नूंह: महिला एवं बाल विकास कार्यालय में हुए गबन के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया. जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अपने विभाग के कर्मचारी और एक निलंबित कर्मचारी पर लाखों रुपये के गबन के आरोप लगाए थे. साथ ही अपनी जान को भी खतरा बताया था. मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
आंगनवाड़ी राशन वितरण में गोलमाल
बता दें कि आंगनवाड़ी वर्कर सेंटरों पर बच्चों को मनमर्जी से राशन वितरण करती हैं, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. मई में आंगनवाड़ी वर्कर्स की ओर से लॉकडाउन के कारण घर-घर जाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बहुत थोड़ा राशन बांटा गया था. जिससे लोगों ने उसका विरोध किया और राशन कम बांटने की शिकायत कार्यालय में दी थी. जिसके बाद कार्यालय में हड़कंप मच गया था.
शनिवार को विभाग की जिला अधिकारी ईशा रानी ने नूंह कार्यालय के सहायक कल्लूराम, डाटा एंट्री ऑपरेटर रविंद्र, खेमचंद, सर्विसमैन तावडू अमित कुमार, डाटा एंट्री ऑपरेटर कुमार तावडू और वीरेंद्र कुमार(निलंबित) के खिलाफ साजिश के तहत फर्जीवाड़ा करते हुए 23 लाख रुपये की के गबन की शिकायत दी. ईशा रानी ने बताया कि सरकारी राशि को 19 जनवरी 2020 को निजी बैंक खाते में डाल कर गबन किया है.
कंप्यूटर चोरी का मामला दर्ज
पुलिस इस मामले पर शिकायत दर्ज कर जांच में जुट गई है. जबकि इससे पहले शनिवार को तावड़ू स्तिथ कार्यालय में स्टाफ की ओर से रात में कंप्यूटर का सीपीयू चोरी होने केस दर्ज कराया गया था. इन दो मुकदमों के दर्ज होने से प्रशासन को लगा कि जिला के डब्ल्यूसीडीपीओ कार्यालय में कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है.
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इस बारे में डब्ल्यूसीडीपीओ ईशा रानी ने तावडू में उनके कार्यालय से कंप्यूटर की हुई चोरी के मामले में कार्यालय के ही कर्मचारियों का चोरी में हाथ होने का मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही उन्होंने कहा कि नूंह में भी कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी राशि में गोलमाल होने पर भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है.