस मलेरिया के सामने आए थे. राहत की खबर है ये कि मौजूदा वर्ष 2021 में अभी तक एक भी मलेरिया का केस जिले में सामने नहीं आया है.
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स्वास्थ्य विभाग ने मेवात को मलेरिया मुक्त करने के लिए 2019 में नूंह, उजीना, सुडाका और बाई पीएचसी के अंतर्गत आने वाले 72 गांवों में तकरीबन 72 टीमों का गठन कर घर-घर जाकर लोगों का टेस्ट किया और जिनको मलेरिया मिला उनका पूरा इलाज किया.
वहीं वर्ष 2020 में कोविड-19 की वजह से मैन पॉवर को मलेरिया के बजाय कोरोना कंट्रोल करने में इस बार 2021 में तीन पीएचसी उजीना, सुडाका और बाई गांव के 62 गांवों में फिर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर हर उम्र के व्यक्ति की जांच करेगी.
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अरविंद कुमार के मुताबिक उजीना में 28 टीमें, सुडाका में 20 टीमें और बाई में 24 टीमें लगाई गई हैं, जो मेवात को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए दिन-रात 6 अप्रैल से काम कर रही है. यह टीमें मलेरिया की जांच कर रहे हैं. अभी तक इन टीमों को कोई भी मलेरिया रोगी क्षेत्र में नहीं मिला है.
कुल मिलाकर अगर स्वास्थ्य विभाग ने इसी चिंता के साथ काम किया और इलाके के लोगों को का सहयोग मिला तो वो दिन दूर नहीं जब मेवात पूरी तरह से मलेरिया मुक्त हो जाएगा.