नूंह: जुनैद मौत केस (junaid death case) में परिजनों ने फरीदाबाद पुलिस (faridabad police) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों ने मामले में एसआईटी (Special Investigation Team) के गठन की मांग की है. ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके. जमालगढ़ गांव के लोगों और मृतक जुनैद के परिजनों ने मेडिकल बोर्ड से डेड बॉडी का पोस्टमार्टम और आरोपी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
क्या हैं परिजनों की मांगें?
- मेडिकल बोर्ड से डेड बॉडी का पोस्टमार्टम किया जाए
- आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए
- मृतक जुनैद के दो सगे भाई इरशाद और आजाद को तुरंत रिहा किया जाए
- मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए
जानें क्या है पूरा मामला?
परिजनों का कहना है कि 31 मई को जुनैद और उसके दोस्त बारात से नूंह लौट रहे थे. जहां से फरीदाबाद पुलिस ने उन्हें चोरी और ऑनलाइन ठगी के शक पर हिरासत में लिया. पुलिस का आरोप है कि पुलिस ने जुनैद की बेरहमी से पिटाई की. जिसकी वजह से जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि अभी जुनैद के दो सगे भाई इरशाद और आजाद पुलिस की हिसारत में हैं. उन्हें भी पुलिस जबरदस्ती उठाकर ले गई थी.
फरीदाबाद पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप
परिजनों का कहना है कि जब उनको पता चला कि जुनैद को पुलिस उठाकर ले गई है तो उन्होंने फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) से बातचीत की. जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने उनसे जनैद को छोड़ने की एवज में 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. जुनैद का भाई आजाद 70 हजार रुपये की रिश्वत लेकर उसे फरीदाबाद पुलिस हिसारत से छुड़वाकर लाया था. जिसके करीब 12 दिन बाद जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि जुनैद को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उसकी तबियत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद उसने शनिवार को दम तोड़ दिया.
जुनैद की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने पुन्हाना रोड पर जाम लगा दिया. सूचना मिलने पर पुलिस जाम खुलवाने पहुंची तो गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पीसीआर में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया. बिगड़ते हालात को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया. अब ग्रामीण और परिजन आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.