नूंह: पूरे देश में एनआरसी और सीएए का लगातार विरोध जारी है. दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 45 दिनों से महिलाएं इस कानून के विरोध में बैठी है. अब इन शाहीन बाग की महिलाओं के और सीएए व एनआरसी कानून के विरोध में मेवात बार असोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है.
शाहीन बाग के समर्थन में मेवात बार असोसिएशन उतरा
शनिवार को मेवात बार असोसिएशन की बैठक हुई, जिसमें ये फैसला लिया गया. बैठक में बताया गया कि मेवात बार न केवल विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनेगा बल्कि अगर किसी पर कार्रवाई की गई तो निचली अदालत से लेकर सुप्रीम अदालत तक केस फ्री लड़ेगी. आपको बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर नूंह जिले की राजधानी बड़कली चौक पर भी लोग सीएए और एनआरसी कानून के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं.
बड़कली चौक पर भी धरना शुरू
गांधी बलिदान दिवस गत 30 जनवरी को इस धरना-प्रदर्शन की शुरुआत की गई थी. पिछले तीन दिन से लगातार धरना जारी है. शाहीन बाग और बड़कली चौक के धरने में फर्क इतना है कि वहां महिलाओं की संख्या अधिक है और यहां कम है.
पुन्हाना बार ने भी दिया समर्थन
बार के वकीलों ने दो टूक कहा कि ये देश को तोड़ने वाला कानून है. उन्हें किसी सूरत में ये कानून स्वीकार नहीं है. सरकार इसे तत्काल वापस लेने का एलान करे. ताहिर हुसैन एडवोकेट ने बताया कि पुन्हाना बार एशोसिएशन भी उनके साथ इस फैसले में साथ खड़ी है.
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वकीलों ने दी ये चेतावनी
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों पर किसी प्रकार की ज्यादती से लेकर क़ानूनी कार्रवाई की गई तो वकील न केवल इसका डटकर विरोध करेंगे बल्कि न्यायपालिका में मजबूती से वकालत करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार से कानून को वापस लेने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी.