नूंह: देश और दुनिया के 592 तब्लीगी जमात के सदस्य लॉकडाउन में नूंह में फंस गए थे. इनमें से अब नूंह के शमसुद्दीन हॉस्टल में सिर्फ 58 सदस्य बचे हुए हैं, जो पूरी तरह स्वस्थ हैं, लेकिन इन तब्लीगी जमात के सदस्यों के वीजा तथा पासपोर्ट जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास जमा हैं. इसके अलावा अभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं हुई है, इसलिए यह लोग अभी इसी हॉस्टल में जिला प्रशासन की निगरानी में रखे गए हैं.
'विदेशियों जमातियों को जल्द घर भेजे जाने की उम्मीद'
बड़ा मदरसा के संचालक मुफ्ती जाहिद हुसैन ने तब्लीगी जमात के सदस्यों को घर भेजने या एकांतवास से छुट्टी मिलने के बारे में कहा कि केंद्र/राज्य सरकारों के अलावा जिला प्रशासन तथा अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है. विदेशी तब्लीगी जमात के 58 लोगों के कागजात जिला प्रशासन के पास जमा हैं. विदेशी तब्लीगी जमात के सदस्यों को लेकर उनकी उपायुक्त नूंह से लगातार बातचीत चल रही है.
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बड़ा मदरसा संचालक ने कहा कि उन्हें भरोसा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि जिस तरह देश के अलग-अलग राज्यों केरल, पंजाब, दिल्ली, उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु इत्यादि राज्यों के तब्लीगी जमात के सदस्यों को उनके घर भेज दिया गया है ठीक उसी तरह ईद से ठीक पहले विदेशी तब्लीगी जमात के सदस्य को एकांतवास सेंटर से छुट्टी मिल सकती है और अगर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू कर दिया जाता है तो ये अपने घर भी जा पाएंगे.
'मेहमानों की तरह विदा करेंगे विदेशी जमातियों को'
मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि वह हमारे मेहमान हैं, जैसे ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी और जिला प्रशासन विदेशी तब्लीगी जमात के लोगों को एकांतवास से छुट्टी देगा तो उनको मेहमानों की तरह ही उनके घरों के लिए रवाना किया जाएगा. विदेशों का मामला होने की वजह से एक्ट के तहत विदेशी लोगों पर कार्रवाई के लिए उन्होंने अदालत में भी कानूनी राय ली है. उन्हें सिस्टम पर पूरा भरोसा है, लगातार सिस्टम का सहयोग मिल रहा है.
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