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नूंह में धुंध का कहर, थमी वाहनों की रफ्तार

गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की रफ्तार थम गई है. विजिबिलिटी कम होने के कारण लोग वाहनों को बहुत धीरे से चला रहे हैं, ताकि हादसे का खतरा टला रहे.

heavy fog in nuh
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Published : Dec 31, 2019, 7:39 PM IST

नूंह: जिले के सबसे व्यस्त मार्ग गुरुग्राम-अलवर मार्ग पर वाहनों की रफ्तार में कमी आई है. कड़ाके की ठंड और दो दिन से पड़ रहे कोहरे की वजह से वाहन आपस में भीड़ जाते हैं. सड़क के बीचों-बीच कई बार रोड़ी-क्रेशर इत्यादि भरा होने और उसके सड़क पर बिखर जाने की वजह से वाहनों का पहिया थम जाता है. दोनों ओर से सड़क पर आने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण जाम जैसा नजारा देखने को अकसर मिल जाता है.

सड़क पर नहीं सचेतक चिन्ह

खास बात ये है कि गुरुग्राम-अलवर मार्ग जिले का मुख्य मार्ग है, लेकिन कहीं सफेद पट्टी मिट चुकी है. पुलिया, खंबे, मोड़ इत्यादि पर कोई सचेतक चिन्ह नहीं हैं. सड़क पर कहीं-कहीं तो रिफ्लेक्टर भी नहीं हैं. धुंध पिछले कई दिन से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा रही है. केएमपी पर सीजन की पहली धुंध से दूसरे हफ्ते में तीन लोगों की जान चली गई थी.

नूंह में थमी वाहनों की रफ्तार, देखें वीडियो

बच गई चालकों की जान

वहीं जिले की सीमा से सटे गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो ट्रक धुंध के कारण आपस में टकरा गए. गनीमत रही की धुंध की वजह से दोनों वाहनों की गति कम थी, जिस वजह से वाहनों में बैठे चालक-परिचालक की जान बच गई. इनको मामूली चोटें आईं.

ये भी पढ़ें:- फरीदाबाद: शुरू हुआ न्यू ईयर का जश्न,देखिए कैसे हरियाणावी गानों पर थिरक रही महिलाएं

सड़क पर हादसे

जिले में नगीना-पुन्हाना मार्ग पर भी कई बार बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं. सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन मार्गों का चौड़ीकरण-सरलीकरण उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है. जिस कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं.

नूंह: जिले के सबसे व्यस्त मार्ग गुरुग्राम-अलवर मार्ग पर वाहनों की रफ्तार में कमी आई है. कड़ाके की ठंड और दो दिन से पड़ रहे कोहरे की वजह से वाहन आपस में भीड़ जाते हैं. सड़क के बीचों-बीच कई बार रोड़ी-क्रेशर इत्यादि भरा होने और उसके सड़क पर बिखर जाने की वजह से वाहनों का पहिया थम जाता है. दोनों ओर से सड़क पर आने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण जाम जैसा नजारा देखने को अकसर मिल जाता है.

सड़क पर नहीं सचेतक चिन्ह

खास बात ये है कि गुरुग्राम-अलवर मार्ग जिले का मुख्य मार्ग है, लेकिन कहीं सफेद पट्टी मिट चुकी है. पुलिया, खंबे, मोड़ इत्यादि पर कोई सचेतक चिन्ह नहीं हैं. सड़क पर कहीं-कहीं तो रिफ्लेक्टर भी नहीं हैं. धुंध पिछले कई दिन से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा रही है. केएमपी पर सीजन की पहली धुंध से दूसरे हफ्ते में तीन लोगों की जान चली गई थी.

नूंह में थमी वाहनों की रफ्तार, देखें वीडियो

बच गई चालकों की जान

वहीं जिले की सीमा से सटे गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो ट्रक धुंध के कारण आपस में टकरा गए. गनीमत रही की धुंध की वजह से दोनों वाहनों की गति कम थी, जिस वजह से वाहनों में बैठे चालक-परिचालक की जान बच गई. इनको मामूली चोटें आईं.

ये भी पढ़ें:- फरीदाबाद: शुरू हुआ न्यू ईयर का जश्न,देखिए कैसे हरियाणावी गानों पर थिरक रही महिलाएं

सड़क पर हादसे

जिले में नगीना-पुन्हाना मार्ग पर भी कई बार बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं. सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन मार्गों का चौड़ीकरण-सरलीकरण उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है. जिस कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- धुंध में बढे सड़क हादसे , गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की रफ़्तार थमी
कोहरे की चादर से विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है। जिले के सबसे व्यस्त मार्ग गुरुग्राम - अलवर पर वाहनों की रफ़्तार में कमी आई है। इसी कड़ाके की ठंड और दो दिन से पड़ रहे कोहरे की वजह से वाहन आपस में भीड़ जाते हैं । सड़क के बीचोंबीच कई बार रोड़ी - क्रेशर इत्यादि भरा होने और उसके सड़क पर बिखर जाने की वजह से वाहनों का पहिया थम जाता है । दोनों और से सड़क पर आने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण जाम जैसा नजारा देखने को अकसर मिल जाता है । खास बात यह है कि उपरोक्त मार्ग जिले का मुख्य मार्ग है , लेकिन कहीं सफ़ेद पट्टी मिट चुकी है , तो पुलिया , खम्बे , मोड़ इत्यादि पर कोई सचेतक चिन्ह नहीं हैं और रिफ्लेक्टर की बात करना तो किसी बेईमानी से कम नहीं है। धुंध पिछले कई दिन से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा रही है। केएमपी पर सीजन की पहली धुंध ने ही तीन लोगों की जान जिले की सीमा में ले ली तो अगले ही दिन गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो बड़े वाहनों में धुंध की वजह से कम दिखाई देने के कारण भिड़ंत हो गई। गनीमत रही की धुंध की वजह से दोनों वाहनों की गति कम थी , जिसकी वजह से वाहनों में बैठे चालक - परिचालक इत्यादि को मामूली चोट आई , वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। जिले में नगीना - पुन्हाना मार्ग पर भी कई बार बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं। सड़कों पर वाहनों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है , लेकिन मार्गों का चौड़ीकरण - सरलीकरण उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि धुंध और ठंड के सीजन में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जहां मोड़ हैं। पेड़ों के निचे , रोड पर सफ़ेद पट्टी ऐसी है , जो इंसान को घर तक पहुंचा देती है। रेड ,लाइट तावडू शहर में नगर पालिका ने किये हैं। कुछ स्थान चिन्हित किये हैं , जिनको संबंधित विभाग फॉलो कर रहे हैं। कैसे रोड एक्सीडेंट में कमी आये , इसको लेकर बैठक कर ये कदम उठाने का तय हुआ है।
बाइट ;- विवेक पदम सिंह एडीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- धुंध में बढे सड़क हादसे , गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की रफ़्तार थमी
कोहरे की चादर से विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है। जिले के सबसे व्यस्त मार्ग गुरुग्राम - अलवर पर वाहनों की रफ़्तार में कमी आई है। इसी कड़ाके की ठंड और दो दिन से पड़ रहे कोहरे की वजह से वाहन आपस में भीड़ जाते हैं । सड़क के बीचोंबीच कई बार रोड़ी - क्रेशर इत्यादि भरा होने और उसके सड़क पर बिखर जाने की वजह से वाहनों का पहिया थम जाता है । दोनों और से सड़क पर आने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण जाम जैसा नजारा देखने को अकसर मिल जाता है । खास बात यह है कि उपरोक्त मार्ग जिले का मुख्य मार्ग है , लेकिन कहीं सफ़ेद पट्टी मिट चुकी है , तो पुलिया , खम्बे , मोड़ इत्यादि पर कोई सचेतक चिन्ह नहीं हैं और रिफ्लेक्टर की बात करना तो किसी बेईमानी से कम नहीं है। धुंध पिछले कई दिन से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा रही है। केएमपी पर सीजन की पहली धुंध ने ही तीन लोगों की जान जिले की सीमा में ले ली तो अगले ही दिन गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो बड़े वाहनों में धुंध की वजह से कम दिखाई देने के कारण भिड़ंत हो गई। गनीमत रही की धुंध की वजह से दोनों वाहनों की गति कम थी , जिसकी वजह से वाहनों में बैठे चालक - परिचालक इत्यादि को मामूली चोट आई , वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। जिले में नगीना - पुन्हाना मार्ग पर भी कई बार बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं। सड़कों पर वाहनों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है , लेकिन मार्गों का चौड़ीकरण - सरलीकरण उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि धुंध और ठंड के सीजन में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जहां मोड़ हैं। पेड़ों के निचे , रोड पर सफ़ेद पट्टी ऐसी है , जो इंसान को घर तक पहुंचा देती है। रेड ,लाइट तावडू शहर में नगर पालिका ने किये हैं। कुछ स्थान चिन्हित किये हैं , जिनको संबंधित विभाग फॉलो कर रहे हैं। कैसे रोड एक्सीडेंट में कमी आये , इसको लेकर बैठक कर ये कदम उठाने का तय हुआ है।
बाइट ;- विवेक पदम सिंह एडीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- धुंध में बढे सड़क हादसे , गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की रफ़्तार थमी
कोहरे की चादर से विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है। जिले के सबसे व्यस्त मार्ग गुरुग्राम - अलवर पर वाहनों की रफ़्तार में कमी आई है। इसी कड़ाके की ठंड और दो दिन से पड़ रहे कोहरे की वजह से वाहन आपस में भीड़ जाते हैं । सड़क के बीचोंबीच कई बार रोड़ी - क्रेशर इत्यादि भरा होने और उसके सड़क पर बिखर जाने की वजह से वाहनों का पहिया थम जाता है । दोनों और से सड़क पर आने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण जाम जैसा नजारा देखने को अकसर मिल जाता है । खास बात यह है कि उपरोक्त मार्ग जिले का मुख्य मार्ग है , लेकिन कहीं सफ़ेद पट्टी मिट चुकी है , तो पुलिया , खम्बे , मोड़ इत्यादि पर कोई सचेतक चिन्ह नहीं हैं और रिफ्लेक्टर की बात करना तो किसी बेईमानी से कम नहीं है। धुंध पिछले कई दिन से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा रही है। केएमपी पर सीजन की पहली धुंध ने ही तीन लोगों की जान जिले की सीमा में ले ली तो अगले ही दिन गुरुग्राम - अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो बड़े वाहनों में धुंध की वजह से कम दिखाई देने के कारण भिड़ंत हो गई। गनीमत रही की धुंध की वजह से दोनों वाहनों की गति कम थी , जिसकी वजह से वाहनों में बैठे चालक - परिचालक इत्यादि को मामूली चोट आई , वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। जिले में नगीना - पुन्हाना मार्ग पर भी कई बार बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं। सड़कों पर वाहनों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है , लेकिन मार्गों का चौड़ीकरण - सरलीकरण उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि धुंध और ठंड के सीजन में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जहां मोड़ हैं। पेड़ों के निचे , रोड पर सफ़ेद पट्टी ऐसी है , जो इंसान को घर तक पहुंचा देती है। रेड ,लाइट तावडू शहर में नगर पालिका ने किये हैं। कुछ स्थान चिन्हित किये हैं , जिनको संबंधित विभाग फॉलो कर रहे हैं। कैसे रोड एक्सीडेंट में कमी आये , इसको लेकर बैठक कर ये कदम उठाने का तय हुआ है।
बाइट ;- विवेक पदम सिंह एडीसी नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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