नूंह: जुनैद मौत मामले में बवाल के बाद पुन्हाना पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित विभिन्न आरोपों में भादस की धारा 147, 148, 149, 186, 188, 332, 353, 307, 435 आईपीसी 3 पीडीपी एक्ट के तहत 58 नामजद में लगभग डेढ़ सौ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुन्हाना थाना प्रभारी बिलासाराम ने बताया कि पकड़े गए 8 लोगों को अदालत में पेश कर दिया गया है.
पुन्हाना थाना प्रभारी बिलासाराम ने बताया कि 12 जून को जमालगढ़ निवासी जुनैद की मौत के बाद कुछ लोगों ने जुनैद के शव को पुन्हाना अनाज मंडी के पास मुख्य मार्ग पर रखकर रोड जाम कर दिया था. इसके बाद इनमें कुछ लोगों ने पुन्हाना सिटी चौकी प्रभारी हरदेव सिंह, पीसीआर ड्राइवर लोकेश पर जानलेवा हमला किया. जिसमें वो दोनों चोटिल हो गए. इसके बाद उक्त लोगों ने पुलिस की सरकारी गाड़ी में आग लगाकर कानूनी व्यवस्था बिगाड़ने का काम किया.
इन लोगों को किया गिरफ्तार
थाना प्रभारी के अनुसार उक्त लोगों में से शेर मोहम्मद एडवोकेट शेरपड़ाका, इरशाद चेयरमैन रावलकी, समसुद्दीन पूर्व चेयरमैन नपा पुनहाना, राहुल पुत्र दाऊद, रशीद अहमद एडवोकेट पुत्र सार खां सहित 58 लोगों की पहचान हुई है. जिनमें से राहुल निवासी ठेक, आदिल पेमा रोड, मोहम्मद आसिफ गोधोली, मोहसिन पटकापुर, फैज सिरौली, मुद्दीन नकनपुर, हसन जमालगढ़, सैकुल बलई को पुन्हाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद पुलिस के खिलाफ बिछोर थाने में पीड़ित परिवार की तरफ से शिकायत दे दी गई है, लेकिन अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. वहीं पुन्हाना में एहतियात के तौर पर आरएएफ एवं आईआरबी के अलावा हरियाणा पुलिस के जवानों को तैनात किया है. जुनैद के शव का देर शाम शनिवार को पंचनामा कर आने के बाद सुपुर्द ए खाक किया गया.
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि, नूंह में जुनैद नामक युवक की मौत के बाद शनिवार को बवाल हुआ था. मृतक के परिवार ने पुलिस पर जुनैद की पिटाई का आरोप लगाया था. पीड़ित परिजनों ने कहा कि 31 मई को जुनैद और उसके दोस्त बारात से नूंह लौट रहे थे. जहां से फरीदाबाद पुलिस (Faridabad Police) ने उन्हें चोरी और ऑनलाइन ठगी के शक पर हिरासत में लिया.
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जुनैद की बेरहमी से पिटाई की. जिसकी वजह से जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि जब उनको पता चला कि जुनैद को पुलिस उठाकर ले गई है तो उन्होंने फरीदाबाद पुलिस से बातचीत की. जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने उनसे जुनैद को छोड़ने की एवज में 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी.
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जुनैद का भाई आजाद 70 हजार रुपये की रिश्वत लेकर उसे फरीदाबाद पुलिस हिरासत से छुड़वाकर लाया था. जिसके करीब 10 दिन बाद जुनैद की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि जुनैद को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उसकी तबियत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद उसने शनिवार को दम तोड़ दिया. जुनैद की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने शनिवार को पुन्हाना रोड पर जाम लगा दिया. सूचना मिलने पर पुलिस जाम खुलवाने पहुंची तो गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पीसीआर में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया.
बिगड़ते हालात को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया. अब ग्रामीण और परिजन आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा पीड़ित परिवार ने एसआईटी जांच की भी मांग की है. वहीं फरीदाबाद पुलिस ने परिजनों के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. फरीदाबाद पुलिस का कहना है कि जुनैद को किड़नी की बीमारी थी, और इसी के कारण उसकी मौत हुई.