फरीदाबाद: जिले में ड्रीम प्रोजेक्ट मंझावली पुल का उद्घाटन 26 जनवरी को होना था, लेकिन किसी विवाद के कारण ऐसा नहीं हुआ. हालांकि विवाद को सुलझा लिया गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही ग्रेटर नोएडा से फरीदाबाद आने जाने वाले लाखों लोगों को बड़ी सौगात मिलने वाली है. इस पुल के निर्माण में लगातार कोई ना कोई रुकावटें आ रही है. अब सभी रुकावटें खत्म हो चुकी है. ऐसे में जल्द ही लोगों को मंझावली पुल की सौगात मिलने वाली है.
मुआवजे को लेकर शुरु हुआ था विवाद: दरअसल मंझावली पुल पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है, लेकिन पुल को जोड़ने वाली नोएडा की तरफ की लगभग 1 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. इस कारण किसान और प्रशासन के बीच मुआवजा को लेकर विवाद है, लेकिन अब इस विवाद को भी सुलझा लिया गया है. अब जिला प्रशासन और किसानों के बीच मुआवजा को लेकर सहमति बन गई है. प्रशासन ने इसके लिए 40 किसानों की सूची भी जारी की है, जिन्हें जल्द ही 3720 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 25 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी.
सुलझा लिया गया है विवाद: इस बारे में एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "हरियाणा की सीमा के अंतर्गत मंझावली पुल और सड़क का निर्माण पूरी तरह से हो गया है, लेकिन नोएडा की तरफ से अट्टा गुजरात गांव से सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा था, जिसकी मुख्य वजह थी. मुआवजा राशि को लेकर विवाद, लेकिन अब मुआवजा राशि के विवाद को सुलझा लिया गया है. अब सड़क का निर्माण जल्दी हो जाएगा, जिसको मंझावली पुल से कनेक्ट किया जाएगा, हालांकि हरियाणा की तरफ से पूरी तरह से पुल और सड़क तैयार है, लेकिन ग्रेटर नोएडा की तरफ से इसका विवाद चल रहा था. अब प्रशासन ने 6.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया है, जिस पर 1 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा."
26 जनवरी को होना था उद्घाटन: मंझावली पुल का राज्य मंत्री राजेश नागर ने हाल ही में दौरा किया था. उन्होंने 26 जनवरी को पुल का उद्घाटन करने की बात कही थी, लेकिन नोएडा में जमीन विवाद को लेकर ऐसा हो नहीं पाया. हालांकि अब रास्ता साफ हो गया है. जल्दी फरीदाबाद और नोएडा के लाखों लोगों को बड़ी सौगात मंझावली पुल के तौर पर मिलने वाली है. 1 घंटे का सफर कुछ ही मिनट में लोग तय कर लेंगे. पुल के तैयार होने से फरीदाबाद और नोएडा के लोगों की लगभग 25 किलोमीटर का सफर बच जाएगा, जिसमें लोंगो का आवागमन बेहद आसान हो जाएगा.
नितिन गडकरी ने रखी थी आधारशिला: बता दें कि 122 करोड़ की लागत से 630 मीटर लम्बी चार लाइन के इस पुल का 15 अगस्त 2014 को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आधारशिला रखी थी. 4 साल बाद 2018 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ. इसी बीच कोरोना के चलते इसका निर्माण बंद कर दिया गया, लेकिन किसी न किसी वजह से इस कार्य में देरी होती गई. इसी वजह से राज्य मंत्री राजेश नागर खुद मंझावली पुल का दौरा करके आए थे.अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि 26 जनवरी 2025 को मंझावली पुल जनता को समर्पित किया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि अब जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा, जिससे लाखों लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
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