नूंह: कर्मचारी 17 दिन से अनशन पर बैठे है और अब उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अनशन पक्के कर्मचारी का दर्जा मिलने पर ही खत्म होगा. सिविल सर्जन की तरफ से भेजे गए नोटिस कॉपी को भी जलाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार सेवा समाप्त करने के नाम पर हमें डराए नहीं, हमारा गुस्सा सत्ता परिवर्तन कर देगा. हड़ताली कर्मचारियों ने कहा की हड़ताल के कारण कई वार्ड खाली पड़े हैं. सरकारी अस्पतालों से मरीज किनारा करने लगे है और छोटी-छोटी जांचे भी हड़ताल के कारण प्रभावित हो गई है.
सामान्य अस्पताल से लेकर नूंह , पुन्हाना, तावडू, फिरोजपुर झिरका सीएचसी से लेकर पीएचसी ही नहीं बल्कि हेल्थ सेंटर पर भी एनएचएम के कर्मचारी तैनात हैं. एनएचएम कर्मचारियों को भले ही काम-समान वेतन देने का फैसला सरकार कुछ माह पहले ले चुकी है, लेकिन उन्हें जॉब की गारंटी चाहिए. ताकि उन्हें 58 वर्ष की आयु तक नौकरी से नहीं हटाया जाए.
अब देखना यह है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एनएचएम कर्मचारी संघ की इस हड़ताल को कितनी गंभीरता से लेते हैं. इतना ही नहीं जो मरीज गंभीर बिमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
कर्मचारी दो टूक कह रहे हैं कि कई बार सरकार के साथ बैठकें हुई, हड़ताल हुई, भरोसे भी मिले, लेकिन अमल आज तक नहीं हुआ.