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नूंह में फसल बीमा योजना के बारे में किसानों को किया गया जागरुक

मेरी पॉलिसी मेरे हाथ योजना के तहत किसानों को फसल बीमा योजना के बारे में जागरुक किया जा रहा है. जिससे उनकी फसल में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके.

Meri Policy Mere Haath Campaign
कृषि विभाग जिला क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी
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Published : Sep 13, 2022, 10:27 PM IST

नूंह: हरियाणा के नूंह में किसानों की फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना के बारे में उन्हें जागरुक किया जा रहा है. कृषि विभाग जिला क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी डॉ. अजय तोमर ने बताया कि फसल बीमा योजना के लिए बीते 12 सितंबर को 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ योजना' (Meri Policy Mere Haath Campaign) के तहत किसान भाइयों को फसलों के इंश्योरेंस के लिए पॉलिसी हैंड ओवर की गई. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग कार्यालय नूंह में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को बुलाकर पॉलिसी वितरित की गई है.

डॉ. अजय तोमर ने बताया कि किसान फसल बीमा योजना की तरफ काफी रुझान दिखा रहे हैं. बीते साल की तुलना में ज्यादा किसानों ने इंश्योरेंस अपनी फसलों का कराया है. उन्होंने कहा कि अगर किसान फसलों का बीमा नहीं कराएंगे तो लाभ से वंचित रह जाएंगे. प्राकृतिक आपदा, बाढ़, सूखा जैसे कई विषम हालातों से किसानों की फसल खराब हो जाती है लेकिन उसकी भरपाई नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि इसलिए किसानों को बीमा हर हाल में कराना चाहिए. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नॉन लोनी भी अब इस स्कीम का लाभ लेने लगे हैं. बता दें कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों के बीच जाकर उन्हें फसल बीमा स्कीम के बारे में विस्तार पूर्वक मामले की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि जिले में लाभार्थियों की संख्या 13 हजार के लगभग है.

कृषि विभाग जिला क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी

डॉ. अजय तोमर ने बताया कि पिछले साल का प्रीमियम इस बार कई गुणा बढ़कर आया है. तकरीबन 4 करोड़ रुपए की राशि बीते वर्ष के लंबित बीमा के रूप में कुछ समय पहले किसानों को बांटी गई है. उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों का नुकसान होगा तो उनकी भरपाई करने के लिए सरकार पूरी तरह से तत्पर है. इस बार बरसात कम होने और सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण ज्वार, बाजरा जैसी कई फसलें सूख रही हैं. अगर फसल बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन कराया होगा तो किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

नूंह: हरियाणा के नूंह में किसानों की फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना के बारे में उन्हें जागरुक किया जा रहा है. कृषि विभाग जिला क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी डॉ. अजय तोमर ने बताया कि फसल बीमा योजना के लिए बीते 12 सितंबर को 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ योजना' (Meri Policy Mere Haath Campaign) के तहत किसान भाइयों को फसलों के इंश्योरेंस के लिए पॉलिसी हैंड ओवर की गई. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग कार्यालय नूंह में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को बुलाकर पॉलिसी वितरित की गई है.

डॉ. अजय तोमर ने बताया कि किसान फसल बीमा योजना की तरफ काफी रुझान दिखा रहे हैं. बीते साल की तुलना में ज्यादा किसानों ने इंश्योरेंस अपनी फसलों का कराया है. उन्होंने कहा कि अगर किसान फसलों का बीमा नहीं कराएंगे तो लाभ से वंचित रह जाएंगे. प्राकृतिक आपदा, बाढ़, सूखा जैसे कई विषम हालातों से किसानों की फसल खराब हो जाती है लेकिन उसकी भरपाई नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि इसलिए किसानों को बीमा हर हाल में कराना चाहिए. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नॉन लोनी भी अब इस स्कीम का लाभ लेने लगे हैं. बता दें कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों के बीच जाकर उन्हें फसल बीमा स्कीम के बारे में विस्तार पूर्वक मामले की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि जिले में लाभार्थियों की संख्या 13 हजार के लगभग है.

कृषि विभाग जिला क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी

डॉ. अजय तोमर ने बताया कि पिछले साल का प्रीमियम इस बार कई गुणा बढ़कर आया है. तकरीबन 4 करोड़ रुपए की राशि बीते वर्ष के लंबित बीमा के रूप में कुछ समय पहले किसानों को बांटी गई है. उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों का नुकसान होगा तो उनकी भरपाई करने के लिए सरकार पूरी तरह से तत्पर है. इस बार बरसात कम होने और सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण ज्वार, बाजरा जैसी कई फसलें सूख रही हैं. अगर फसल बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन कराया होगा तो किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

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