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हरियाणा: महज कागजों तक सिमटी जल जीवन मिशन योजना, पीने के पानी के लिए तरस रहे सैकड़ों गांवों के लोग - नूंह में जल जीवन मिशन योजना

जल जीवन मिशन योजना पर पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाया जा रहा है बावजूद इसके नूंह जिले के सैकड़ों गांव पीने के पानी के लिए तरस रहे ( jal Jeevan Mission Scheme In Nuh) हैं.

jal Jeevan Mission Scheme In Nuh
नूंह के सैकड़ों गांवों के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं.
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Published : Apr 30, 2022, 9:41 AM IST

नूंह: हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही जल जीवन मिशन योजना पर पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाया जा रहा है. इस योजना से हर गांव के हर घर को जल देना निश्चित किया गया है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदारों की मनमानी के चलते यह योजना अपने लक्ष्य से भटक रही है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने गांवों में पाइप लाइन तो ताबड़तोड़ बिछा दी. पानी का नल भी लगा दिया लेकिन उनमें पानी आपूर्ति करना शायद भूल गए. अभी भी नूंह जिले के सैकड़ों गांवों में पानी की किल्लत (Drinking Water Crisis In Nuh) है.

यह मामला ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में भी कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल के सामने प्रमुखता से उठाया गया. डॉक्टर बनवारी लाल ने कहा कि इस योजना में गांव स्तर पर कमेटी बनाई गई थी लेकिन कुछ लोगों ने अपने आधार कार्ड वगैरह नहीं दिए. इस वजह से कुछ घर इस योजना में छूट गए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दोबारा से ऐसे घरों का एस्टीमेट तैयार किया जाए जिन घरों में अभी तक कनेक्शन नहीं लगा है. उनको हर हाल में कनेक्शन दिया जाए. इस योजना में हर व्यक्ति को नल व जल देकर कवर करना है.

जब इस बारे में गांव वालों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि योजना को पलीता लगाने के लिए अधिकारी और ठेकेदार मिले हुए हैं. पाइपलाइन तो गांव में बिछाई गई लेकिन उसमें पानी सप्लाई नहीं किया गया. मेवात जिले में भूजल गहरा और खारा है. नहरी पानी ना के बराबर है. ऐसे में सिर्फ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा सप्लाई किए जाने वाला पानी ही प्यास बुझाने के लिए सहारा है. गांव वालों को एक हजार से पंद्रह सौ रुपये में पानी का टैंकर खरीद कर पंद्रह दिन तक उस पानी से गुजारा करने को मजबूर हैं. आज भी इस जिले में लाखों रुपये का प्रतिमाह पानी खरीद कर लोगों को पीना पड़ रहा है.

कुछ ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि इस योजना में सिर्फ कमीशन बाजी का खेल चल रहा है. अधिकारी धरातल पर इस योजना को पूरी तरह से लागू नहीं करा पा रहे हैं. अभी भी बहुत से घरों को कनेक्शन नहीं दिया गया है जिन घरों को पानी का कनेक्शन मिला भी है तो उनमें भी पानी आने का इंतजार है. अधिकारियों ने ग्रीवेंस की कमेटी में कैबिनेट मंत्री के सामने भरोसा दिलाया कि इस योजना से जल्दी ही हर घर को पानी दिया जाएगा. खास बात यह है कि पाइप लाइन डालने के लिए अच्छे खासे रास्तों को खोद दिया गया. बाद में उन्हें ठीक तक नही किया.

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नूंह: हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही जल जीवन मिशन योजना पर पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाया जा रहा है. इस योजना से हर गांव के हर घर को जल देना निश्चित किया गया है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदारों की मनमानी के चलते यह योजना अपने लक्ष्य से भटक रही है. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने गांवों में पाइप लाइन तो ताबड़तोड़ बिछा दी. पानी का नल भी लगा दिया लेकिन उनमें पानी आपूर्ति करना शायद भूल गए. अभी भी नूंह जिले के सैकड़ों गांवों में पानी की किल्लत (Drinking Water Crisis In Nuh) है.

यह मामला ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में भी कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल के सामने प्रमुखता से उठाया गया. डॉक्टर बनवारी लाल ने कहा कि इस योजना में गांव स्तर पर कमेटी बनाई गई थी लेकिन कुछ लोगों ने अपने आधार कार्ड वगैरह नहीं दिए. इस वजह से कुछ घर इस योजना में छूट गए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दोबारा से ऐसे घरों का एस्टीमेट तैयार किया जाए जिन घरों में अभी तक कनेक्शन नहीं लगा है. उनको हर हाल में कनेक्शन दिया जाए. इस योजना में हर व्यक्ति को नल व जल देकर कवर करना है.

जब इस बारे में गांव वालों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि योजना को पलीता लगाने के लिए अधिकारी और ठेकेदार मिले हुए हैं. पाइपलाइन तो गांव में बिछाई गई लेकिन उसमें पानी सप्लाई नहीं किया गया. मेवात जिले में भूजल गहरा और खारा है. नहरी पानी ना के बराबर है. ऐसे में सिर्फ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा सप्लाई किए जाने वाला पानी ही प्यास बुझाने के लिए सहारा है. गांव वालों को एक हजार से पंद्रह सौ रुपये में पानी का टैंकर खरीद कर पंद्रह दिन तक उस पानी से गुजारा करने को मजबूर हैं. आज भी इस जिले में लाखों रुपये का प्रतिमाह पानी खरीद कर लोगों को पीना पड़ रहा है.

कुछ ग्रामीण तो यहां तक कहते हैं कि इस योजना में सिर्फ कमीशन बाजी का खेल चल रहा है. अधिकारी धरातल पर इस योजना को पूरी तरह से लागू नहीं करा पा रहे हैं. अभी भी बहुत से घरों को कनेक्शन नहीं दिया गया है जिन घरों को पानी का कनेक्शन मिला भी है तो उनमें भी पानी आने का इंतजार है. अधिकारियों ने ग्रीवेंस की कमेटी में कैबिनेट मंत्री के सामने भरोसा दिलाया कि इस योजना से जल्दी ही हर घर को पानी दिया जाएगा. खास बात यह है कि पाइप लाइन डालने के लिए अच्छे खासे रास्तों को खोद दिया गया. बाद में उन्हें ठीक तक नही किया.

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