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अपनी ही बच्ची का अपहरण करने के आरोप में पिता गिरफ्तार, पढ़िए क्या है पूरा मामला - गिरफ्तार

22 जुलाई को नूंह के पिनगवां थाना क्षेत्र में एक बेहद ही गंभीर मामला दर्ज हुआ था. मामला एक पिता के ऊपर दर्ज किया गया था जिसने अपनी ही 9 महीने की बच्ची का अपहरण किया. अब पुलिस ने इस मामले में आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पिता
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Published : Aug 2, 2019, 11:20 PM IST

नूंह: पिनगवां पुलिस ने करीब 12 दिन बाद पिता द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की गई 9 महीने की मासूम को बरामद कर उसकी मां के हवाले कर दिया. साथ ही आरोपी पिता को भी पुलिस ने 12 दिन बाद सीकरी राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है. अभी भी अपहरण में शामिल उसके दो साथियों की पुलिस को तलाश है.

kidnapping
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पिता

मामले में गौर करने वाली बात ये रही कि महिला कई दिनों तक थाने में चक्कर लगाती रही. एक दिन तो खुद पीड़ित महिला आरोपी पिता को पकड़ भी लाई, लेकिन उसे चंद घंटों में छोड़ दिया गया. जिसके बाद पीड़ित महिला एसपी संगीता कालिया के पास पहुंची. तब कहीं जाकर पुलिस सक्रिय हुई और 9 महीने की लड़की को मां नसीब हो सकी. पीड़ित महिला ने पिनगवां पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के गंभीर आरोप भी लगाए हैं. एक वीडियो में महिला थाने में गिड़गिड़ा रही है, लेकिन पुलिस ने महिला की एक नहीं सुनी.

इस बारे में एसएचओ पिनगवां शमसुद्दीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के बीच आपस में विवाद चल रहा था. जिसकी वजह से मुस्तकीम ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस अपहरण की वारदात को अंजाम दिया. अब सवाल ये उठता है कि बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का नारा देने वाली मनोहर सरकार में बेटियों की सुनने वाले ही कान बंद करके बैठे हैं. वहीं इस पूरे मामले के बाद नूंह पुलिस की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठना भी लाजमी है.

नूंह: पिनगवां पुलिस ने करीब 12 दिन बाद पिता द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की गई 9 महीने की मासूम को बरामद कर उसकी मां के हवाले कर दिया. साथ ही आरोपी पिता को भी पुलिस ने 12 दिन बाद सीकरी राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है. अभी भी अपहरण में शामिल उसके दो साथियों की पुलिस को तलाश है.

kidnapping
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पिता

मामले में गौर करने वाली बात ये रही कि महिला कई दिनों तक थाने में चक्कर लगाती रही. एक दिन तो खुद पीड़ित महिला आरोपी पिता को पकड़ भी लाई, लेकिन उसे चंद घंटों में छोड़ दिया गया. जिसके बाद पीड़ित महिला एसपी संगीता कालिया के पास पहुंची. तब कहीं जाकर पुलिस सक्रिय हुई और 9 महीने की लड़की को मां नसीब हो सकी. पीड़ित महिला ने पिनगवां पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के गंभीर आरोप भी लगाए हैं. एक वीडियो में महिला थाने में गिड़गिड़ा रही है, लेकिन पुलिस ने महिला की एक नहीं सुनी.

इस बारे में एसएचओ पिनगवां शमसुद्दीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के बीच आपस में विवाद चल रहा था. जिसकी वजह से मुस्तकीम ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस अपहरण की वारदात को अंजाम दिया. अब सवाल ये उठता है कि बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का नारा देने वाली मनोहर सरकार में बेटियों की सुनने वाले ही कान बंद करके बैठे हैं. वहीं इस पूरे मामले के बाद नूंह पुलिस की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठना भी लाजमी है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- अपने बच्चे का अपहरण करने वाला पिता गिरफ्तार , दो की तलाश
पिनगवां पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के करीब 12 दिन बाद पिता द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की गई 9 माह की मासूम को बरामद कर उसकी मां के हवाले कर दी। इतना ही अपहरणकर्ता आरोपी पिता को भी पुलिस ने 12 दिन बाद सीकरी राजस्थान से बरामद कर लिया। अभी भी अपहरण में शामिल उसके दो साथियों की पुलिस को तलाश है। मामले में खास बात यह रही कि महिला कई दिनों तक थाने में चक्कर लगाती रही। मासूम को लाने की गुहार लगाती रही , लेकिन खाकी का दिल नहीं पसीजा। बकौल पीड़ित महिला पुलिस एक दिन आरोपी को पकड़ भी लाई , लेकिन चंद घंटे बाद छोड़ दिया। आख़िरकार इंसाफ और बेटी को बरामद कराने के लिए पीड़ित महिला एसपी संगीता कालिया के दरबार में पहुंच गई। तब कहीं जाकर पुलिस सक्रिय हुई और मासूम 9 माह की लड़की को मां नसीब हो सकी। पिनगवां पुलिस कई दिनों तक मामले को डांवाडोल करती रही , लेकिन बड़े अधिकारियों के पास मामला पहुंचा तो कलई खुल गई। पीड़ित महिला ने पिनगवां पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में महिला थाने में गिड़गिड़ा रही है , आंखों से आंसू छलक रहे हैं , लेकिन खाकी को फुर्सत नहीं थी।
पीड़ित महिला के मुताबिक उसकी शादी दल्लाबास गांव में कोर्ट मैरिज हुआ। महिला ने आरोप लगाया कि दल्लाबास वाला उसका पति उससे गलत काम करवाता था और उसी ने बिशंबरा यूपी के रहने वाले मुस्तकीम के हवाले कर दिया। मुस्तकीम उसे जबरन रखता था। मारपीट करता था तथा गलत काम करवाने को मजबूर करता था। महिला जैसे - तैसे उसके चंगुल से छूटकर पिनगवां कस्बे में अपनी मां के पास रहने लगी। गत 21 जुलाई की रात्रि मुस्तकीम निवासी बिशंबरा अपने इमरान , आरिफ दोस्त के साथ रात्रि के समय आया और 9 माह की मासूम को जबरन उठाकर ले गया। महिला मुस्तकीम से लेकर पुलिस के पास रोटी - बिलखती फरियाद करती रही , लेकिन आला अधिकारियों की दखल के बाद पिनगवां पुलिस की नींद खुली और मासूम को बरामद कर लिया। साथ ही उसके पिता को उसकी सही जगह हवालात में पुलिस ने डाल दिया। पुलिस मुस्तकीम को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। जब इस बारे में एसएचओ पिनगवां शमसुद्दीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पति - पत्नी के बीच आपस में विवाद चल रहा था। जिसकी वजह से मुस्तकीम ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने घटना के अगले दिन गत 22 जुलाई को अपहरण सहित अन्य धाराओं के तहत तीन लोगों को नामजद किया। जिसमें से मुस्तकीम को गिरफ्तार कर लिया है और दो आरोपियों की तलाश की जा रही है। मासूम बच्ची को उसकी मां के हवाले कर दिया है। अब सवाल लाख टके का यह है कि बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का नारा देने वाली मनोहर सरकार में बेटियों की सुनने वाले ही कान बंद करके थाने - चौकियों में महज मोटी कमाई करने के लिए बैठे हुए हैं। मामले पति - पत्नी का विवाद था , तो पुलिस को मासूम बच्ची को लाने में 12 दिन का समय किसलिए लगा। नूंह पुलिस की हम नहीं बल्कि खुद सीएम मनोहर लाल लोकसभा चुनाव के दौरान बड़कली चौक की जनसभा में सुधार की बात खुलकर कह चुके हैं , लेकिन नूंह पुलिस की कार्यशैली में कब सुधार आएगा। इसका लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार है।
बाइट;- पीड़ित महिला
बाइट;- शमसुद्दीन एसएचओ पिनगवां
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- अपने बच्चे का अपहरण करने वाला पिता गिरफ्तार , दो की तलाश
पिनगवां पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के करीब 12 दिन बाद पिता द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की गई 9 माह की मासूम को बरामद कर उसकी मां के हवाले कर दी। इतना ही अपहरणकर्ता आरोपी पिता को भी पुलिस ने 12 दिन बाद सीकरी राजस्थान से बरामद कर लिया। अभी भी अपहरण में शामिल उसके दो साथियों की पुलिस को तलाश है। मामले में खास बात यह रही कि महिला कई दिनों तक थाने में चक्कर लगाती रही। मासूम को लाने की गुहार लगाती रही , लेकिन खाकी का दिल नहीं पसीजा। बकौल पीड़ित महिला पुलिस एक दिन आरोपी को पकड़ भी लाई , लेकिन चंद घंटे बाद छोड़ दिया। आख़िरकार इंसाफ और बेटी को बरामद कराने के लिए पीड़ित महिला एसपी संगीता कालिया के दरबार में पहुंच गई। तब कहीं जाकर पुलिस सक्रिय हुई और मासूम 9 माह की लड़की को मां नसीब हो सकी। पिनगवां पुलिस कई दिनों तक मामले को डांवाडोल करती रही , लेकिन बड़े अधिकारियों के पास मामला पहुंचा तो कलई खुल गई। पीड़ित महिला ने पिनगवां पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में महिला थाने में गिड़गिड़ा रही है , आंखों से आंसू छलक रहे हैं , लेकिन खाकी को फुर्सत नहीं थी।
पीड़ित महिला के मुताबिक उसकी शादी दल्लाबास गांव में कोर्ट मैरिज हुआ। महिला ने आरोप लगाया कि दल्लाबास वाला उसका पति उससे गलत काम करवाता था और उसी ने बिशंबरा यूपी के रहने वाले मुस्तकीम के हवाले कर दिया। मुस्तकीम उसे जबरन रखता था। मारपीट करता था तथा गलत काम करवाने को मजबूर करता था। महिला जैसे - तैसे उसके चंगुल से छूटकर पिनगवां कस्बे में अपनी मां के पास रहने लगी। गत 21 जुलाई की रात्रि मुस्तकीम निवासी बिशंबरा अपने इमरान , आरिफ दोस्त के साथ रात्रि के समय आया और 9 माह की मासूम को जबरन उठाकर ले गया। महिला मुस्तकीम से लेकर पुलिस के पास रोटी - बिलखती फरियाद करती रही , लेकिन आला अधिकारियों की दखल के बाद पिनगवां पुलिस की नींद खुली और मासूम को बरामद कर लिया। साथ ही उसके पिता को उसकी सही जगह हवालात में पुलिस ने डाल दिया। पुलिस मुस्तकीम को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। जब इस बारे में एसएचओ पिनगवां शमसुद्दीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पति - पत्नी के बीच आपस में विवाद चल रहा था। जिसकी वजह से मुस्तकीम ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने घटना के अगले दिन गत 22 जुलाई को अपहरण सहित अन्य धाराओं के तहत तीन लोगों को नामजद किया। जिसमें से मुस्तकीम को गिरफ्तार कर लिया है और दो आरोपियों की तलाश की जा रही है। मासूम बच्ची को उसकी मां के हवाले कर दिया है। अब सवाल लाख टके का यह है कि बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का नारा देने वाली मनोहर सरकार में बेटियों की सुनने वाले ही कान बंद करके थाने - चौकियों में महज मोटी कमाई करने के लिए बैठे हुए हैं। मामले पति - पत्नी का विवाद था , तो पुलिस को मासूम बच्ची को लाने में 12 दिन का समय किसलिए लगा। नूंह पुलिस की हम नहीं बल्कि खुद सीएम मनोहर लाल लोकसभा चुनाव के दौरान बड़कली चौक की जनसभा में सुधार की बात खुलकर कह चुके हैं , लेकिन नूंह पुलिस की कार्यशैली में कब सुधार आएगा। इसका लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार है।
बाइट;- पीड़ित महिला
बाइट;- शमसुद्दीन एसएचओ पिनगवां
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- अपने बच्चे का अपहरण करने वाला पिता गिरफ्तार , दो की तलाश
पिनगवां पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के करीब 12 दिन बाद पिता द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की गई 9 माह की मासूम को बरामद कर उसकी मां के हवाले कर दी। इतना ही अपहरणकर्ता आरोपी पिता को भी पुलिस ने 12 दिन बाद सीकरी राजस्थान से बरामद कर लिया। अभी भी अपहरण में शामिल उसके दो साथियों की पुलिस को तलाश है। मामले में खास बात यह रही कि महिला कई दिनों तक थाने में चक्कर लगाती रही। मासूम को लाने की गुहार लगाती रही , लेकिन खाकी का दिल नहीं पसीजा। बकौल पीड़ित महिला पुलिस एक दिन आरोपी को पकड़ भी लाई , लेकिन चंद घंटे बाद छोड़ दिया। आख़िरकार इंसाफ और बेटी को बरामद कराने के लिए पीड़ित महिला एसपी संगीता कालिया के दरबार में पहुंच गई। तब कहीं जाकर पुलिस सक्रिय हुई और मासूम 9 माह की लड़की को मां नसीब हो सकी। पिनगवां पुलिस कई दिनों तक मामले को डांवाडोल करती रही , लेकिन बड़े अधिकारियों के पास मामला पहुंचा तो कलई खुल गई। पीड़ित महिला ने पिनगवां पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में महिला थाने में गिड़गिड़ा रही है , आंखों से आंसू छलक रहे हैं , लेकिन खाकी को फुर्सत नहीं थी।
पीड़ित महिला के मुताबिक उसकी शादी दल्लाबास गांव में कोर्ट मैरिज हुआ। महिला ने आरोप लगाया कि दल्लाबास वाला उसका पति उससे गलत काम करवाता था और उसी ने बिशंबरा यूपी के रहने वाले मुस्तकीम के हवाले कर दिया। मुस्तकीम उसे जबरन रखता था। मारपीट करता था तथा गलत काम करवाने को मजबूर करता था। महिला जैसे - तैसे उसके चंगुल से छूटकर पिनगवां कस्बे में अपनी मां के पास रहने लगी। गत 21 जुलाई की रात्रि मुस्तकीम निवासी बिशंबरा अपने इमरान , आरिफ दोस्त के साथ रात्रि के समय आया और 9 माह की मासूम को जबरन उठाकर ले गया। महिला मुस्तकीम से लेकर पुलिस के पास रोटी - बिलखती फरियाद करती रही , लेकिन आला अधिकारियों की दखल के बाद पिनगवां पुलिस की नींद खुली और मासूम को बरामद कर लिया। साथ ही उसके पिता को उसकी सही जगह हवालात में पुलिस ने डाल दिया। पुलिस मुस्तकीम को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। जब इस बारे में एसएचओ पिनगवां शमसुद्दीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पति - पत्नी के बीच आपस में विवाद चल रहा था। जिसकी वजह से मुस्तकीम ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने घटना के अगले दिन गत 22 जुलाई को अपहरण सहित अन्य धाराओं के तहत तीन लोगों को नामजद किया। जिसमें से मुस्तकीम को गिरफ्तार कर लिया है और दो आरोपियों की तलाश की जा रही है। मासूम बच्ची को उसकी मां के हवाले कर दिया है। अब सवाल लाख टके का यह है कि बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का नारा देने वाली मनोहर सरकार में बेटियों की सुनने वाले ही कान बंद करके थाने - चौकियों में महज मोटी कमाई करने के लिए बैठे हुए हैं। मामले पति - पत्नी का विवाद था , तो पुलिस को मासूम बच्ची को लाने में 12 दिन का समय किसलिए लगा। नूंह पुलिस की हम नहीं बल्कि खुद सीएम मनोहर लाल लोकसभा चुनाव के दौरान बड़कली चौक की जनसभा में सुधार की बात खुलकर कह चुके हैं , लेकिन नूंह पुलिस की कार्यशैली में कब सुधार आएगा। इसका लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार है।
बाइट;- पीड़ित महिला
बाइट;- शमसुद्दीन एसएचओ पिनगवां
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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