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नूंह: अंतर-धार्मिक विवाह का मामला पहुंचा HC, जनहित याचिका मंजूर - अंतर-धार्मिक विवाह

नूंह के फिरोजपुर झिरका में अंतर-धार्मिक विवाह के बाद में हुई हिंसा का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. एक समाजसेवी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की है. याचिका को हाई कोर्ट ने मंजूर कर लिया है.

अंतर-धार्मिक विवाह का मामला पहुंचा HC
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Published : Aug 30, 2019, 10:40 PM IST

नूंह: फिरोजपुर झिरका में अंतर-धार्मिक विवाह के बाद एक समुदाय के लोगों द्वारा की गई दबंगई को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. हाई कोर्ट में अगले सप्ताह इस पर सुनवाई होगी.

अंतर-धार्मिक विवाह का मामला पहुंचा HC, देखें वीडियो

बता दें, समाजसेवी एडवोकेट रमजान चौधरी ने ये जनहित याचिका दायर की है. हाईकोर्ट के वकील तालीम हुसैन ने ये याचिका डाली है, जिसको हाईकोर्ट में मंजूर कर लिया है. याचिकाकर्ता रमजान चौधरी एडवोकेट ने पत्रकारवार्ता कर कहा कि फिरोजपुर झिरका अंतर-धार्मिक विवाह मामले के बाद उपजे विवाद में एक समुदाय के लोगों ने बाजार बंद, धरना - प्रदर्शन, रोड जाम, पत्रकारों पर जानलेवा हमला, पुलिस पर हमला, हिन्दू महापंचायत भड़काऊ भाषण इत्यादि सब कुछ हुआ. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने इनसब पर सख्ती नहीं दिखाई और सिर्फ एक पक्ष के लोगों पर कार्रवाई हुई है. इसी को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसपर हाईकोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई करेगा.

आपको बता दें कि नूंह के फिरोजपुर झिरका में कुछ दिन पहले एक प्रेमी युगल ने घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया था. मामला दो समुदाय होने के कारण शहर में जमकर बवाल मचा था.

नूंह: फिरोजपुर झिरका में अंतर-धार्मिक विवाह के बाद एक समुदाय के लोगों द्वारा की गई दबंगई को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. हाई कोर्ट में अगले सप्ताह इस पर सुनवाई होगी.

अंतर-धार्मिक विवाह का मामला पहुंचा HC, देखें वीडियो

बता दें, समाजसेवी एडवोकेट रमजान चौधरी ने ये जनहित याचिका दायर की है. हाईकोर्ट के वकील तालीम हुसैन ने ये याचिका डाली है, जिसको हाईकोर्ट में मंजूर कर लिया है. याचिकाकर्ता रमजान चौधरी एडवोकेट ने पत्रकारवार्ता कर कहा कि फिरोजपुर झिरका अंतर-धार्मिक विवाह मामले के बाद उपजे विवाद में एक समुदाय के लोगों ने बाजार बंद, धरना - प्रदर्शन, रोड जाम, पत्रकारों पर जानलेवा हमला, पुलिस पर हमला, हिन्दू महापंचायत भड़काऊ भाषण इत्यादि सब कुछ हुआ. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने इनसब पर सख्ती नहीं दिखाई और सिर्फ एक पक्ष के लोगों पर कार्रवाई हुई है. इसी को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसपर हाईकोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई करेगा.

आपको बता दें कि नूंह के फिरोजपुर झिरका में कुछ दिन पहले एक प्रेमी युगल ने घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया था. मामला दो समुदाय होने के कारण शहर में जमकर बवाल मचा था.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- फिरोजपुर झिरका प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल
फिरोजपुर झिरका अंतरजातीय विवाह के बाद एक समुदाय के लोगों द्वारा की गई दबंगई को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। चीफ जस्टिस हाईकोर्ट की अदालत में अगले सप्ताह इस पर सुनवाई होगी। जाने - माने समाजसेवी रमजान चौधरी एडवोकेट ने यह जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट के वकील तालीम हुसैन ने यह याचिका डाली है , जिसको हाईकोर्ट में मंजूर कर लिया है।
याचिकाकर्ता रमजान चौधरी एडवोकेट ने पत्रकारवार्ता कर कहा कि फिरोजपुर झिरका अंतरजातीय विवाह मामले के बाद उपजे विवाद में एक समुदाय के लोगों ने बाजार बंद , धरना - प्रदर्शन , रोड जाम , पत्रकारों पर जानलेवा हमला , पुलिस पर हमला , हिन्दू महापंचायत भड़काऊ भाषण इत्यादि सब कुछ हुआ और प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई। सिर्फ एक पक्ष के लोगों पर प्रशासनिक कार्रवाई हुई। इस सबके बावजूद भी मुस्लिम समुदाय के लोग बाजार बंद से लेकर , समूची कौम को जेहादी इत्यादि के अलावा सब कुछ कहा गया। पत्रकारों ने शिकायत भी की , लेकिन आज तक उस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस गुंडई - दबंगई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नेहा के ब्यान हाईकोर्ट में दर्ज होने के बाद उन्हें रेवाड़ी प्रोटेक्शन हाउस भेजने के आदेश हुए , लेकिन नेहा के वकील अरशद ने संवेदनशील मामला होने के कारण अदालत से गुहार लगाई , जिसके बाद प्रेमी जोड़े को पंचकूला के प्रोटेक्शन हाउस में भेजने के आदेश दिए गए। साथ ही अरशद एडवोकेट के परिवार को सुरक्षा डबल एजी से हलफनामा लिया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वकील अरशद और उसके परिवार को सरकार पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। कोर्ट में ब्यान दर्ज होते ही खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने लगी। सबसे खास बात तो यह रही क़ी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा और मुस्लिम पक्ष की पंचायत पुलिस प्रशासन और नेताओं ने तरह - तरह के दवाब बनाये। रमजान चौधरी एडवोकेट की हर हरकत पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया। कई घंटों तक उनका मोबाइल फ़ोन भी बंद रहा। पुलिस ने जो सख्ती दबंगों - गुंडों पर करनी थी , वो कार्रवाई अमन - शांति बनाये रखने वाले लोगों पर की गई। हालांकि 29 अगस्त को ही बड़कली चौक की पंचायत को स्थगित करने की खबर आ गई थी , लेकिन सीएम की यात्रा की वजह से समाजसेवी रमजान चौधरी की हर हरकत पर पुलिस की पैनी नजर रही। उन्हें बाहर जाने तक की आजादी नहीं दी गई। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद उसे मंजूर करने से पुलिस - प्रशासन से लेकर गुंडई करने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ सकती हैं।
बाइट;- रमजान चौधरी एडवोकेट याचिका कर्ता समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात

Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- फिरोजपुर झिरका प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल
फिरोजपुर झिरका अंतरजातीय विवाह के बाद एक समुदाय के लोगों द्वारा की गई दबंगई को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। चीफ जस्टिस हाईकोर्ट की अदालत में अगले सप्ताह इस पर सुनवाई होगी। जाने - माने समाजसेवी रमजान चौधरी एडवोकेट ने यह जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट के वकील तालीम हुसैन ने यह याचिका डाली है , जिसको हाईकोर्ट में मंजूर कर लिया है।
याचिकाकर्ता रमजान चौधरी एडवोकेट ने पत्रकारवार्ता कर कहा कि फिरोजपुर झिरका अंतरजातीय विवाह मामले के बाद उपजे विवाद में एक समुदाय के लोगों ने बाजार बंद , धरना - प्रदर्शन , रोड जाम , पत्रकारों पर जानलेवा हमला , पुलिस पर हमला , हिन्दू महापंचायत भड़काऊ भाषण इत्यादि सब कुछ हुआ और प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई। सिर्फ एक पक्ष के लोगों पर प्रशासनिक कार्रवाई हुई। इस सबके बावजूद भी मुस्लिम समुदाय के लोग बाजार बंद से लेकर , समूची कौम को जेहादी इत्यादि के अलावा सब कुछ कहा गया। पत्रकारों ने शिकायत भी की , लेकिन आज तक उस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस गुंडई - दबंगई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नेहा के ब्यान हाईकोर्ट में दर्ज होने के बाद उन्हें रेवाड़ी प्रोटेक्शन हाउस भेजने के आदेश हुए , लेकिन नेहा के वकील अरशद ने संवेदनशील मामला होने के कारण अदालत से गुहार लगाई , जिसके बाद प्रेमी जोड़े को पंचकूला के प्रोटेक्शन हाउस में भेजने के आदेश दिए गए। साथ ही अरशद एडवोकेट के परिवार को सुरक्षा डबल एजी से हलफनामा लिया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वकील अरशद और उसके परिवार को सरकार पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। कोर्ट में ब्यान दर्ज होते ही खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने लगी। सबसे खास बात तो यह रही क़ी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा और मुस्लिम पक्ष की पंचायत पुलिस प्रशासन और नेताओं ने तरह - तरह के दवाब बनाये। रमजान चौधरी एडवोकेट की हर हरकत पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया। कई घंटों तक उनका मोबाइल फ़ोन भी बंद रहा। पुलिस ने जो सख्ती दबंगों - गुंडों पर करनी थी , वो कार्रवाई अमन - शांति बनाये रखने वाले लोगों पर की गई। हालांकि 29 अगस्त को ही बड़कली चौक की पंचायत को स्थगित करने की खबर आ गई थी , लेकिन सीएम की यात्रा की वजह से समाजसेवी रमजान चौधरी की हर हरकत पर पुलिस की पैनी नजर रही। उन्हें बाहर जाने तक की आजादी नहीं दी गई। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद उसे मंजूर करने से पुलिस - प्रशासन से लेकर गुंडई करने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ सकती हैं।
बाइट;- रमजान चौधरी एडवोकेट याचिका कर्ता समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात

Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- फिरोजपुर झिरका प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल
फिरोजपुर झिरका अंतरजातीय विवाह के बाद एक समुदाय के लोगों द्वारा की गई दबंगई को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। चीफ जस्टिस हाईकोर्ट की अदालत में अगले सप्ताह इस पर सुनवाई होगी। जाने - माने समाजसेवी रमजान चौधरी एडवोकेट ने यह जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट के वकील तालीम हुसैन ने यह याचिका डाली है , जिसको हाईकोर्ट में मंजूर कर लिया है।
याचिकाकर्ता रमजान चौधरी एडवोकेट ने पत्रकारवार्ता कर कहा कि फिरोजपुर झिरका अंतरजातीय विवाह मामले के बाद उपजे विवाद में एक समुदाय के लोगों ने बाजार बंद , धरना - प्रदर्शन , रोड जाम , पत्रकारों पर जानलेवा हमला , पुलिस पर हमला , हिन्दू महापंचायत भड़काऊ भाषण इत्यादि सब कुछ हुआ और प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई। सिर्फ एक पक्ष के लोगों पर प्रशासनिक कार्रवाई हुई। इस सबके बावजूद भी मुस्लिम समुदाय के लोग बाजार बंद से लेकर , समूची कौम को जेहादी इत्यादि के अलावा सब कुछ कहा गया। पत्रकारों ने शिकायत भी की , लेकिन आज तक उस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस गुंडई - दबंगई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नेहा के ब्यान हाईकोर्ट में दर्ज होने के बाद उन्हें रेवाड़ी प्रोटेक्शन हाउस भेजने के आदेश हुए , लेकिन नेहा के वकील अरशद ने संवेदनशील मामला होने के कारण अदालत से गुहार लगाई , जिसके बाद प्रेमी जोड़े को पंचकूला के प्रोटेक्शन हाउस में भेजने के आदेश दिए गए। साथ ही अरशद एडवोकेट के परिवार को सुरक्षा डबल एजी से हलफनामा लिया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वकील अरशद और उसके परिवार को सरकार पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। कोर्ट में ब्यान दर्ज होते ही खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने लगी। सबसे खास बात तो यह रही क़ी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा और मुस्लिम पक्ष की पंचायत पुलिस प्रशासन और नेताओं ने तरह - तरह के दवाब बनाये। रमजान चौधरी एडवोकेट की हर हरकत पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया। कई घंटों तक उनका मोबाइल फ़ोन भी बंद रहा। पुलिस ने जो सख्ती दबंगों - गुंडों पर करनी थी , वो कार्रवाई अमन - शांति बनाये रखने वाले लोगों पर की गई। हालांकि 29 अगस्त को ही बड़कली चौक की पंचायत को स्थगित करने की खबर आ गई थी , लेकिन सीएम की यात्रा की वजह से समाजसेवी रमजान चौधरी की हर हरकत पर पुलिस की पैनी नजर रही। उन्हें बाहर जाने तक की आजादी नहीं दी गई। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद उसे मंजूर करने से पुलिस - प्रशासन से लेकर गुंडई करने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ सकती हैं।
बाइट;- रमजान चौधरी एडवोकेट याचिका कर्ता समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात

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