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बढ़ते पारे के साथ बढ़ी शिकंजी की डिमांड - मेवात

अप्रैल महीने में भीषण गर्मी पड़ रही है.गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडे पानी और कोल्ड ड्रिंक्स का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में मेवाता में शिकंजी की डिमांड भी बढ़ गई है.

बढ़ते पारे के साथ बढ़ी शिकंजी की डिमांड
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Published : Apr 15, 2019, 7:38 PM IST

मेवात: गुरुग्राम -अलवर मार्ग पर मालबा गांव के पास मानो शिंकजी बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है. यहां थोड़ी-थोड़ी दूर पर आपको शिकंजी, नींबू पानी और गन्ने का रस बेचते लोग नजर आ जाएंगे

शिकंजी बेचने वालों की आई बाढ़
मालबा गांव के पास कई शिकंजी बेचने वाले नज़र आ रहे हैं. दरअसल गर्मी के मौसम में लोग प्यास बूझाने के लिए और गर्मी से राहत के लिए शिकंजी का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में रहड़ी वालों के लिए शिंकजी बेचना मुनाफे का सौदा है. शहर ही नहीं बल्कि गांव के लोग भी प्यास बुझाने के लिए शिकंजी का सहारा ले रहे हैं.

बढ़ते पारे के साथ बढ़ी शिकंजी की डिमांड

शिकंजी के बड़े बड़े गुण !
लोग गर्मी के मौसम में शिकंजी को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. एक तो ये कि शिकंजी पानी की बोतल से सस्ते दाम पर मिल जाती है और इसका स्वाद भी अच्छा होता है. साथ ही शिकंजी शरीर को भी गर्मी से लड़ने की ताकत देती है. ऐसे में लोग शिकंजी को पीना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

मेवात: गुरुग्राम -अलवर मार्ग पर मालबा गांव के पास मानो शिंकजी बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है. यहां थोड़ी-थोड़ी दूर पर आपको शिकंजी, नींबू पानी और गन्ने का रस बेचते लोग नजर आ जाएंगे

शिकंजी बेचने वालों की आई बाढ़
मालबा गांव के पास कई शिकंजी बेचने वाले नज़र आ रहे हैं. दरअसल गर्मी के मौसम में लोग प्यास बूझाने के लिए और गर्मी से राहत के लिए शिकंजी का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में रहड़ी वालों के लिए शिंकजी बेचना मुनाफे का सौदा है. शहर ही नहीं बल्कि गांव के लोग भी प्यास बुझाने के लिए शिकंजी का सहारा ले रहे हैं.

बढ़ते पारे के साथ बढ़ी शिकंजी की डिमांड

शिकंजी के बड़े बड़े गुण !
लोग गर्मी के मौसम में शिकंजी को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. एक तो ये कि शिकंजी पानी की बोतल से सस्ते दाम पर मिल जाती है और इसका स्वाद भी अच्छा होता है. साथ ही शिकंजी शरीर को भी गर्मी से लड़ने की ताकत देती है. ऐसे में लोग शिकंजी को पीना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात।
स्टोरी ;- पारा बढ़ा तो बढ़ी शिकंजी की डिमांड।
गुरुग्राम -अलवर मार्ग पर नूंह से मालब गांव के बीच इन दिनों शिकंजी बेचने वालों की मानो बाढ़ आ गई है। जगह - जगह गर्मी से बचाव के लिए राहगीरों को नींबू की शिकंजी उपलब्ध हो रही है। इससे एक तो बेरोजगार युवा शिकंजी बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। दूसरी और जानलेवा गर्मी में अब जिले के इस मुख्य मार्ग पर सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांवों में भी प्यास बुझाने के लिए शिकंजी आसानी से मिल पा रही। कोल्ड ड्रिंक तथा पानी की बोतल 20 रुपये में मिलती है ,लेकिन कई गुणों से भरपूर शिकंजी का एक ग्लास महज 10 रुपये में मिल जाता है। पारा 40 के पार पहुंच रहा है। जिले में पानी की भारी कमी है। सड़क किनारे तो ठंडा तो दूर गर्म पानी भी भीषण गर्मी में नहीं मिल पाता है। ऐसे में लोगों को शिकंजी खूब रास आ रही है। पेड़ों की छाव में शिकंजी बेचने वालों के पास रूककर खासकर दुपहिया वाहन सवार लोगों को राहत मिल रही है , तो कम दाम में गला तर भी हो रहा है। इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे गन्ने का जूस भी आसानी से मिल जाता है। कुल मिलाकर अब सड़क पर ग्रामीण इलाकों में भी रौनक देखने को मिल रही है। लोगों की शिकंजी की वजह से जेब पर बोझ भी कम पड़ रहा है और स्वाद से भरपूर ठंडी शिकंजी का ग्राहक भी दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं। पहले इस प्रकार के पेय पदार्थ मेरठ इत्यादि रोड पर तो देखने को मिलते थे , लेकिन मेवात पूरी तरह सुनसान रहता था।
बाइट ;- समीम खान।
बाइट ;- साबिर अली।
बाइट ;- इमरान राहगीर।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Body:संवाददाता नूंह मेवात।
स्टोरी ;- पारा बढ़ा तो बढ़ी शिकंजी की डिमांड।
गुरुग्राम -अलवर मार्ग पर नूंह से मालब गांव के बीच इन दिनों शिकंजी बेचने वालों की मानो बाढ़ आ गई है। जगह - जगह गर्मी से बचाव के लिए राहगीरों को नींबू की शिकंजी उपलब्ध हो रही है। इससे एक तो बेरोजगार युवा शिकंजी बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। दूसरी और जानलेवा गर्मी में अब जिले के इस मुख्य मार्ग पर सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांवों में भी प्यास बुझाने के लिए शिकंजी आसानी से मिल पा रही। कोल्ड ड्रिंक तथा पानी की बोतल 20 रुपये में मिलती है ,लेकिन कई गुणों से भरपूर शिकंजी का एक ग्लास महज 10 रुपये में मिल जाता है। पारा 40 के पार पहुंच रहा है। जिले में पानी की भारी कमी है। सड़क किनारे तो ठंडा तो दूर गर्म पानी भी भीषण गर्मी में नहीं मिल पाता है। ऐसे में लोगों को शिकंजी खूब रास आ रही है। पेड़ों की छाव में शिकंजी बेचने वालों के पास रूककर खासकर दुपहिया वाहन सवार लोगों को राहत मिल रही है , तो कम दाम में गला तर भी हो रहा है। इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे गन्ने का जूस भी आसानी से मिल जाता है। कुल मिलाकर अब सड़क पर ग्रामीण इलाकों में भी रौनक देखने को मिल रही है। लोगों की शिकंजी की वजह से जेब पर बोझ भी कम पड़ रहा है और स्वाद से भरपूर ठंडी शिकंजी का ग्राहक भी दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं। पहले इस प्रकार के पेय पदार्थ मेरठ इत्यादि रोड पर तो देखने को मिलते थे , लेकिन मेवात पूरी तरह सुनसान रहता था।
बाइट ;- समीम खान।
बाइट ;- साबिर अली।
बाइट ;- इमरान राहगीर।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात।
स्टोरी ;- पारा बढ़ा तो बढ़ी शिकंजी की डिमांड।
गुरुग्राम -अलवर मार्ग पर नूंह से मालब गांव के बीच इन दिनों शिकंजी बेचने वालों की मानो बाढ़ आ गई है। जगह - जगह गर्मी से बचाव के लिए राहगीरों को नींबू की शिकंजी उपलब्ध हो रही है। इससे एक तो बेरोजगार युवा शिकंजी बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। दूसरी और जानलेवा गर्मी में अब जिले के इस मुख्य मार्ग पर सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांवों में भी प्यास बुझाने के लिए शिकंजी आसानी से मिल पा रही। कोल्ड ड्रिंक तथा पानी की बोतल 20 रुपये में मिलती है ,लेकिन कई गुणों से भरपूर शिकंजी का एक ग्लास महज 10 रुपये में मिल जाता है। पारा 40 के पार पहुंच रहा है। जिले में पानी की भारी कमी है। सड़क किनारे तो ठंडा तो दूर गर्म पानी भी भीषण गर्मी में नहीं मिल पाता है। ऐसे में लोगों को शिकंजी खूब रास आ रही है। पेड़ों की छाव में शिकंजी बेचने वालों के पास रूककर खासकर दुपहिया वाहन सवार लोगों को राहत मिल रही है , तो कम दाम में गला तर भी हो रहा है। इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे गन्ने का जूस भी आसानी से मिल जाता है। कुल मिलाकर अब सड़क पर ग्रामीण इलाकों में भी रौनक देखने को मिल रही है। लोगों की शिकंजी की वजह से जेब पर बोझ भी कम पड़ रहा है और स्वाद से भरपूर ठंडी शिकंजी का ग्राहक भी दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं। पहले इस प्रकार के पेय पदार्थ मेरठ इत्यादि रोड पर तो देखने को मिलते थे , लेकिन मेवात पूरी तरह सुनसान रहता था।
बाइट ;- समीम खान।
बाइट ;- साबिर अली।
बाइट ;- इमरान राहगीर।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
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