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ECI की मतदान तैयारियों पर समीक्षा : 11 जिलों के पदाधिकारी बैठक में हुए शामिल, आयोग ने दिए निर्देश - HARYANA ASSEMBLY ELECTION 2024

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

चंडीगढ़ में भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को मीटिंग की, जिसमें 1 जिलों के मंडल आयुक्त, आईजी पुलिस रेंज, डिप्टी कमिश्नर कम डीईओ, पुलिस आयुक्तों और एसपी, जनरल ऑब्जर्वर व पुलिस ऑब्जर्वर शामिल रहे. बैठक में मतदान तैयारियों की समीक्षा की गई.

ECI REVIEWS VOTING PREPARATIONS
चंडीगढ़ में चुनाव आयोग की बैठक (Etv Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा के 12-13 अगस्त 2024 दौरे के दौरान चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को जारी निर्देशों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को मीटिंग की. चुनाव की तैयारियों के संबंध में इस बैठक में 11 जिलों के मंडल आयुक्त, आईजी पुलिस रेंज, डिप्टी कमिश्नर कम डीईओ, पुलिस आयुक्तों और एसपी, जनरल ऑब्जर्वर व पुलिस ऑब्जर्वर शामिल रहे. इस टीम में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार, निदेशक व्यय पंकज श्रीवास्तव, उप चुनाव आयुक्त संजीव कुमार और प्रमुख सचिव एसबी जोशी शामिल रहे. यह बैठक हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में हुई.

आयोग ने दिए थे ये निर्देश: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ प्रशासनिक, कानून व्यवस्था व चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी. आयोग ने कानून एवं व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाए रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दिए थे. साथ ही मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाने के निर्देश भी दिए गए थे. इसके अलावा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल वातावरण के साथ पोलिंग बूथों पर न्यूनतम सुनिश्चित सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिए. डीईओ को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ होने और विभिन्न चुनाव संबंधी गतिविधियों से संबंधित शिकायतों का तुरंत समाधान करने के निर्देश भी दिए गए.

इसे भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव: हरियाणा में मतदाताओं की अंतिम सूची तैयार, जानिए प्रदेश में कुल कितने वोटर - Total Voter Number in Haryana

इन चरणों की समीक्षा की: आयोग की ओर से गत दिवस की गई बैठक में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार ने मतदाता सूचियों के अंकन, एएसडी (अनुपस्थित, स्थानांतरित, डुप्लिकेट या मृत) सूचियों को तैयार करने की समय-योजना, मतदाता सूचियों के वितरण, मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) वितरण और मतदाता सूचियों संबंधी किसी भी बड़ी शिकायत के समाधान की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि लंबित ईपीआईसी कार्डों की छपाई प्रिंटर से कराई जाए और 30 सितंबर तक ईपीआईसी कार्ड वितरित किए जाएं. इस कार्य का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ को लगाया जा सकता है. अंकित सूचियां निर्देशों के अनुसार तैयार करने और उम्मीदवारों को सौंपी जाने वाली मतदाता सूचियों की प्रतियों का मिलान अंकित मतदाता सूचियों से किया जाना चाहिए.

मतदान केंद्रों का निरीक्षण और संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश: जिला आयुक्तों-सह-डीईओ और एसपी को व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए. आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलओ की ओर से मतदाता सुविधा बूथ स्थापित किए जाने पर बल दिया. लाइनों में खड़े मतदाताओं की सुविधा के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.

उच्च गुणवत्ता के कैमरे और वेबकास्टिंग आवश्यक: टीम ने सभी मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग की आवश्यकता बताई और बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवता के कैमरों का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए. टीम ने कहा कि कैमरों को इस तरह से स्थापित किया जाना चाहिए कि वे प्रभावी निगरानी के लिए मतदान केंद्रों को ठीक से कवर करें. मतदान की गोपनीयता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. डीईओ ने चुनाव आयोग को विशेष मॉडल मतदान केंद्रों की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी. इनमें पूरी तरह से महिला कर्मचारियों की ओर से संचालित ‘गुलाबी बूथ’, युवा कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित बूथ और दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) कर्मचारियों द्वारा देखरेख वाले बूथ शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें: बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु के पास 320 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, अनूप धानक के पास सबसे कम - Harayna Election 2024

पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी: पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे जानकारी दी. टीम ने केंद्रीय बलों की तैनाती और अन्य सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया. हालांकि पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय करके सीमावर्ती क्षेत्रों की बेहतर निगरानी के लिए तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया.

लोकसभा चुनावों की तुलना में जब्ती कम: आयकर विभाग, एसजीएसटी, सीजीएसटी, राज्य पुलिस, राजस्व खुफिया निदेशालय, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नागरिक उड्डयन, सीमा शुल्क और राज्य परिवहन की प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक अन्य बैठक में टीम ने पाया कि हाल के लोकसभा चुनावों की तुलना में जब्ती कम हुई है. इस कारण रणनीति को फिर से तैयार करने और विभिन्न फ्लाइंग स्क्वाड निगरानी टीमों व स्थैतिक निगरानी टीमों के कामकाज की निगरानी करने पर बल दिया. पुलिस को आयोग के पुलिस मैनुअल के अनुसार अंतर राज्यीय सीमा पर मिरर चेक पोस्टों की तत्काल स्थापना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. पुलिस अधिकारियों ने निगरानी बढ़ाने और जब्ती बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया. साथ ही आयोग ने चेताया कि इन कर्तव्यों का पालन करते समय लोगों को असुविधा न हो. आबकारी एवं कराधान विभाग, आरपीएफ, जीआरपी, आयकर विभाग आदि जैसी अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को भी नकदी, मादक पदार्थों और अवैध शराब के प्रवाह को नियंत्रित करने और रोकने के लिए बेहतर समन्वित प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित और निर्देशित किया गया.

प्रशिक्षण संबंधी तैयारी की समीक्षा: टीम ने मतगणना केंद्रों, डाक मतपत्रों, मतदान कर्मचारियों के प्रशिक्षण से संबंधित तैयारियों की भी समीक्षा की. जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उपरोक्त मुद्दों पर जानकारी दी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि करनाल में एक केंद्रीकृत डाक मतपत्र संग्रह केंद्र स्थापित किया जाएगा. घर से मतदान के लिए दिव्यांग मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए मतदान एजेंट की उपस्थिति में आरओ द्वारा प्रावधान किए जाएंगे और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए. दिव्यांग मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की परिवहन सुविधा जैसी अन्य आवश्यकताएं जहां भी आवश्यक हों, विभाग द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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मतदाताओं की संख्या बढ़ाने पर जोर: टीम ने इन चुनावों में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर और राज्य स्तर पर अधिकतम प्रयास किए जाने को दोहराया. उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील जिलों में अच्छे मतदान का हवाला देते हुए कहा कि राज्य को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए. बैठक के अंत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने पर बल दिया. बैठक में शामिल जिलों में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार शामिल हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा के 12-13 अगस्त 2024 दौरे के दौरान चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को जारी निर्देशों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को मीटिंग की. चुनाव की तैयारियों के संबंध में इस बैठक में 11 जिलों के मंडल आयुक्त, आईजी पुलिस रेंज, डिप्टी कमिश्नर कम डीईओ, पुलिस आयुक्तों और एसपी, जनरल ऑब्जर्वर व पुलिस ऑब्जर्वर शामिल रहे. इस टीम में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार, निदेशक व्यय पंकज श्रीवास्तव, उप चुनाव आयुक्त संजीव कुमार और प्रमुख सचिव एसबी जोशी शामिल रहे. यह बैठक हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में हुई.

आयोग ने दिए थे ये निर्देश: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ प्रशासनिक, कानून व्यवस्था व चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी. आयोग ने कानून एवं व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाए रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दिए थे. साथ ही मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाने के निर्देश भी दिए गए थे. इसके अलावा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल वातावरण के साथ पोलिंग बूथों पर न्यूनतम सुनिश्चित सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिए. डीईओ को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ होने और विभिन्न चुनाव संबंधी गतिविधियों से संबंधित शिकायतों का तुरंत समाधान करने के निर्देश भी दिए गए.

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इन चरणों की समीक्षा की: आयोग की ओर से गत दिवस की गई बैठक में उप चुनाव आयुक्त हृदेश कुमार ने मतदाता सूचियों के अंकन, एएसडी (अनुपस्थित, स्थानांतरित, डुप्लिकेट या मृत) सूचियों को तैयार करने की समय-योजना, मतदाता सूचियों के वितरण, मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) वितरण और मतदाता सूचियों संबंधी किसी भी बड़ी शिकायत के समाधान की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि लंबित ईपीआईसी कार्डों की छपाई प्रिंटर से कराई जाए और 30 सितंबर तक ईपीआईसी कार्ड वितरित किए जाएं. इस कार्य का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ को लगाया जा सकता है. अंकित सूचियां निर्देशों के अनुसार तैयार करने और उम्मीदवारों को सौंपी जाने वाली मतदाता सूचियों की प्रतियों का मिलान अंकित मतदाता सूचियों से किया जाना चाहिए.

मतदान केंद्रों का निरीक्षण और संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश: जिला आयुक्तों-सह-डीईओ और एसपी को व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए. आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलओ की ओर से मतदाता सुविधा बूथ स्थापित किए जाने पर बल दिया. लाइनों में खड़े मतदाताओं की सुविधा के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.

उच्च गुणवत्ता के कैमरे और वेबकास्टिंग आवश्यक: टीम ने सभी मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग की आवश्यकता बताई और बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवता के कैमरों का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए. टीम ने कहा कि कैमरों को इस तरह से स्थापित किया जाना चाहिए कि वे प्रभावी निगरानी के लिए मतदान केंद्रों को ठीक से कवर करें. मतदान की गोपनीयता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. डीईओ ने चुनाव आयोग को विशेष मॉडल मतदान केंद्रों की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी. इनमें पूरी तरह से महिला कर्मचारियों की ओर से संचालित ‘गुलाबी बूथ’, युवा कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित बूथ और दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) कर्मचारियों द्वारा देखरेख वाले बूथ शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें: बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु के पास 320 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, अनूप धानक के पास सबसे कम - Harayna Election 2024

पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी: पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बारे जानकारी दी. टीम ने केंद्रीय बलों की तैनाती और अन्य सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया. हालांकि पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय करके सीमावर्ती क्षेत्रों की बेहतर निगरानी के लिए तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया.

लोकसभा चुनावों की तुलना में जब्ती कम: आयकर विभाग, एसजीएसटी, सीजीएसटी, राज्य पुलिस, राजस्व खुफिया निदेशालय, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, नागरिक उड्डयन, सीमा शुल्क और राज्य परिवहन की प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक अन्य बैठक में टीम ने पाया कि हाल के लोकसभा चुनावों की तुलना में जब्ती कम हुई है. इस कारण रणनीति को फिर से तैयार करने और विभिन्न फ्लाइंग स्क्वाड निगरानी टीमों व स्थैतिक निगरानी टीमों के कामकाज की निगरानी करने पर बल दिया. पुलिस को आयोग के पुलिस मैनुअल के अनुसार अंतर राज्यीय सीमा पर मिरर चेक पोस्टों की तत्काल स्थापना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. पुलिस अधिकारियों ने निगरानी बढ़ाने और जब्ती बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया. साथ ही आयोग ने चेताया कि इन कर्तव्यों का पालन करते समय लोगों को असुविधा न हो. आबकारी एवं कराधान विभाग, आरपीएफ, जीआरपी, आयकर विभाग आदि जैसी अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को भी नकदी, मादक पदार्थों और अवैध शराब के प्रवाह को नियंत्रित करने और रोकने के लिए बेहतर समन्वित प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित और निर्देशित किया गया.

प्रशिक्षण संबंधी तैयारी की समीक्षा: टीम ने मतगणना केंद्रों, डाक मतपत्रों, मतदान कर्मचारियों के प्रशिक्षण से संबंधित तैयारियों की भी समीक्षा की. जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उपरोक्त मुद्दों पर जानकारी दी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि करनाल में एक केंद्रीकृत डाक मतपत्र संग्रह केंद्र स्थापित किया जाएगा. घर से मतदान के लिए दिव्यांग मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए मतदान एजेंट की उपस्थिति में आरओ द्वारा प्रावधान किए जाएंगे और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए. दिव्यांग मतदाताओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की परिवहन सुविधा जैसी अन्य आवश्यकताएं जहां भी आवश्यक हों, विभाग द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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मतदाताओं की संख्या बढ़ाने पर जोर: टीम ने इन चुनावों में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर और राज्य स्तर पर अधिकतम प्रयास किए जाने को दोहराया. उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील जिलों में अच्छे मतदान का हवाला देते हुए कहा कि राज्य को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए. बैठक के अंत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने पर बल दिया. बैठक में शामिल जिलों में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार शामिल हैं.

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