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हरियाणा सरकार बनाएगी पशु स्वास्थ्य कल्याण समिति, ग्रामीण भी बनेंगे सदस्य

प्रदेश सरकार अब पशुओं के लिए एक अलग पशु स्वास्थ्य कल्याण समिति बनाने जा रही है. इसका उद्देश्य पशुओं को स्वस्थ रखना और अस्पताल परिसर की सुंदरता को बढ़ाना है.

पशु कल्याण के लिए बनेंगी समिति
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Published : Jul 27, 2019, 10:17 AM IST

नूंह: 'देसां म्है देश हरियाणा, जित दूध दही का खाणा' हरियाणा की इस कहावत को पशुपालन विभाग चरितार्थ करने की दिशा में काम कर रहा है. पशुपालन विभाग पशुओं को स्वस्थ रखने और पशु अस्पतालों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए पशु कल्याण समिति बनाने जा रही है.

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उप निदेशक डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस समिति का काम पशुओं का कल्याण करने के साथ पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है.

उपनिदेशक पशुपालन विभाग के मुताबिक कल्याण समिति का मख्य काम पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है. इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में दवाई खरीदनी है तो समिति को इसके लिए पूरा अधिकार होगा, ताकि इलाज में देर न हो. इसके अलावा समिति किसी समाजसेवी से डोनेशन भी ले सकती है और उस रकम को पशुओं के कल्याण पर खर्च किया जाएगा.

नूंह: 'देसां म्है देश हरियाणा, जित दूध दही का खाणा' हरियाणा की इस कहावत को पशुपालन विभाग चरितार्थ करने की दिशा में काम कर रहा है. पशुपालन विभाग पशुओं को स्वस्थ रखने और पशु अस्पतालों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए पशु कल्याण समिति बनाने जा रही है.

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उप निदेशक डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस समिति का काम पशुओं का कल्याण करने के साथ पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है.

उपनिदेशक पशुपालन विभाग के मुताबिक कल्याण समिति का मख्य काम पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है. इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में दवाई खरीदनी है तो समिति को इसके लिए पूरा अधिकार होगा, ताकि इलाज में देर न हो. इसके अलावा समिति किसी समाजसेवी से डोनेशन भी ले सकती है और उस रकम को पशुओं के कल्याण पर खर्च किया जाएगा.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- पशु कल्याण के लिए बनेंगी समिति
देशां में देश हरियाणा , जित दूध दही का खाणा। वाली कहावत पिछले कुछ समय से पहचान खो चुकी हो , लेकिन इस कहावत को हरियाणा का पशुपालन विभाग चरितार्थ करने की दिशा में फिर से बड़ा फैसला ले चुका है। सूबे में पशु अस्पतालों के रखरखाव एवं पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए जल्द ही बड़े पशु अस्पतालों के स्तर पर पशु स्वास्थ्य कल्याण समिति बनाने जा रहा है। समिति में गांव के मौजिज लोगों को भी रखा जायेगा। समिति का खाता भी सर्व हरियाणा बैंक की नजदीकी शाखाओं में खुलवा दिया गया है। पशु कल्याण समिति का कार्य पशुओं का कल्याण करना है। यह जानकारी उप निदेशक डॉक्टर नरेंदर सिंह नूंह ने पत्रकारवार्ता के दौरान दी।
उपनिदेशक पशुपालन विभाग के मुताबिक कल्याण समिति का मख्य मकसद संस्थान यानि पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है। इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में दवाई इत्यादि खरीदनी है तो समिति को इसके लिए पूरा अधिकार होगा , ताकि इलाज में देर न हो। इसके अलावा समिति किसी समाजसेवी से डोनेशन भी ले सकती है। उस रकम को पशुओं के कल्याण पर खर्च किया जायेगा। आपको बता दें कि पशुपालन विभाग के अधिकतर अस्पताल इन दिनों खंडहर हालत में हैं। डॉक्टरों - स्टाफ की कमी भी किसी से छुपी नहीं है। कई बार दवाइयों की कमी भी सामने आ जाती है। लेकिन अब शायद सूबे में ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। पशुपालन विभाग द्वारा शुरू की जा रही इन योजनाओं का असर पशुपालन को बढ़ावा देने पर भी रहेगा। जिस दुग्ध क्रांति वाले प्रदेश में दूध - घी की कमी पिछले करीब दो दशक से देखने में आ रही थी। उसमें पशुओं की संख्या बढ़ेगी तो दुग्ध क्रांति फिर से आ सकती हे। दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा तो पशुपालकों के घर की आर्थिक स्थिति तेजी से बेहतर होगी। कुल मिलाकर पशुपालन विभाग अपने सूबे की पहचान को सरकार की मदद और दिशा निर्देश से कायम रखने में जुट गया है।
बाइट;- डॉक्टर नरेंदर सिंह उप निदेशक पशुपालन विभाग नूंह
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- पशु कल्याण के लिए बनेंगी समिति
देशां में देश हरियाणा , जित दूध दही का खाणा। वाली कहावत पिछले कुछ समय से पहचान खो चुकी हो , लेकिन इस कहावत को हरियाणा का पशुपालन विभाग चरितार्थ करने की दिशा में फिर से बड़ा फैसला ले चुका है। सूबे में पशु अस्पतालों के रखरखाव एवं पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए जल्द ही बड़े पशु अस्पतालों के स्तर पर पशु स्वास्थ्य कल्याण समिति बनाने जा रहा है। समिति में गांव के मौजिज लोगों को भी रखा जायेगा। समिति का खाता भी सर्व हरियाणा बैंक की नजदीकी शाखाओं में खुलवा दिया गया है। पशु कल्याण समिति का कार्य पशुओं का कल्याण करना है। यह जानकारी उप निदेशक डॉक्टर नरेंदर सिंह नूंह ने पत्रकारवार्ता के दौरान दी।
उपनिदेशक पशुपालन विभाग के मुताबिक कल्याण समिति का मख्य मकसद संस्थान यानि पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है। इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में दवाई इत्यादि खरीदनी है तो समिति को इसके लिए पूरा अधिकार होगा , ताकि इलाज में देर न हो। इसके अलावा समिति किसी समाजसेवी से डोनेशन भी ले सकती है। उस रकम को पशुओं के कल्याण पर खर्च किया जायेगा। आपको बता दें कि पशुपालन विभाग के अधिकतर अस्पताल इन दिनों खंडहर हालत में हैं। डॉक्टरों - स्टाफ की कमी भी किसी से छुपी नहीं है। कई बार दवाइयों की कमी भी सामने आ जाती है। लेकिन अब शायद सूबे में ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। पशुपालन विभाग द्वारा शुरू की जा रही इन योजनाओं का असर पशुपालन को बढ़ावा देने पर भी रहेगा। जिस दुग्ध क्रांति वाले प्रदेश में दूध - घी की कमी पिछले करीब दो दशक से देखने में आ रही थी। उसमें पशुओं की संख्या बढ़ेगी तो दुग्ध क्रांति फिर से आ सकती हे। दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा तो पशुपालकों के घर की आर्थिक स्थिति तेजी से बेहतर होगी। कुल मिलाकर पशुपालन विभाग अपने सूबे की पहचान को सरकार की मदद और दिशा निर्देश से कायम रखने में जुट गया है।
बाइट;- डॉक्टर नरेंदर सिंह उप निदेशक पशुपालन विभाग नूंह
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- पशु कल्याण के लिए बनेंगी समिति
देशां में देश हरियाणा , जित दूध दही का खाणा। वाली कहावत पिछले कुछ समय से पहचान खो चुकी हो , लेकिन इस कहावत को हरियाणा का पशुपालन विभाग चरितार्थ करने की दिशा में फिर से बड़ा फैसला ले चुका है। सूबे में पशु अस्पतालों के रखरखाव एवं पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए जल्द ही बड़े पशु अस्पतालों के स्तर पर पशु स्वास्थ्य कल्याण समिति बनाने जा रहा है। समिति में गांव के मौजिज लोगों को भी रखा जायेगा। समिति का खाता भी सर्व हरियाणा बैंक की नजदीकी शाखाओं में खुलवा दिया गया है। पशु कल्याण समिति का कार्य पशुओं का कल्याण करना है। यह जानकारी उप निदेशक डॉक्टर नरेंदर सिंह नूंह ने पत्रकारवार्ता के दौरान दी।
उपनिदेशक पशुपालन विभाग के मुताबिक कल्याण समिति का मख्य मकसद संस्थान यानि पशु अस्पतालों के भवन एवं परिसर की सुंदरता को निखारना है। इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में दवाई इत्यादि खरीदनी है तो समिति को इसके लिए पूरा अधिकार होगा , ताकि इलाज में देर न हो। इसके अलावा समिति किसी समाजसेवी से डोनेशन भी ले सकती है। उस रकम को पशुओं के कल्याण पर खर्च किया जायेगा। आपको बता दें कि पशुपालन विभाग के अधिकतर अस्पताल इन दिनों खंडहर हालत में हैं। डॉक्टरों - स्टाफ की कमी भी किसी से छुपी नहीं है। कई बार दवाइयों की कमी भी सामने आ जाती है। लेकिन अब शायद सूबे में ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। पशुपालन विभाग द्वारा शुरू की जा रही इन योजनाओं का असर पशुपालन को बढ़ावा देने पर भी रहेगा। जिस दुग्ध क्रांति वाले प्रदेश में दूध - घी की कमी पिछले करीब दो दशक से देखने में आ रही थी। उसमें पशुओं की संख्या बढ़ेगी तो दुग्ध क्रांति फिर से आ सकती हे। दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा तो पशुपालकों के घर की आर्थिक स्थिति तेजी से बेहतर होगी। कुल मिलाकर पशुपालन विभाग अपने सूबे की पहचान को सरकार की मदद और दिशा निर्देश से कायम रखने में जुट गया है।
बाइट;- डॉक्टर नरेंदर सिंह उप निदेशक पशुपालन विभाग नूंह
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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