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प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई की महिला विंग बदहाल, उद्घाटन तक करना भूल गई सरकार!

इन 6 सालों में सिर्फ 33 लड़कियों ने आईटीआई में दाखिला लिया है. अध्यापकों की कमी की वजह से सभी लड़कियां घर बैठने पर मजबूर हैं. कुछ छात्राओं ने तो पढ़ने के लिए 20 किलोमीटर दूर सोहना आईटीआई का रुख किया.

ITI in Marora village is in bad condition
ITI in Marora village is in bad condition
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Published : Feb 15, 2020, 11:48 PM IST

नूंह: मेवात से महज दो किलोमीटर दूर मरोड़ा गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई में बनी महिला विंग बदहाली पर आंसू बहा रहा है. करीब 6 साल पहले ये आईटीआई बनकर तैयार हो गया था. ना तो इसमें स्टाफ है और ना ही कोई छात्र.

6 सालों में सिर्फ 33 लड़कियों ने लिया दाखिला

इन 6 सालों में सिर्फ 33 लड़कियों ने आईटीआई में दाखिला लिया है. अध्यापकों की कमी की वजह से सभी लड़कियां घर बैठने पर मजबूर हैं. कुछ छात्राओं ने तो पढ़ने के लिए 20 किलोमीटर दूर सोहना आईटीआई का रुख किया.

मरोड़ा गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई में बनी महिला विंग बदहाली पर आंसू बहा रहा है

1 करोड़ 65 लाख रुपये की आई है लागत

कहने को तो मरोड़ा वूमेन आईटीआई में करीब 218 लड़कियों की सीटें हैं. यहां बने बॉयज आईटीआई में तो जैसे-तैसे पढ़ाई रही है, लेकिन वूमेन आईटीआई की बिल्डिंग में तो छात्राओं से लेकर अध्यापक के पैर तक नहीं पड़े हैं. आईटीआई शरारती तत्वों का अड्डा बनकर रह गई है.

बिल्डिंग का उदघाटन करना भूल गई सरकार!

हैरानी कि बात तो ये है कि करोड़ों रुपये लगाने के बाद बीजेपी सरकार इस बिल्डिंग का उदघाटन करना ही भूल गई. उद्घाटन से पहले ही बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. देखरेख के अभाव में खंडहर होता जा रहा है.

ये भी पढ़ें- दुबई में फंसे 29 भारतीय युवकों में से 8 को लाया गया भारत, जानिए कैसे पहुंचे स्वदेश

ये आलीशान भवन सफेद हाथी साबित हो रहा है. तकनीकी शिक्षा और स्किल सेंटर खोलकर बेरोजगारों को रोजगार के साधन मुहैया कराने का दावा करने वाली मनोहर सरकार को प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई की सुध लेने का वक्त नहीं है. दो मंजिला आईटीआई भवन को कब स्टाफ नसीब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

नूंह: मेवात से महज दो किलोमीटर दूर मरोड़ा गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई में बनी महिला विंग बदहाली पर आंसू बहा रहा है. करीब 6 साल पहले ये आईटीआई बनकर तैयार हो गया था. ना तो इसमें स्टाफ है और ना ही कोई छात्र.

6 सालों में सिर्फ 33 लड़कियों ने लिया दाखिला

इन 6 सालों में सिर्फ 33 लड़कियों ने आईटीआई में दाखिला लिया है. अध्यापकों की कमी की वजह से सभी लड़कियां घर बैठने पर मजबूर हैं. कुछ छात्राओं ने तो पढ़ने के लिए 20 किलोमीटर दूर सोहना आईटीआई का रुख किया.

मरोड़ा गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई में बनी महिला विंग बदहाली पर आंसू बहा रहा है

1 करोड़ 65 लाख रुपये की आई है लागत

कहने को तो मरोड़ा वूमेन आईटीआई में करीब 218 लड़कियों की सीटें हैं. यहां बने बॉयज आईटीआई में तो जैसे-तैसे पढ़ाई रही है, लेकिन वूमेन आईटीआई की बिल्डिंग में तो छात्राओं से लेकर अध्यापक के पैर तक नहीं पड़े हैं. आईटीआई शरारती तत्वों का अड्डा बनकर रह गई है.

बिल्डिंग का उदघाटन करना भूल गई सरकार!

हैरानी कि बात तो ये है कि करोड़ों रुपये लगाने के बाद बीजेपी सरकार इस बिल्डिंग का उदघाटन करना ही भूल गई. उद्घाटन से पहले ही बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. देखरेख के अभाव में खंडहर होता जा रहा है.

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ये आलीशान भवन सफेद हाथी साबित हो रहा है. तकनीकी शिक्षा और स्किल सेंटर खोलकर बेरोजगारों को रोजगार के साधन मुहैया कराने का दावा करने वाली मनोहर सरकार को प्रदेश की सबसे बड़ी आईटीआई की सुध लेने का वक्त नहीं है. दो मंजिला आईटीआई भवन को कब स्टाफ नसीब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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