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मेवात अस्पताल की मोर्चरी से नहीं आएगी अब लाशों की बदबू, मिला D-फ्रिज

मेवात के अस्पताल को प्रशासन की ओर से डी-फ्रिज मिल गया है. यहां अस्पताल के पास पहले सिर्फ 2 शव रखने वाला फ्रिज था जो पहले से खराब था.

अस्पताल को मिला डी-फ्रिज
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Published : Jun 28, 2019, 7:12 PM IST

मेवात: जिले के सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में अब लाशों की बदबू नहीं आएगी. अस्पताल प्रशासन ने शवों को रखने के लिए जींद से डी-फ्रिज मंगाया है. जिसकी अनुमानित लागत करीब 6-7 लाख रुपये बताई जा रही है. अगले दो-तीन दिन में डी-फ्रिज काम करने लगेगा. लोग शव में बदबू न हो इसके लिए दूर-दराज से बर्फ खरीदकर लाते थे. यहां पहले से दो शवों को रखने के लिए फ्रिज लगा हुआ था, जो खराब था.

डॉक्टर आशीष सिंगला

आपको बता दें कि सामान्य अस्पताल में अकसर डेड बॉडी रखी रहती हैं. सड़क हादसे इत्यादि मामले में जान गंवाने वाले लोगों के शव रोजाना यहां आते रहते हैं. कई बार तो शवों की पहचान नहीं होने के कारण कई-कई दिन तक शव मोर्चरी में रखे रहते थे. ऐसी हालत में शव सड़गल जाते थे. या फिर पुलिस को कई बार सड़ीगली अवस्था मिलते थे. ऐसी स्थिति में प्रशासन को फ्रिज न होने के कारण परेशानी उठानी पड़ती थी.

मेवात: जिले के सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में अब लाशों की बदबू नहीं आएगी. अस्पताल प्रशासन ने शवों को रखने के लिए जींद से डी-फ्रिज मंगाया है. जिसकी अनुमानित लागत करीब 6-7 लाख रुपये बताई जा रही है. अगले दो-तीन दिन में डी-फ्रिज काम करने लगेगा. लोग शव में बदबू न हो इसके लिए दूर-दराज से बर्फ खरीदकर लाते थे. यहां पहले से दो शवों को रखने के लिए फ्रिज लगा हुआ था, जो खराब था.

डॉक्टर आशीष सिंगला

आपको बता दें कि सामान्य अस्पताल में अकसर डेड बॉडी रखी रहती हैं. सड़क हादसे इत्यादि मामले में जान गंवाने वाले लोगों के शव रोजाना यहां आते रहते हैं. कई बार तो शवों की पहचान नहीं होने के कारण कई-कई दिन तक शव मोर्चरी में रखे रहते थे. ऐसी हालत में शव सड़गल जाते थे. या फिर पुलिस को कई बार सड़ीगली अवस्था मिलते थे. ऐसी स्थिति में प्रशासन को फ्रिज न होने के कारण परेशानी उठानी पड़ती थी.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- अल आफिया अस्पताल की मोर्चरी में अब नहीं आएगी लाशों में बदबू

नूंह जिले के सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में अब लाशों में भीषण गर्मी में भी बदबू नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन ने शवों को रखने के लिए हाल ही में जींद से डी फ्रीजर मंगवाया है। जिसकी अनुमानित लागत करीब 6 - 7 लाख रुपये बताई जा रही है। अगले दो - तीन में यह फ्रीजर काम करने लगेगा। अब जो लोग शव में बदबू होने के चलते बर्फ वगैरह खरीदकर अपनी जेब से दूरदराज से लाते थे , अब उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है। गर्मी में भी जमा देने वाली कूलिंग देने वाला नया डी फ्रीजर मोर्चरी में लगवाया जा रहा है। जो खटारा और खराब अवस्था में दो शवों को रखने की क्षमता वाला फ्रीजर पहले लगा हुआ था। अब वह लोगों की चिंता नहीं बढ़ाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक कई बाद लोगों को शव के लिए बर्फ लाकर लगानी पड़ती थी , लेकिन अब एक साथ चार शवों को नए डी फ्रीजर में रखा जा सकेगा। आपको बता दें कि सामान्य अस्पताल में अकसर डेड बॉडी रखी रहती हैं। सड़क हादसे इत्यादि मामले में जान गंवाने वाले लोगों के शव रोजाना यहां आते रहते हैं। कई बार तो शवों की पहचान नहीं होने के कारण कई - कई दिन तक शव मोर्चरी में रखे रहते थे। ऐसी हालत में शव गल - सड़ जाते थे ,या फिर पुलिस को कई बार गली - सड़ी अवस्था मिलते थे , तो बड़ी परेशानी फ्रीजर नहीं होने के कारण उठानी पड़ती थी , लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर डी फ्रीजर का रखरखाव स्वास्थ्य विभाग ने ठीक ढंग से किया तो लम्बे समय के लिए मोर्चरी में रखे जाने वाले शव को लेकर लोगों की टेंशन कम होगी। राजुद्दीन जंग समाजसेवी ने स्वास्थ्य विभाग की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इसकी मांग लम्बे समय से इलाके के लोग कर रहे थे।

बाइट;- डॉक्टर आशीष सिंगला विशेषज्ञ
बाइट;- राजुद्दीन जंग समाजसेवी

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- अल आफिया अस्पताल की मोर्चरी में अब नहीं आएगी लाशों में बदबू

नूंह जिले के सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में अब लाशों में भीषण गर्मी में भी बदबू नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन ने शवों को रखने के लिए हाल ही में जींद से डी फ्रीजर मंगवाया है। जिसकी अनुमानित लागत करीब 6 - 7 लाख रुपये बताई जा रही है। अगले दो - तीन में यह फ्रीजर काम करने लगेगा। अब जो लोग शव में बदबू होने के चलते बर्फ वगैरह खरीदकर अपनी जेब से दूरदराज से लाते थे , अब उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है। गर्मी में भी जमा देने वाली कूलिंग देने वाला नया डी फ्रीजर मोर्चरी में लगवाया जा रहा है। जो खटारा और खराब अवस्था में दो शवों को रखने की क्षमता वाला फ्रीजर पहले लगा हुआ था। अब वह लोगों की चिंता नहीं बढ़ाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक कई बाद लोगों को शव के लिए बर्फ लाकर लगानी पड़ती थी , लेकिन अब एक साथ चार शवों को नए डी फ्रीजर में रखा जा सकेगा। आपको बता दें कि सामान्य अस्पताल में अकसर डेड बॉडी रखी रहती हैं। सड़क हादसे इत्यादि मामले में जान गंवाने वाले लोगों के शव रोजाना यहां आते रहते हैं। कई बार तो शवों की पहचान नहीं होने के कारण कई - कई दिन तक शव मोर्चरी में रखे रहते थे। ऐसी हालत में शव गल - सड़ जाते थे ,या फिर पुलिस को कई बार गली - सड़ी अवस्था मिलते थे , तो बड़ी परेशानी फ्रीजर नहीं होने के कारण उठानी पड़ती थी , लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर डी फ्रीजर का रखरखाव स्वास्थ्य विभाग ने ठीक ढंग से किया तो लम्बे समय के लिए मोर्चरी में रखे जाने वाले शव को लेकर लोगों की टेंशन कम होगी। राजुद्दीन जंग समाजसेवी ने स्वास्थ्य विभाग की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इसकी मांग लम्बे समय से इलाके के लोग कर रहे थे।

बाइट;- डॉक्टर आशीष सिंगला विशेषज्ञ
बाइट;- राजुद्दीन जंग समाजसेवी

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- अल आफिया अस्पताल की मोर्चरी में अब नहीं आएगी लाशों में बदबू

नूंह जिले के सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में अब लाशों में भीषण गर्मी में भी बदबू नहीं होगी। अस्पताल प्रशासन ने शवों को रखने के लिए हाल ही में जींद से डी फ्रीजर मंगवाया है। जिसकी अनुमानित लागत करीब 6 - 7 लाख रुपये बताई जा रही है। अगले दो - तीन में यह फ्रीजर काम करने लगेगा। अब जो लोग शव में बदबू होने के चलते बर्फ वगैरह खरीदकर अपनी जेब से दूरदराज से लाते थे , अब उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है। गर्मी में भी जमा देने वाली कूलिंग देने वाला नया डी फ्रीजर मोर्चरी में लगवाया जा रहा है। जो खटारा और खराब अवस्था में दो शवों को रखने की क्षमता वाला फ्रीजर पहले लगा हुआ था। अब वह लोगों की चिंता नहीं बढ़ाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक कई बाद लोगों को शव के लिए बर्फ लाकर लगानी पड़ती थी , लेकिन अब एक साथ चार शवों को नए डी फ्रीजर में रखा जा सकेगा। आपको बता दें कि सामान्य अस्पताल में अकसर डेड बॉडी रखी रहती हैं। सड़क हादसे इत्यादि मामले में जान गंवाने वाले लोगों के शव रोजाना यहां आते रहते हैं। कई बार तो शवों की पहचान नहीं होने के कारण कई - कई दिन तक शव मोर्चरी में रखे रहते थे। ऐसी हालत में शव गल - सड़ जाते थे ,या फिर पुलिस को कई बार गली - सड़ी अवस्था मिलते थे , तो बड़ी परेशानी फ्रीजर नहीं होने के कारण उठानी पड़ती थी , लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर डी फ्रीजर का रखरखाव स्वास्थ्य विभाग ने ठीक ढंग से किया तो लम्बे समय के लिए मोर्चरी में रखे जाने वाले शव को लेकर लोगों की टेंशन कम होगी। राजुद्दीन जंग समाजसेवी ने स्वास्थ्य विभाग की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इसकी मांग लम्बे समय से इलाके के लोग कर रहे थे।

बाइट;- डॉक्टर आशीष सिंगला विशेषज्ञ
बाइट;- राजुद्दीन जंग समाजसेवी

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
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