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इनेलो विधायक जाकिर हुसैन थाम सकते हैं बीजेपी का दामन, सोशल मीडिया पर छाई खबर

विधायक एवं 36 बिरादरी के नेता चौधरी जाकिर हुसैन ने पिछले करीब दस दिनों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है. विधायक रणबीर गंगवा के इनेलो से अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के करीबी इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गरम है.

जाकिर हुसैन थाम सकते हैं बीजेपी का दामन
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Published : Mar 24, 2019, 5:20 PM IST

नूंह: इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के सोमवार को भाजपा का दामन थामने की खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही. आपको बता दें सोशल मीडिया पर जो खबर वायरल हो रही है, उसमें सोमवार दोपहर बाद तीन बजे भाजपा का दामन थामने का दावा किया जा रहा है.

विधायक नूंह के समर्थकों में भी इस बात की चर्चा जोरों पर है. हालाकि विधायक जाकिर हुसैन इस बात से अभी साफ इंकार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बावजूद भी विधायक जाकिर हुसैन ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसे सही बताया, लेकिन विधायक की चुप्पी में ही कई सवालों का जवाब छिपा हुआ है.

सूत्रों से खबर मिली है कि विधायक एवं 36 बिरादरी के नेतै चौधरी जाकिर हुसैन ने पिछले करीब दस दिनों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है. विधायक रणबीर गंगवा के इनेलो से अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के करीबी इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गरम है.

बहरहाल कुछ भी हो, लेकिन जब से यह खबर सोशल मीडिया पर आई है, मेवात क्षेत्र की राजनीति में खलबली जरूर मच गई है, क्योंकि जाकिर हुसैन इलाके में बेहद लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं. गौरतलब है कि चौधरी जाकिर हुसैन तीन बार विधायक रह चुके हैं. वे कई बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. फरीदाबाद - गुरुग्राम लोकसभा सीटों पर भले ही उन्हें जीत नहीं मिली, लेकिन बहुत कम अंतर से उनकी हार हुई.

इसके अलावा उनके पिता मरहूम चौधरी तैयब हुसैन देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो तीन राज्यों (पंजाब, हरियाणा , राजस्थान) में मंत्री रहे हैं. जाकिर हुसैन की छोटी बहन जाहिदा खान (कामां, राजस्थान) से इस समय विधायक हैं. चाचा मरहूम हामिद हुसैन भी नूंह सीट से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात में भाजपा की पकड़ कमजोर है. कोई बड़ा मेव मुस्लिम नेता भाजपा के साथ नहीं है. अगर चौधरी जाकिर हुसैन भाजपा में शामिल होते हैं, तो यकीनन हरियाणा की पांच विधानसभा, राजस्थान की चार विधानसभा, मध्य प्रदेश की कई विधानसभा से लेकर दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ लाने में कामयाब हो सकती है. सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी विधायक जाकिर हुसैन के तजुर्बे और मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ की वजह से उन्हें विपक्षी पार्टी में होते हुए भी सम्मान देते रहे हैं, ये बात भी किसी से छिपी नहीं है.

नूंह: इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के सोमवार को भाजपा का दामन थामने की खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही. आपको बता दें सोशल मीडिया पर जो खबर वायरल हो रही है, उसमें सोमवार दोपहर बाद तीन बजे भाजपा का दामन थामने का दावा किया जा रहा है.

विधायक नूंह के समर्थकों में भी इस बात की चर्चा जोरों पर है. हालाकि विधायक जाकिर हुसैन इस बात से अभी साफ इंकार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बावजूद भी विधायक जाकिर हुसैन ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसे सही बताया, लेकिन विधायक की चुप्पी में ही कई सवालों का जवाब छिपा हुआ है.

सूत्रों से खबर मिली है कि विधायक एवं 36 बिरादरी के नेतै चौधरी जाकिर हुसैन ने पिछले करीब दस दिनों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है. विधायक रणबीर गंगवा के इनेलो से अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के करीबी इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गरम है.

बहरहाल कुछ भी हो, लेकिन जब से यह खबर सोशल मीडिया पर आई है, मेवात क्षेत्र की राजनीति में खलबली जरूर मच गई है, क्योंकि जाकिर हुसैन इलाके में बेहद लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं. गौरतलब है कि चौधरी जाकिर हुसैन तीन बार विधायक रह चुके हैं. वे कई बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. फरीदाबाद - गुरुग्राम लोकसभा सीटों पर भले ही उन्हें जीत नहीं मिली, लेकिन बहुत कम अंतर से उनकी हार हुई.

इसके अलावा उनके पिता मरहूम चौधरी तैयब हुसैन देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो तीन राज्यों (पंजाब, हरियाणा , राजस्थान) में मंत्री रहे हैं. जाकिर हुसैन की छोटी बहन जाहिदा खान (कामां, राजस्थान) से इस समय विधायक हैं. चाचा मरहूम हामिद हुसैन भी नूंह सीट से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात में भाजपा की पकड़ कमजोर है. कोई बड़ा मेव मुस्लिम नेता भाजपा के साथ नहीं है. अगर चौधरी जाकिर हुसैन भाजपा में शामिल होते हैं, तो यकीनन हरियाणा की पांच विधानसभा, राजस्थान की चार विधानसभा, मध्य प्रदेश की कई विधानसभा से लेकर दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ लाने में कामयाब हो सकती है. सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी विधायक जाकिर हुसैन के तजुर्बे और मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ की वजह से उन्हें विपक्षी पार्टी में होते हुए भी सम्मान देते रहे हैं, ये बात भी किसी से छिपी नहीं है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- इनैलो विधायक जाकिर हुसैन थाम सकते हैं भाजपा का दामन , सोशल मीडिया पर छाई खबर


इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के सोमवार को भाजपा का दामन थामने की खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है। सोशल मीडिया पर जो खबर वायरल हो रही है , उसमें सोमवार दोपहर बाद तीन बजे भाजपा का दामन थामने का दावा किया जा रहा है। विधायक नूंह के समर्थकों में भी इस बात की चर्चा जोरों पर है। हालाकि विधायक जाकिर हुसैन इस बात से अभी साफ इंकार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बावजूद भी विधायक जाकिर हुसैन ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसे सही बताया। लेकिन विधायक की चुप्पी में ही कई सवालों का जवाब छिपा हुआ है।
सूत्रों से खबर मिली है कि विधायक एवं 36 बिरादरी के चौधरी जाकिर हुसैन ने पिछले करीब दस दिनों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। विधायक रणबीर गंगवा के इनेलो से अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के करीबी इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गर्म है। ख़ुफ़िया विभाग भी इस खबर की पड़ताल में लगा हुआ है। विधायक चौधरी जाकिर हुसैन शनिवार को नूंह स्थित आवास पर ही रहे और उसके बाद अपनी विधानसभा के गांवों में करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों में शादी समारोह में शिरकत की। जोगीपुर रोड स्थित आवास पर अभी इनेलो का झंडा ही नहीं बल्कि पोस्टर , बैनरों की भरमार लगी हुई है। विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के विपक्षी सोशल मीडिया की खबर को लगातार वायरल और शेयर कर रहे हैं , तो इनेलो समर्थकों में भी बेचैनी साफ देखने को मिल रही है। भाजपा नेताओं - कार्यकर्ताओं में भी विधायक एवं मेवात की राजनीति के बड़े योद्धा जाकिर हुसैन की खबर ने खलबली मचा दी है।
ध्यान रहे कि चौधरी जाकिर हुसैन तीन बार विधायक रह चुके हैं। कई बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। फरीदाबाद - गुरुग्राम लोकसभा सीटों पर भले ही उन्हें जीत नहीं मिली ,लेकिन बहुत कम अंतर से उनकी हार हुई। दूसरा उनके पिता चौधरी मरहूम तैयब हुसैन देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं , जो तीन राज्यों पंजाब , हरियाणा , राजस्थान में मंत्री रहे हैं। बहन जाहिदा खान कामां राजस्थान से इस समय विधायक हैं , तो चाचा मरहूम हामिद हुसैन नूंह सीट से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं। परिवार में सरपंच , चैयरमेन इत्यादि भी कई सदस्य हैं। छोटे भाई तिजारा सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं , तो फ़िलहाल सपा के टिकट पर अलवर लोकसभा से तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात में भाजपा की पकड़ कमजोर है। कोई बड़ा मेव नेता भाजपा के साथ नहीं है। अगर चौधरी जाकिर हुसैन भाजपा में शामिल होते हैं , तो हरियाणा की पांच विधानसभा , राजस्थान की चार विधानसभा , मध्यप्रदेश की कई विधानसभा से लेकर दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ लाने में कामयाब हो सकती है। सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी विधायक जाकिर हुसैन के तजुर्बे और मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ की वजह से उन्हें विपक्षी पार्टी में होते हुए भी सम्मान देते रहे हैं।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात .
Body:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- इनैलो विधायक जाकिर हुसैन थाम सकते हैं भाजपा का दामन , सोशल मीडिया पर छाई खबर


इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के सोमवार को भाजपा का दामन थामने की खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है। सोशल मीडिया पर जो खबर वायरल हो रही है , उसमें सोमवार दोपहर बाद तीन बजे भाजपा का दामन थामने का दावा किया जा रहा है। विधायक नूंह के समर्थकों में भी इस बात की चर्चा जोरों पर है। हालाकि विधायक जाकिर हुसैन इस बात से अभी साफ इंकार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बावजूद भी विधायक जाकिर हुसैन ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसे सही बताया। लेकिन विधायक की चुप्पी में ही कई सवालों का जवाब छिपा हुआ है।
सूत्रों से खबर मिली है कि विधायक एवं 36 बिरादरी के चौधरी जाकिर हुसैन ने पिछले करीब दस दिनों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। विधायक रणबीर गंगवा के इनेलो से अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के करीबी इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गर्म है। ख़ुफ़िया विभाग भी इस खबर की पड़ताल में लगा हुआ है। विधायक चौधरी जाकिर हुसैन शनिवार को नूंह स्थित आवास पर ही रहे और उसके बाद अपनी विधानसभा के गांवों में करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों में शादी समारोह में शिरकत की। जोगीपुर रोड स्थित आवास पर अभी इनेलो का झंडा ही नहीं बल्कि पोस्टर , बैनरों की भरमार लगी हुई है। विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के विपक्षी सोशल मीडिया की खबर को लगातार वायरल और शेयर कर रहे हैं , तो इनेलो समर्थकों में भी बेचैनी साफ देखने को मिल रही है। भाजपा नेताओं - कार्यकर्ताओं में भी विधायक एवं मेवात की राजनीति के बड़े योद्धा जाकिर हुसैन की खबर ने खलबली मचा दी है।
ध्यान रहे कि चौधरी जाकिर हुसैन तीन बार विधायक रह चुके हैं। कई बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। फरीदाबाद - गुरुग्राम लोकसभा सीटों पर भले ही उन्हें जीत नहीं मिली ,लेकिन बहुत कम अंतर से उनकी हार हुई। दूसरा उनके पिता चौधरी मरहूम तैयब हुसैन देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं , जो तीन राज्यों पंजाब , हरियाणा , राजस्थान में मंत्री रहे हैं। बहन जाहिदा खान कामां राजस्थान से इस समय विधायक हैं , तो चाचा मरहूम हामिद हुसैन नूंह सीट से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं। परिवार में सरपंच , चैयरमेन इत्यादि भी कई सदस्य हैं। छोटे भाई तिजारा सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं , तो फ़िलहाल सपा के टिकट पर अलवर लोकसभा से तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात में भाजपा की पकड़ कमजोर है। कोई बड़ा मेव नेता भाजपा के साथ नहीं है। अगर चौधरी जाकिर हुसैन भाजपा में शामिल होते हैं , तो हरियाणा की पांच विधानसभा , राजस्थान की चार विधानसभा , मध्यप्रदेश की कई विधानसभा से लेकर दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ लाने में कामयाब हो सकती है। सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी विधायक जाकिर हुसैन के तजुर्बे और मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ की वजह से उन्हें विपक्षी पार्टी में होते हुए भी सम्मान देते रहे हैं।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात .
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- इनैलो विधायक जाकिर हुसैन थाम सकते हैं भाजपा का दामन , सोशल मीडिया पर छाई खबर


इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के सोमवार को भाजपा का दामन थामने की खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है। सोशल मीडिया पर जो खबर वायरल हो रही है , उसमें सोमवार दोपहर बाद तीन बजे भाजपा का दामन थामने का दावा किया जा रहा है। विधायक नूंह के समर्थकों में भी इस बात की चर्चा जोरों पर है। हालाकि विधायक जाकिर हुसैन इस बात से अभी साफ इंकार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बावजूद भी विधायक जाकिर हुसैन ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसे सही बताया। लेकिन विधायक की चुप्पी में ही कई सवालों का जवाब छिपा हुआ है।
सूत्रों से खबर मिली है कि विधायक एवं 36 बिरादरी के चौधरी जाकिर हुसैन ने पिछले करीब दस दिनों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। विधायक रणबीर गंगवा के इनेलो से अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के करीबी इनेलो विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा गर्म है। ख़ुफ़िया विभाग भी इस खबर की पड़ताल में लगा हुआ है। विधायक चौधरी जाकिर हुसैन शनिवार को नूंह स्थित आवास पर ही रहे और उसके बाद अपनी विधानसभा के गांवों में करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों में शादी समारोह में शिरकत की। जोगीपुर रोड स्थित आवास पर अभी इनेलो का झंडा ही नहीं बल्कि पोस्टर , बैनरों की भरमार लगी हुई है। विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के विपक्षी सोशल मीडिया की खबर को लगातार वायरल और शेयर कर रहे हैं , तो इनेलो समर्थकों में भी बेचैनी साफ देखने को मिल रही है। भाजपा नेताओं - कार्यकर्ताओं में भी विधायक एवं मेवात की राजनीति के बड़े योद्धा जाकिर हुसैन की खबर ने खलबली मचा दी है।
ध्यान रहे कि चौधरी जाकिर हुसैन तीन बार विधायक रह चुके हैं। कई बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। फरीदाबाद - गुरुग्राम लोकसभा सीटों पर भले ही उन्हें जीत नहीं मिली ,लेकिन बहुत कम अंतर से उनकी हार हुई। दूसरा उनके पिता चौधरी मरहूम तैयब हुसैन देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं , जो तीन राज्यों पंजाब , हरियाणा , राजस्थान में मंत्री रहे हैं। बहन जाहिदा खान कामां राजस्थान से इस समय विधायक हैं , तो चाचा मरहूम हामिद हुसैन नूंह सीट से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं। परिवार में सरपंच , चैयरमेन इत्यादि भी कई सदस्य हैं। छोटे भाई तिजारा सीट पर चुनाव लड़ चुके हैं , तो फ़िलहाल सपा के टिकट पर अलवर लोकसभा से तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात में भाजपा की पकड़ कमजोर है। कोई बड़ा मेव नेता भाजपा के साथ नहीं है। अगर चौधरी जाकिर हुसैन भाजपा में शामिल होते हैं , तो हरियाणा की पांच विधानसभा , राजस्थान की चार विधानसभा , मध्यप्रदेश की कई विधानसभा से लेकर दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ लाने में कामयाब हो सकती है। सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी विधायक जाकिर हुसैन के तजुर्बे और मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ की वजह से उन्हें विपक्षी पार्टी में होते हुए भी सम्मान देते रहे हैं।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात .
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