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नूंह: कपास की फसल में कीड़े की शुरुआत, चिंता में किसान - सरकार

हरियाणा के नूंह जिले के किसान कपास की खेती करने से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. दरअसल कपास की फसलों में कीड़े लगने शुरू हो गए हैं. जिसके कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखने लगी है.

किसान
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Published : Aug 1, 2019, 7:55 PM IST

नूंह: प्रदेश के नूंह जिले में पिछले साल की तुलना में इस साल कपास की फसल ज्यादा उगाई गई है. साथ ही कपास की फसल में कीड़े लगने भी शुरु हो चुके हैं. जिससे किसान बेहद परेशान हैं. ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं कीड़ों से उनकी फसलें नष्ट ना हो जाएं.

किसानों का कहना है कि करीब तीन चार साल पहले नूंह जिले के किसान कपास की फसल बोने से कतराते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कपास की फसल में ज्यादा मुनाफा होता है, तो किसानों में कपास की फसल बोने की होड़ सी लग गई. देखा जाए तो इस बार नूंह जिले में 60 प्रतिशत जमीन पर कपास की फसल उगाई गई है.

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हालांकि जिले में इस बार बरसात कम हुई, लेकिन फिर भी कपास की फसल पूरे जिले में लहलहाती नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि कपास की फसल को मेवात के लोग अच्छी तरह से उगाना तक नहीं जानते थे. लेकिन धीरे-धीरे ऐसा शौक चढ़ा कि अब हर व्यक्ति कपास उगाने के बारे में अच्छी तरह से जानने लग गया है.

किसानों ने बताया कि अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से कीड़े के इलाज के लिए कोई उपाय नहीं बताए गए हैं. जिसके कारण कपास बोने वाला हर किसान चिंता में है. मजबूरी में किसान बाजारों से महंगी दवाईयां खरीद कर अपनी फसलों में स्प्रे कर रहे हैं. मगर अधिकारियों की तरफ से कीड़ों से छुटकारा दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

नूंह: प्रदेश के नूंह जिले में पिछले साल की तुलना में इस साल कपास की फसल ज्यादा उगाई गई है. साथ ही कपास की फसल में कीड़े लगने भी शुरु हो चुके हैं. जिससे किसान बेहद परेशान हैं. ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं कीड़ों से उनकी फसलें नष्ट ना हो जाएं.

किसानों का कहना है कि करीब तीन चार साल पहले नूंह जिले के किसान कपास की फसल बोने से कतराते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कपास की फसल में ज्यादा मुनाफा होता है, तो किसानों में कपास की फसल बोने की होड़ सी लग गई. देखा जाए तो इस बार नूंह जिले में 60 प्रतिशत जमीन पर कपास की फसल उगाई गई है.

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हालांकि जिले में इस बार बरसात कम हुई, लेकिन फिर भी कपास की फसल पूरे जिले में लहलहाती नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि कपास की फसल को मेवात के लोग अच्छी तरह से उगाना तक नहीं जानते थे. लेकिन धीरे-धीरे ऐसा शौक चढ़ा कि अब हर व्यक्ति कपास उगाने के बारे में अच्छी तरह से जानने लग गया है.

किसानों ने बताया कि अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से कीड़े के इलाज के लिए कोई उपाय नहीं बताए गए हैं. जिसके कारण कपास बोने वाला हर किसान चिंता में है. मजबूरी में किसान बाजारों से महंगी दवाईयां खरीद कर अपनी फसलों में स्प्रे कर रहे हैं. मगर अधिकारियों की तरफ से कीड़ों से छुटकारा दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- कपास की फसल में कीड़े की शुरुआत, चिंता में किसान

प्रदेश के नूंह जिले में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष कपास की फसल अधिक उगाई गई है। कपास में टिंड़े आने शुरु होने के साथ-साथ कीड़े लगने भी शुरु हो चुके हैं। जिससे किसान बेहद परेशान हैं। ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं कीड़े से उनकी फसलें नष्ट ना हो जाएं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों की ओर से कपास में लगे रोग की रोकथाम के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे कपास बोने वाले सभी किसान परेशान।
किसान अली मोहम्मद, शहाबुद्दीन, इम्तियाज, उसमान किसानों का कहना है कि अबसे करीब तीन चार पहले नूंह जिले के किसान कपास की फसल बोने से कतराते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कपास की फसल में अधिक मुनाफा होता है, तो उन्हें कपास की फसल बोने की होड़ सी लग गई। देखा जाए तो इस बार नूंह जिले में 60 प्रतिशत कपास की फसल उगाई गई है। हालांकि जिले में इस बार बरसात कम हुई, लेकिन फिर भी कपास की फसल पूरे जिले में लहलहाती नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि कपास की फसल को मेवात के लोग अच्छी तरह से उगाना तक नहीं जानते थे। धीरे-धीरे ऐसा शोक चढ़ा कि अब हर व्यक्ति कपास उगाने के बारे में अच्छी तरह से जानने लग गया है। किसानों ने बताया कि अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से कीड़े के इलाज के लिए कोई उपाये नहीं बताए गए हैं। जिसके कारण कपास बोने वाला हर किसान चिंता में है। मजबूरी में किसान बाजारों से मेंहगी दवाईयां खरीद कर अपनी फसलों में स्प्रे कर रहे हैं। मगर अधिकारियों की तरफ से कीड़े के रोध से छुटकारा दिलाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कपास में लगे कीड़े से बचाव के तरीके व दवाईयां उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि उनकी फसलों में नुकसान ना हो सके।

बाइट ;- उस्मान किसान
बाइट ;- मौहम्मद इम्तयाज किसान।
बाइट ;- रुशतम किसान।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- कपास की फसल में कीड़े की शुरुआत, चिंता में किसान

प्रदेश के नूंह जिले में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष कपास की फसल अधिक उगाई गई है। कपास में टिंड़े आने शुरु होने के साथ-साथ कीड़े लगने भी शुरु हो चुके हैं। जिससे किसान बेहद परेशान हैं। ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं कीड़े से उनकी फसलें नष्ट ना हो जाएं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों की ओर से कपास में लगे रोग की रोकथाम के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे कपास बोने वाले सभी किसान परेशान।
किसान अली मोहम्मद, शहाबुद्दीन, इम्तियाज, उसमान किसानों का कहना है कि अबसे करीब तीन चार पहले नूंह जिले के किसान कपास की फसल बोने से कतराते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कपास की फसल में अधिक मुनाफा होता है, तो उन्हें कपास की फसल बोने की होड़ सी लग गई। देखा जाए तो इस बार नूंह जिले में 60 प्रतिशत कपास की फसल उगाई गई है। हालांकि जिले में इस बार बरसात कम हुई, लेकिन फिर भी कपास की फसल पूरे जिले में लहलहाती नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि कपास की फसल को मेवात के लोग अच्छी तरह से उगाना तक नहीं जानते थे। धीरे-धीरे ऐसा शोक चढ़ा कि अब हर व्यक्ति कपास उगाने के बारे में अच्छी तरह से जानने लग गया है। किसानों ने बताया कि अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से कीड़े के इलाज के लिए कोई उपाये नहीं बताए गए हैं। जिसके कारण कपास बोने वाला हर किसान चिंता में है। मजबूरी में किसान बाजारों से मेंहगी दवाईयां खरीद कर अपनी फसलों में स्प्रे कर रहे हैं। मगर अधिकारियों की तरफ से कीड़े के रोध से छुटकारा दिलाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कपास में लगे कीड़े से बचाव के तरीके व दवाईयां उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि उनकी फसलों में नुकसान ना हो सके।

बाइट ;- उस्मान किसान
बाइट ;- मौहम्मद इम्तयाज किसान।
बाइट ;- रुशतम किसान।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- कपास की फसल में कीड़े की शुरुआत, चिंता में किसान

प्रदेश के नूंह जिले में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष कपास की फसल अधिक उगाई गई है। कपास में टिंड़े आने शुरु होने के साथ-साथ कीड़े लगने भी शुरु हो चुके हैं। जिससे किसान बेहद परेशान हैं। ऐसे में किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं कीड़े से उनकी फसलें नष्ट ना हो जाएं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों की ओर से कपास में लगे रोग की रोकथाम के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे कपास बोने वाले सभी किसान परेशान।
किसान अली मोहम्मद, शहाबुद्दीन, इम्तियाज, उसमान किसानों का कहना है कि अबसे करीब तीन चार पहले नूंह जिले के किसान कपास की फसल बोने से कतराते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कपास की फसल में अधिक मुनाफा होता है, तो उन्हें कपास की फसल बोने की होड़ सी लग गई। देखा जाए तो इस बार नूंह जिले में 60 प्रतिशत कपास की फसल उगाई गई है। हालांकि जिले में इस बार बरसात कम हुई, लेकिन फिर भी कपास की फसल पूरे जिले में लहलहाती नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि कपास की फसल को मेवात के लोग अच्छी तरह से उगाना तक नहीं जानते थे। धीरे-धीरे ऐसा शोक चढ़ा कि अब हर व्यक्ति कपास उगाने के बारे में अच्छी तरह से जानने लग गया है। किसानों ने बताया कि अभी तक संबंधित विभाग की तरफ से कीड़े के इलाज के लिए कोई उपाये नहीं बताए गए हैं। जिसके कारण कपास बोने वाला हर किसान चिंता में है। मजबूरी में किसान बाजारों से मेंहगी दवाईयां खरीद कर अपनी फसलों में स्प्रे कर रहे हैं। मगर अधिकारियों की तरफ से कीड़े के रोध से छुटकारा दिलाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कपास में लगे कीड़े से बचाव के तरीके व दवाईयां उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि उनकी फसलों में नुकसान ना हो सके।

बाइट ;- उस्मान किसान
बाइट ;- मौहम्मद इम्तयाज किसान।
बाइट ;- रुशतम किसान।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
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