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नीति आयोग की रिपोर्ट देख गंभीर केंद्र सरकार! देशभर में 7 जगहों पर मां-बच्चे के स्वास्थ्य की होगी जांच

महिलाओं और नवजातों में बढ़ रही गंभीर बीमारियों को देखते हुए देश भर के 7 स्थानों में नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद इस तरह के जरूरी कदम उठाए गए हैं. इसी लिस्ट में हरियाणा का नूंह जिला शामिल है.

health check up in nuh by niti ayog
देशभर में 7 जगहों पर मां- बच्चे के स्वास्थ्य की होगी जांच
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Published : Jan 10, 2020, 5:05 PM IST

नूंहः जिले में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र व राज्य सरकार गंभीर नजर आ रही हैं. अल आफिया अस्पताल सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा एवं सीएचसी नगीना में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली की टीम ने प्रयोगशाला खोली है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों में खून के सैंपल लेकर जांच की जाएगी जिससे संबंधित होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा.

देशभर में 7 जगहों को चुना गया
महिलाओं और नवजातों में बढ़ रही गंभीर बीमारियों को देखते हुए देश भर के 7 स्थानों में नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद इस तरह के जरूरी कदम उठाए गए हैं. इसी में शामिल है हरियाणा का नूंह जिला. प्रदेश में इस प्रकार की ये पहली प्रयोगशाला है. सिविल सर्जन डॉ राजीव बातिश ने कहा कि मांडीखेड़ा एवं नगीना सरकारी अस्पताल में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के 5 सदस्य विशेषज्ञों की टीम पिछले काफी समय से नूंह जिले में डेरा डाले हुए है. जिन्होंने दोनों स्थानों पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला तैयार की है.

देशभर में 7 जगहों पर मां- बच्चे के स्वास्थ्य की होगी जांच

10 हजार गर्भवती महिलाओं की होगी जांच
उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में 10 हजार गर्भवती महिलाओं एवं करीब 5 हजार-6 हजार नवजात बच्चों में खून से संबंधित बीमारियों की जांच की जाएगी. कुल मिलाकर नीति आयोग में जो पैरामीटर पिछड़े जिलों की रैंकिंग के हिसाब से तय किए गए हैं. उनमें से 30 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है. इसी के चलते नूंह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में नूंह की महिलाओं में पाई गई सबसे ज्यादा खून की कमी, जानें क्या है मुख्य कारण

मां और नवजात के लिए राहत की खबर
डॉ राजीव बातिश ने बताया कि प्रयोगशाला में जल्द ही जांच का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा अगर किसी प्रकार का कोई टेस्ट गर्भवती महिलाओं या नवजात बच्चों का इस प्रयोगशाला में नहीं होगा तो उसके सैंपल दिल्ली भेजे जाएंगे. ऐसे में राज्य के लोगों के लिए राहत की खबर है कि अब गर्भवती महिलाओं व नवजात में खून से संबंधित बीमारी का जांच के बाद इलाज आसानी से संभव हो सकेगा.

नूंहः जिले में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र व राज्य सरकार गंभीर नजर आ रही हैं. अल आफिया अस्पताल सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा एवं सीएचसी नगीना में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली की टीम ने प्रयोगशाला खोली है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों में खून के सैंपल लेकर जांच की जाएगी जिससे संबंधित होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा.

देशभर में 7 जगहों को चुना गया
महिलाओं और नवजातों में बढ़ रही गंभीर बीमारियों को देखते हुए देश भर के 7 स्थानों में नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद इस तरह के जरूरी कदम उठाए गए हैं. इसी में शामिल है हरियाणा का नूंह जिला. प्रदेश में इस प्रकार की ये पहली प्रयोगशाला है. सिविल सर्जन डॉ राजीव बातिश ने कहा कि मांडीखेड़ा एवं नगीना सरकारी अस्पताल में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के 5 सदस्य विशेषज्ञों की टीम पिछले काफी समय से नूंह जिले में डेरा डाले हुए है. जिन्होंने दोनों स्थानों पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला तैयार की है.

देशभर में 7 जगहों पर मां- बच्चे के स्वास्थ्य की होगी जांच

10 हजार गर्भवती महिलाओं की होगी जांच
उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में 10 हजार गर्भवती महिलाओं एवं करीब 5 हजार-6 हजार नवजात बच्चों में खून से संबंधित बीमारियों की जांच की जाएगी. कुल मिलाकर नीति आयोग में जो पैरामीटर पिछड़े जिलों की रैंकिंग के हिसाब से तय किए गए हैं. उनमें से 30 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है. इसी के चलते नूंह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में नूंह की महिलाओं में पाई गई सबसे ज्यादा खून की कमी, जानें क्या है मुख्य कारण

मां और नवजात के लिए राहत की खबर
डॉ राजीव बातिश ने बताया कि प्रयोगशाला में जल्द ही जांच का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा अगर किसी प्रकार का कोई टेस्ट गर्भवती महिलाओं या नवजात बच्चों का इस प्रयोगशाला में नहीं होगा तो उसके सैंपल दिल्ली भेजे जाएंगे. ऐसे में राज्य के लोगों के लिए राहत की खबर है कि अब गर्भवती महिलाओं व नवजात में खून से संबंधित बीमारी का जांच के बाद इलाज आसानी से संभव हो सकेगा.

Intro:संवाददाता नूह मेवात

स्टोरी :- गर्भवती महिलाओं - नवजात के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र - राज्य सरकार गम्भीर

नूह जिले में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र व राज्य सरकार गंभीर है । अल आफिया अस्पताल सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा एवं सीएचसी नगीना में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली की टीम ने प्रयोगशाला खोली है , ताकि गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों में खून से संबंधित होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सके । हरियाणा प्रदेश में इस प्रकार की यह पहली प्रयोगशाला है , तो देश भर के सिर्फ 7 स्थानों में नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद इस तरह के जरूरी कदम उठाए गए हैं । सिविल सर्जन डॉ राजीव बातिश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मांडीखेड़ा एवं नगीना सरकारी अस्पताल में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के 5 सदस्य विशेषज्ञों की टीम पिछले काफी समय से नूह जिले में डेरा डाले हुए है । जिन्होंने दोनों स्थानों पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला तैयार की है । इस प्रयोगशाला में 10,000 गर्भवती महिलाओं एवं करीब 5000 - 6000 नवजात बच्चों में खून से संबंधित बीमारियों की जांच की जाएगी । Body:आपको बता दें कि इस प्रकार की प्रयोगशाला पूरे प्रदेश में पहले कहीं भी नहीं थी । नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद यह प्रयोगशाला नूह जिले में खोली गई है , ताकि मातृ - शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ -साथ महिलाओं में नवजात की सेहत पर फोकस किया जा सके । कुल मिलाकर नीति आयोग में जो पैरामीटर पिछड़े जिलों की रैंकिंग के हिसाब से तय किए गए हैं । उनमें से 30 फ़ीसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ है । इसी के चलते नूह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही हैं । प्रयोगशाला में जल्द ही जांच का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा अगर किसी प्रकार का कोई टेस्ट गर्भवती महिलाओं या नवजात बच्चों का इस प्रयोगशाला में नहीं होगा तो उसके सैंपल दिल्ली भेजे जाएंगे । कुल मिलाकर राज्य के लोगों के लिए राहत की खबर है कि अब गर्भवती महिलाओं व नवजात में खून से संबंधित बीमारी का जांच के बाद इलाज आसानी से संभव हो सकेगा । ध्यान रहे कि नूह जिले में अनपढ़ता - अज्ञानता के चलते पहले संस्थागत डिलीवरी काफी कम थी और गर्भवती महिलाओं की या नवजात की मौत हो जाती थी , लेकिन इन आंकड़ों में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाए हैं । सिविल सर्जन डॉ राजीव बातिश ने कहा कि यह टेस्ट पहले पूरे हरियाणा के किसी भी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं थे , जो अब नूह जिले में शुरू होने जा रहे हैं।Conclusion:बाइट :- डॉ राजीव बातिश सिविल सर्जन नूह

संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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