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एनएचएम कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई में, 17वें दिन भी हड़ताल जारी

हरियाणा स्वास्थ्य मिशन के अधीन जिला नूंह में कार्यरत 550 कर्मचारियों का 17वां दिन गुरुवार को अनिश्चितकालीन अनशन जारी रहा. वहीं लगातार तीन दिन से अनशन पर बैठी महिला की हालत भी ख़राब हो गई है. जिसका इलाज धरनास्थल पर किया जा रहा है.

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Published : Feb 21, 2019, 8:40 PM IST

17 वें दिन भी हड़ताल जारी

नूंह: कर्मचारी 17 दिन से अनशन पर बैठे है और अब उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अनशन पक्के कर्मचारी का दर्जा मिलने पर ही खत्म होगा. सिविल सर्जन की तरफ से भेजे गए नोटिस कॉपी को भी जलाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार सेवा समाप्त करने के नाम पर हमें डराए नहीं, हमारा गुस्सा सत्ता परिवर्तन कर देगा. हड़ताली कर्मचारियों ने कहा की हड़ताल के कारण कई वार्ड खाली पड़े हैं. सरकारी अस्पतालों से मरीज किनारा करने लगे है और छोटी-छोटी जांचे भी हड़ताल के कारण प्रभावित हो गई है.

सामान्य अस्पताल से लेकर नूंह , पुन्हाना, तावडू, फिरोजपुर झिरका सीएचसी से लेकर पीएचसी ही नहीं बल्कि हेल्थ सेंटर पर भी एनएचएम के कर्मचारी तैनात हैं. एनएचएम कर्मचारियों को भले ही काम-समान वेतन देने का फैसला सरकार कुछ माह पहले ले चुकी है, लेकिन उन्हें जॉब की गारंटी चाहिए. ताकि उन्हें 58 वर्ष की आयु तक नौकरी से नहीं हटाया जाए.

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17 वें दिन भी हड़ताल जारी

अब देखना यह है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एनएचएम कर्मचारी संघ की इस हड़ताल को कितनी गंभीरता से लेते हैं. इतना ही नहीं जो मरीज गंभीर बिमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

कर्मचारी दो टूक कह रहे हैं कि कई बार सरकार के साथ बैठकें हुई, हड़ताल हुई, भरोसे भी मिले, लेकिन अमल आज तक नहीं हुआ.

नूंह: कर्मचारी 17 दिन से अनशन पर बैठे है और अब उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अनशन पक्के कर्मचारी का दर्जा मिलने पर ही खत्म होगा. सिविल सर्जन की तरफ से भेजे गए नोटिस कॉपी को भी जलाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार सेवा समाप्त करने के नाम पर हमें डराए नहीं, हमारा गुस्सा सत्ता परिवर्तन कर देगा. हड़ताली कर्मचारियों ने कहा की हड़ताल के कारण कई वार्ड खाली पड़े हैं. सरकारी अस्पतालों से मरीज किनारा करने लगे है और छोटी-छोटी जांचे भी हड़ताल के कारण प्रभावित हो गई है.

सामान्य अस्पताल से लेकर नूंह , पुन्हाना, तावडू, फिरोजपुर झिरका सीएचसी से लेकर पीएचसी ही नहीं बल्कि हेल्थ सेंटर पर भी एनएचएम के कर्मचारी तैनात हैं. एनएचएम कर्मचारियों को भले ही काम-समान वेतन देने का फैसला सरकार कुछ माह पहले ले चुकी है, लेकिन उन्हें जॉब की गारंटी चाहिए. ताकि उन्हें 58 वर्ष की आयु तक नौकरी से नहीं हटाया जाए.

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17 वें दिन भी हड़ताल जारी

अब देखना यह है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एनएचएम कर्मचारी संघ की इस हड़ताल को कितनी गंभीरता से लेते हैं. इतना ही नहीं जो मरीज गंभीर बिमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

कर्मचारी दो टूक कह रहे हैं कि कई बार सरकार के साथ बैठकें हुई, हड़ताल हुई, भरोसे भी मिले, लेकिन अमल आज तक नहीं हुआ.


---------- Forwarded message ---------
From: BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>
Date: Thu 21 Feb, 2019, 18:44
Subject: Fwd: R_HR_ NHM _ hadtal _ MEWAT _ 21-2-19 _ script & story 2 m
To: BHUPINDER KUMAR JISHTU <bhupinderkumar@etvbharat.com>



---------- Forwarded message ---------
From: Kasim Khan <kasim.khan.mewat@gmail.com>
Date: Thu 21 Feb, 2019, 15:03
Subject: R_HR_ NHM _ hadtal _ MEWAT _ 21-2-19 _ script & story 2 m
To: Haryana Desk <haryanadesk@etvbharat.com>


  tv news mewat 

sir file ftp par bhej di hai ji , , , 


संवाददाता नूंह मेवात। 

स्टोरी ;-  हड़ताल जारी , महिला कर्मचारी की हालत ख़राब ,धरना पर इलाज जारी। 

हरियाणा स्वास्थ्य मिशन के अधीन जिला नूंह में कार्यरत 550 कर्मचारियों का 17 वां  दिन गुरुवार  को अनिश्चितकालीन धरना और  अनशन जारी रहा। लगातार तीन दिन से अनशन पर  बैठी  महिला की हालत ख़राब हो गई है। जिसका इलाज धरना स्थल पर किया जा रहा है। वहीं सिविल सर्जन कार्यालय ने 500 कर्मचारियों की सेवाऐं समाप्त कर दी है। कर्मचारियों ने
ऐलान कर दिया है कि अनशन पक्के कर्मचारी का दर्जा मिलने पर ही खत्म होगा। सिविल सर्जन की तरफ से भेजे गए नोटिस कॉपी को भी जलाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि  सरकार सेवा समाप्त करने के नाम पर हमें डऱाए नहीं हमारा गुस्सा सत्ता परिवर्तन कर देगा। हड़ताली कर्मचारियों ने कहा की  हड़ताल के कारण कई वार्ड खाली पड़े है। सरकारी अस्पतालों से मरीज किनारा करने लगे है। छोटी-छोटी जांचे भी हड़ताल के कारण प्रभावित हो गई है।
सामान्य अस्पताल से लेकर नूंह , पुन्हाना , तावडू , फिरोजपुर झिरका सीएचसी से लेकर पीएचसी ही नहीं हेल्थ सेंटर पर एनएचएम के कर्मचारी तैनात हैं। एनएचएम कर्मचारियों को भले  काम - समान वेतन देने का फैसला सरकार कुछ माह पहले ले चुकी है ,लेकिन उन्हें जॉब की गारंटी चाहिए , ताकि उन्हें 58 वर्ष की आयु तक नौकरी से नहीं हटाया जाये। अब देखना यह है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एनएचएम कर्मचारी संघ की इस हड़ताल को कितना सीरियस ढंग से लेते हैं। इतना ही नहीं जो मरीज गंभीर बिमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं , उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश भर में वैसे तो स्टाफ - डॉक्टरों की कमी है ,लेकिन नूंह जिला इसमें सबसे आगे है। यहीं कारण है कि 550 से अधिक एनएचएम कर्मचारियों के भरोसे जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चलाई जा रही हैं। कर्मचारी भी इस बात को बखूबी जानते हैं ,लेकिन मनोहर लाल खट्टर सरकार के लिए एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल 2019 के रण से पहले चिंता बढ़ाने का काम कर सकती है। कर्मचारी दो टूक कह रहे हैं कि कई बार सरकार के साथ बैठकें हुई , हड़ताल हुई। भरोसे तो मिले ,लेकिन अमल आज तक नहीं हुआ।  

बाइट ;- अनुपमा , जिला महिला प्रधान एनएचएम 
बाइट ;- वसीम एनएचएम कर्मचारी। 
बाइट ;- राजवीर यूनियन प्रधान। 

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।  


          Thanks & Regards ---

           Kasim Khan Mewat

           Mob.+919416103259, +91 9050976800


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