नई दिल्ली/चंडीगढ़: कारोबारियों को सस्ता माल देने के बहाने किडनैप करने वाले बदमाश को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. इस आरोपी पर 50 हजार रुपये का इनाम था, जो 4 साल से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था.
मेवात के रहने वाले 10 बदमाशों का एक गैंग, कारोबारियों को सस्ता माल देने की बात कहकर दिल्ली बुलाता था. कारोबारी के दिल्ली पहुंचने पर ये उसे अगवा करके परिवार से फिरौती वसूला करता था. इस गैंग का पुलिस ने 2015 में पर्दाफाश किया था. गैंग के 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी फरार चल रहा था.
50 हजार का इनामी था बदमाश
चार साल से फरार चल रहे हसन हुसैन की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. इससे पहले उसके 9 अन्य साथियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन हसन हुसैन नाम का ये आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर था.
साल 2015 का है मामला
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि 3 फरवरी 2015 को अहमदाबाद की रहने वाली एक महिला ने अपने पति के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने पुलिस को बताया कि इंटरनेट पर सस्ते कबाड़ का विज्ञापन देखकर उसका पति कारोबार के सिलसिले में दिल्ली गया था.
कुछ घंटे बाद महिला को कॉल आई, जिसमें उसके पति को छोड़ने के लिए किडनैपर्स 10 लाख की फिरौती मांग रहे थे. अपहरण का मामला दर्ज कर चाणक्यपुरी क्राइम ब्रांच ने छानबीन शुरू कर दी थी.
क्राइम ब्रांच के डर से छोड़ा था कारोबारी
कारोबारी की तलाश में जब क्राइम ब्रांच ने दबिश शुरू की तो दबाव के चलते किडनैपर्स ने कारोबारी को छोड़ दिया था. पुलिस टीम को पता चला कि इस वारदात के पीछे मेवाती गैंग शामिल है. इस वारदात में 10 में से 9 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन हसन हुसैन बीते 4 साल से फरार चल रहा था.
ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
हसन की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन वो नहीं मिला. उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम दिल्ली पुलिस की तरफ से घोषित किया गया था. उसे पकड़ने के लिए स्पेशल सेल की टीम भी काम कर रही थी.
28 जून को स्पेशल सेल को सूचना मिली कि आरोपी एक कार में गुरुग्राम की तरफ जा रहा है. इस सूचना पर पुलिस टीम ने उसकी गाड़ी का पीछा किया और रोहिणी सेक्टर-3 स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया.