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धुंध और ठंड से गेहूं और सरसों की फसल को होगा फायदा: कृषि विभाग - Wheat and mustard farming in nuh

पहाड़ों में हाने वाली बर्फबारी की वजह से इन दिनों लगातार पारा लुढ़क रहा है. किसानों को भी फसलों की चिंता सताने लगी है. लेकिन कृषि विभाग के अनुसार किसानों को ठंड से नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा.

Fog and cold will benefit wheat, mustard in nuh
कृषि विभाग
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Published : Dec 20, 2019, 5:52 PM IST

नूंह: जिले में आजकल कोहरे की चादर और जानलेवा ठंड भले ही इंसान से लेकर मवेशियों-पक्षियों की मुसीबत बढ़ा रही हो, लेकिन गेहूं-सरसों के लिए ये मौसम बेहद अच्छा है. उत्पादन से लेकर क्वालिटी में सुधार इस सीजन की वजह से होने से इंकार नहीं किया जा सकता.

'किसानों को ठंड से घबराने की जरूरत नहीं है'
इसी सीजन को लेकर कृषि विभाग के उपनिदेशक चांदराम सिंगरोहा से बात की. उन्होंने किसानों से अपील की कि ठंड से डरने की जरूरत नहीं है. उप निदेशक चांदराम ने कहा कि नूंह जिले में अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं. जिलेभर में 77100 हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल बिजाई है.

धुंध और ठंड से गेहूं-सरसों और सरसों को होगा फायदा, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- झज्जर में लोग नहीं दिखा रहे रुचि, 60% वाहनों पर अब तक नहीं लगा है फास्ट टैग

ठंड में बिजाई के करीब 21 दिन बाद गेहूं की फसल को सिंचाई करना बेहद जरूरी है. सिंचाई में देरी हुई तो फसल को नुकसान ठंड से हो सकता है या अन्य समस्याएं उत्पादन बेहतर होने को लेकर किसान के सामने आ सकती हैं, बात अगर सरसों की करें तो सरसों की बिजाई 24 हजार हैक्टेयर भूमि में पीला सोना खड़ा है.

ठंड में सरसों को सिंचाई करके बचाया जा सकता है. कड़ाके की ठंड सिर्फ उन किसानों की चिंता बढ़ा सकती है, जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं, लेकिन कई दिन पहले ओलावृष्टि के साथ हुई बरसात से पूरे इलाके के लोगों के लिए अच्छी खबर आई है.

'ठेड से किसानों को नुकसान नहीं फायदा होगा'
उप निदेशक ने कहा कि गेहूं की फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान अभी तक इलाके में देखने को नहीं मिल रहा है. पारा भले ही 8-9 डिग्री से रात के समय और भी नीचे लुढ़क रहा हो, लेकिन किसान की फसल को इस सीजन का नुकसान कम बल्कि मुनाफा अधिक है.

नूंह: जिले में आजकल कोहरे की चादर और जानलेवा ठंड भले ही इंसान से लेकर मवेशियों-पक्षियों की मुसीबत बढ़ा रही हो, लेकिन गेहूं-सरसों के लिए ये मौसम बेहद अच्छा है. उत्पादन से लेकर क्वालिटी में सुधार इस सीजन की वजह से होने से इंकार नहीं किया जा सकता.

'किसानों को ठंड से घबराने की जरूरत नहीं है'
इसी सीजन को लेकर कृषि विभाग के उपनिदेशक चांदराम सिंगरोहा से बात की. उन्होंने किसानों से अपील की कि ठंड से डरने की जरूरत नहीं है. उप निदेशक चांदराम ने कहा कि नूंह जिले में अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं. जिलेभर में 77100 हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल बिजाई है.

धुंध और ठंड से गेहूं-सरसों और सरसों को होगा फायदा, देखें वीडियो

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ठंड में बिजाई के करीब 21 दिन बाद गेहूं की फसल को सिंचाई करना बेहद जरूरी है. सिंचाई में देरी हुई तो फसल को नुकसान ठंड से हो सकता है या अन्य समस्याएं उत्पादन बेहतर होने को लेकर किसान के सामने आ सकती हैं, बात अगर सरसों की करें तो सरसों की बिजाई 24 हजार हैक्टेयर भूमि में पीला सोना खड़ा है.

ठंड में सरसों को सिंचाई करके बचाया जा सकता है. कड़ाके की ठंड सिर्फ उन किसानों की चिंता बढ़ा सकती है, जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं, लेकिन कई दिन पहले ओलावृष्टि के साथ हुई बरसात से पूरे इलाके के लोगों के लिए अच्छी खबर आई है.

'ठेड से किसानों को नुकसान नहीं फायदा होगा'
उप निदेशक ने कहा कि गेहूं की फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान अभी तक इलाके में देखने को नहीं मिल रहा है. पारा भले ही 8-9 डिग्री से रात के समय और भी नीचे लुढ़क रहा हो, लेकिन किसान की फसल को इस सीजन का नुकसान कम बल्कि मुनाफा अधिक है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- धुंध और ठंड गेंहू - सरसों की फसल के लिए कितनी गुणकारी , खास खबर
नूह जिले में आजकल कोहरे की चादर एवं जानलेवा ठंड इंसान से लेकर मवेशियों - पक्षियों की मुसीबत बढ़ा रही हो , लेकिन गेंहू - सरसों के लिए यह मौसम बेहद शुभ संकेत है। उत्पादन से लेकर क्वालिटी में सुधार इस सीजन की वजह से होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी सीजन को लेकर हमने बात की कृषि विभाग के उपनिदेशक चांदराम सिंगरोहा से , उन्होंने किसान को ठंड से नहीं घबराने कही। पत्रकारों से बातचीत ने उप निदेशक चांदराम ने कहा कि नूह जिले में अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं। जिलेभर में 77100 हैक्टेयर भूमि में गेंहू की फसल बिजाई है। ठंड में बिजाई के करीब 21 दिन बाद गेंहू की फसल को सिंचाई करना बेहद जरुरी है। सिंचाई में देरी हुई तो फसल को नुकसान ठंड से हो सकता है या अन्य समस्याएं उत्पादन बेहतर होने को लेकर किसान के सामने आ सकती हैं , बात अगर सरसों की करें तो सरसों की बिजाई 24 हजार हैक्टेयर भूमि में पीला सोना खड़ा है। ठंड में सरसों को सिंचाई करके बचाया जा सकता है। कड़ाके की ठंड सिर्फ उन किसानों की चिंता बढ़ा सकती है , जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं , लेकिन कई दिन पहले ओलावृष्टि के साथ हुई बरसात से पूरे इलाके के लोगों के लिए अच्छी खबर आई। गेंहू की फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान अभी तक इलाके में देखने को नहीं मिल रहा है। पारा भले ही 8 - 9 डिग्री से रात के समय और भी नीचे लुढ़क रहा हो , लेकिन किसान की फसल को इस सीजन का नुकसान कम बल्कि मुनाफा अधिक है। कृषि विभाग नूह इस मौसम को फसलों के अनुकूल मानकर चल रहा है।
बाइट;- चांदराम उप निदेशक कृषि विभाग नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- धुंध और ठंड गेंहू - सरसों की फसल के लिए कितनी गुणकारी , खास खबर
नूह जिले में आजकल कोहरे की चादर एवं जानलेवा ठंड इंसान से लेकर मवेशियों - पक्षियों की मुसीबत बढ़ा रही हो , लेकिन गेंहू - सरसों के लिए यह मौसम बेहद शुभ संकेत है। उत्पादन से लेकर क्वालिटी में सुधार इस सीजन की वजह से होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी सीजन को लेकर हमने बात की कृषि विभाग के उपनिदेशक चांदराम सिंगरोहा से , उन्होंने किसान को ठंड से नहीं घबराने कही। पत्रकारों से बातचीत ने उप निदेशक चांदराम ने कहा कि नूह जिले में अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं। जिलेभर में 77100 हैक्टेयर भूमि में गेंहू की फसल बिजाई है। ठंड में बिजाई के करीब 21 दिन बाद गेंहू की फसल को सिंचाई करना बेहद जरुरी है। सिंचाई में देरी हुई तो फसल को नुकसान ठंड से हो सकता है या अन्य समस्याएं उत्पादन बेहतर होने को लेकर किसान के सामने आ सकती हैं , बात अगर सरसों की करें तो सरसों की बिजाई 24 हजार हैक्टेयर भूमि में पीला सोना खड़ा है। ठंड में सरसों को सिंचाई करके बचाया जा सकता है। कड़ाके की ठंड सिर्फ उन किसानों की चिंता बढ़ा सकती है , जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं , लेकिन कई दिन पहले ओलावृष्टि के साथ हुई बरसात से पूरे इलाके के लोगों के लिए अच्छी खबर आई। गेंहू की फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान अभी तक इलाके में देखने को नहीं मिल रहा है। पारा भले ही 8 - 9 डिग्री से रात के समय और भी नीचे लुढ़क रहा हो , लेकिन किसान की फसल को इस सीजन का नुकसान कम बल्कि मुनाफा अधिक है। कृषि विभाग नूह इस मौसम को फसलों के अनुकूल मानकर चल रहा है।
बाइट;- चांदराम उप निदेशक कृषि विभाग नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- धुंध और ठंड गेंहू - सरसों की फसल के लिए कितनी गुणकारी , खास खबर
नूह जिले में आजकल कोहरे की चादर एवं जानलेवा ठंड इंसान से लेकर मवेशियों - पक्षियों की मुसीबत बढ़ा रही हो , लेकिन गेंहू - सरसों के लिए यह मौसम बेहद शुभ संकेत है। उत्पादन से लेकर क्वालिटी में सुधार इस सीजन की वजह से होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी सीजन को लेकर हमने बात की कृषि विभाग के उपनिदेशक चांदराम सिंगरोहा से , उन्होंने किसान को ठंड से नहीं घबराने कही। पत्रकारों से बातचीत ने उप निदेशक चांदराम ने कहा कि नूह जिले में अधिकतर लोग कृषि पर आधारित हैं। जिलेभर में 77100 हैक्टेयर भूमि में गेंहू की फसल बिजाई है। ठंड में बिजाई के करीब 21 दिन बाद गेंहू की फसल को सिंचाई करना बेहद जरुरी है। सिंचाई में देरी हुई तो फसल को नुकसान ठंड से हो सकता है या अन्य समस्याएं उत्पादन बेहतर होने को लेकर किसान के सामने आ सकती हैं , बात अगर सरसों की करें तो सरसों की बिजाई 24 हजार हैक्टेयर भूमि में पीला सोना खड़ा है। ठंड में सरसों को सिंचाई करके बचाया जा सकता है। कड़ाके की ठंड सिर्फ उन किसानों की चिंता बढ़ा सकती है , जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं , लेकिन कई दिन पहले ओलावृष्टि के साथ हुई बरसात से पूरे इलाके के लोगों के लिए अच्छी खबर आई। गेंहू की फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान अभी तक इलाके में देखने को नहीं मिल रहा है। पारा भले ही 8 - 9 डिग्री से रात के समय और भी नीचे लुढ़क रहा हो , लेकिन किसान की फसल को इस सीजन का नुकसान कम बल्कि मुनाफा अधिक है। कृषि विभाग नूह इस मौसम को फसलों के अनुकूल मानकर चल रहा है।
बाइट;- चांदराम उप निदेशक कृषि विभाग नूह
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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