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ठेकेदारों ने बीजेपी नेताओं पर लगाया घूस लेने का आरोप, मीडिया को दिखाई रसीद
ठेकेदारों ने भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं पर काम की एवज में लाखों रुपये का कमीशन लेने के गंभीर आरोप लगाए हैं.
ठेकेदारों ने लगाए भाजपा नेताओं पर कमीशन का आरोप
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Published : Jul 25, 2019, 7:39 PM IST
मेवात: जिले में ठेकेदारों ने नगीना के मंडल अध्यक्ष महाबीर सैनी पर घूस लेने का आरोप लगाया है. ठेकेदारों के मुताबिक विकास कार्य की एवज में महाबीर सैनी ने करीब 20 लाख रुपये का कमीशन हड़पा है. ठेकेदारों के मुताबिक अभी भी उनका मंडल अध्यक्ष पर 2 लाख रुपये बकाया है.
आरोप लगाने वालों में ठेकेदार, पंचायत समिति सदस्य समेत करीब दर्जन भर लोग हैं. आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार ने तो भाजपा को दिए चंदे की रसीद तक मीडिया को दिखाई.
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इस संबंध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि आरोप कोई भी लगा सकता है. इसके लिए पुख्ता सबूत भी होने चाहिए. उन्होंने कहा कि सीनियर नेताओं को ही मामले में एक्शन लेना है.
ठेकेदारों ने कहा है कि इस मामले में जांच होनी चाहिए और जो भी उसमें दोषी हो चाहे किसी भी पद पर हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मनोहर लाल खट्टर सरकार का नारा जीरो टॉलरेंस का है.
मेवात: जिले में ठेकेदारों ने नगीना के मंडल अध्यक्ष महाबीर सैनी पर घूस लेने का आरोप लगाया है. ठेकेदारों के मुताबिक विकास कार्य की एवज में महाबीर सैनी ने करीब 20 लाख रुपये का कमीशन हड़पा है. ठेकेदारों के मुताबिक अभी भी उनका मंडल अध्यक्ष पर 2 लाख रुपये बकाया है.
आरोप लगाने वालों में ठेकेदार, पंचायत समिति सदस्य समेत करीब दर्जन भर लोग हैं. आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार ने तो भाजपा को दिए चंदे की रसीद तक मीडिया को दिखाई.
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इस संबंध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि आरोप कोई भी लगा सकता है. इसके लिए पुख्ता सबूत भी होने चाहिए. उन्होंने कहा कि सीनियर नेताओं को ही मामले में एक्शन लेना है.
ठेकेदारों ने कहा है कि इस मामले में जांच होनी चाहिए और जो भी उसमें दोषी हो चाहे किसी भी पद पर हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मनोहर लाल खट्टर सरकार का नारा जीरो टॉलरेंस का है.
Intro:कमीशन , कमीशन और कमीशन
संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- ठेकेदारों ने भाजपा नेताओं - कार्यकर्ताओं पर लगाए काम की एवज में लाखों रुपये का कमीशन लेने का गंभीर आरोप , सीएम - पीएम के दरबार तक पहुंचा मामला
सूबे के सबसे पिछड़े जिले को विकास में आगे लाने के लिए मनोहर सरकार भले ही करोड़ों रुपये की राशि ग्रामीण - शहरी विकास के लिए दे रही हो , लेकिन भाजपा के नेता - कार्यकर्ता ही सरकारी खजाने को चपत लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। विकास कार्यों की एवज में ठेकेदारों - सरपंचों से कमीशन का खेल तो नया नहीं है। इससे पहले भी नेताओं - कार्यकर्ताओं पर कमीशन के आरोप लगते रहे हैं , लेकिन इस बार कुछ ठेकेदारों ने हिम्मत दिखाते हुए न केवल नगीना के मंडल अध्यक्ष महाबीर सैनी पर विकास कार्य ठेकेदारों को देने की एवज में करीब 20 लाख रुपये का कमीशन हड़पने का आरोप है। ठेकेदारों के मुताबिक अभी भी उनका मंडल अध्यक्ष पर 2 लाख रुपये बकाया है। हद तो तब हो गई जब नगीना - फिरोजपुर झिरका खंड की दर्जनों ग्राम पंचायतों का जो काम स्वीकार किया हुआ है और एस्टीमेट बनकर जाने के बाद करोड़ों रुपये आने वाला है। उसकी एवज में 5 - 7 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाने का आरोप लग रहा है। ठेकेदार एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। नूंह प्रभारी डीसी यादव से लेकर सीएम - पीएम दरबार में डाक से तो प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को ईमेल से शिकायत की जा चुकी है। ठेकेदारों के इस कदम से भाजपा में खलबली मची हुई है। कमीशन लेने के आरोप सिर्फ मंडल अध्यक्ष सैनी पर ही नहीं लग रहे इसकी छींटे जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप आर्य से लेकर प्रभारी दीवान चंद यादव तक जा रही हैं। भाजपा , आरएसएस से जुड़े कुछ लोगों ने भी यह मामला वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में भी डाल दिया है। सीएम ऑफिस भी इसे लेकर गंभीर है , लेकिन अभी तक न तो शिकायत की जांच के आदेश दिए गए हैं और न ही मंडल अध्यक्ष नगीना सैनी सहित अन्य लोगों को पद से हटाया गया है। भाजपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता भी ठेकेदारों की शिकायत की बात को स्वीकारते हुए कह रहे हैं कि सीनियर नेताओं को ही मामले में एक्शन लेना है। उनके संज्ञान में भी मीडिया एवं ठेकेदारों के माध्यम से मामला आया है। उन्होंने आला नेताओं से भी बात की है। जांच होनी चाहिए , जो भी उसमें दोषी हो चाहे किसी भी पद पर हो , उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मनोहर लाल खट्टर सरकार का जीरो टॉलरेंस का नारा है। ठेकेदारों ने इस मामले में डीसी यादव प्रभारी से भी कई दिन पहले मुलाकात की , लेकिन उन्होंने भी कोई एक्शन नहीं लिया तो ठेकेदारों ने कमीशनखोर भाजपाइयों से निपटने के लिए खुली जंग का एलान कर दिया है। जब उनसे कमीशन देने की बात हुई तो उन्होंने कहा कि दस प्रतिशत कमीशन तो मंडल अध्यक्ष सैनी लेता है , जिसमें से वह जिलाध्यक्ष - प्रभारी तक को शामिल बताता है और दस प्रतिशत कमीशन सरपंचों को देने की बात कहता है। तभी जाकर ठेकेदारी करना संभव हो पाता है। पापी पेट का सवाल है , जिसके लिए उन्हें यह रकम देनी पड़ी। भाजपा के नेता इस कमीशन खोरी और अपने ही साथी नेताओं - कार्यकर्ताओं पर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं , लेकिन साथ ही स्वीकार रहे हैं कि उनको बात के बारे में किसी न किसी माध्यम से जानकारी मिल चुकी है। भ्र्ष्टाचार पर अकसर दूसरों को घेरने वाली भाजपा सरकार इस बार किसी विपक्षी की वजह से नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं - नेताओं की वजह से नई मुसीबत में है। अब इस नई मुसीबत से भाजपा के शीर्ष नेता किस प्रकार निपटते हैं , इसके लिए तो कुछ दिन का इंतजार करना पड़ सकता है , लेकिन मंडल अध्यक्ष नगीना , जिलाध्यक्ष , प्रभारी सहित कुछ लोगों की मुसीबत बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। बात जब सड़क पर आ ही गई है तो इसकी आवाज सड़क से सदन तक सुनाई पड़ सकती है। ठेकेदार मीडिया के सामने दस्तावेजों सहित आये और दावा किया कि कमीशन से लेकर मंजूर हुए विकास कार्यों के गांवों की सूचि भी उनके पास उपलब्ध है। मनोहर लाल खट्टर सरकार को मामले की गहनता से त्वरित जांच करानी चाहिए , ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। अब देखना है की ऊंट किस करवट बैठता है , लेकिन भाजपा का जीरो टॉलरेंस का उसी के कार्यकर्ता मखौल उड़ाते दिखाई देते हैं।
आरोप लगाने वालों में ठेकेदार , पंचायत समिति सदस्य सहित करीब दर्जन भर लोग हैं। आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार ने तो भाजपा को दिए चंदे की रसीद तक मीडिया को दिखाई तो कोई भाजपा का पटका क पहनकर उसको लोकसभा चुनाव में वोट देने और दिलवाने का आरोप लगाता रहा। शिकायतकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप पर किसी बैठक के दौरान बदसलूकी करने तक का आरोप मढ़ रहे हैं।
बाइट;- नरेंद्र पटेल वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाजपा
बाइट;- जाहिद हुसैन सदस्यता प्रमुख नूंह
बाइट;- फारूक ठेकेदार एवं बीजेपी कार्यकर्ता
बाइट;- तैयब हुसैन पंचायत समिति सदस्य
बाइट;- असलम ठेकेदार एवं बीजेपी चंदा देने वाला
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:कमीशन , कमीशन और कमीशन
संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- ठेकेदारों ने भाजपा नेताओं - कार्यकर्ताओं पर लगाए काम की एवज में लाखों रुपये का कमीशन लेने का गंभीर आरोप , सीएम - पीएम के दरबार तक पहुंचा मामला
सूबे के सबसे पिछड़े जिले को विकास में आगे लाने के लिए मनोहर सरकार भले ही करोड़ों रुपये की राशि ग्रामीण - शहरी विकास के लिए दे रही हो , लेकिन भाजपा के नेता - कार्यकर्ता ही सरकारी खजाने को चपत लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। विकास कार्यों की एवज में ठेकेदारों - सरपंचों से कमीशन का खेल तो नया नहीं है। इससे पहले भी नेताओं - कार्यकर्ताओं पर कमीशन के आरोप लगते रहे हैं , लेकिन इस बार कुछ ठेकेदारों ने हिम्मत दिखाते हुए न केवल नगीना के मंडल अध्यक्ष महाबीर सैनी पर विकास कार्य ठेकेदारों को देने की एवज में करीब 20 लाख रुपये का कमीशन हड़पने का आरोप है। ठेकेदारों के मुताबिक अभी भी उनका मंडल अध्यक्ष पर 2 लाख रुपये बकाया है। हद तो तब हो गई जब नगीना - फिरोजपुर झिरका खंड की दर्जनों ग्राम पंचायतों का जो काम स्वीकार किया हुआ है और एस्टीमेट बनकर जाने के बाद करोड़ों रुपये आने वाला है। उसकी एवज में 5 - 7 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाने का आरोप लग रहा है। ठेकेदार एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। नूंह प्रभारी डीसी यादव से लेकर सीएम - पीएम दरबार में डाक से तो प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को ईमेल से शिकायत की जा चुकी है। ठेकेदारों के इस कदम से भाजपा में खलबली मची हुई है। कमीशन लेने के आरोप सिर्फ मंडल अध्यक्ष सैनी पर ही नहीं लग रहे इसकी छींटे जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप आर्य से लेकर प्रभारी दीवान चंद यादव तक जा रही हैं। भाजपा , आरएसएस से जुड़े कुछ लोगों ने भी यह मामला वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में भी डाल दिया है। सीएम ऑफिस भी इसे लेकर गंभीर है , लेकिन अभी तक न तो शिकायत की जांच के आदेश दिए गए हैं और न ही मंडल अध्यक्ष नगीना सैनी सहित अन्य लोगों को पद से हटाया गया है। भाजपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता भी ठेकेदारों की शिकायत की बात को स्वीकारते हुए कह रहे हैं कि सीनियर नेताओं को ही मामले में एक्शन लेना है। उनके संज्ञान में भी मीडिया एवं ठेकेदारों के माध्यम से मामला आया है। उन्होंने आला नेताओं से भी बात की है। जांच होनी चाहिए , जो भी उसमें दोषी हो चाहे किसी भी पद पर हो , उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मनोहर लाल खट्टर सरकार का जीरो टॉलरेंस का नारा है। ठेकेदारों ने इस मामले में डीसी यादव प्रभारी से भी कई दिन पहले मुलाकात की , लेकिन उन्होंने भी कोई एक्शन नहीं लिया तो ठेकेदारों ने कमीशनखोर भाजपाइयों से निपटने के लिए खुली जंग का एलान कर दिया है। जब उनसे कमीशन देने की बात हुई तो उन्होंने कहा कि दस प्रतिशत कमीशन तो मंडल अध्यक्ष सैनी लेता है , जिसमें से वह जिलाध्यक्ष - प्रभारी तक को शामिल बताता है और दस प्रतिशत कमीशन सरपंचों को देने की बात कहता है। तभी जाकर ठेकेदारी करना संभव हो पाता है। पापी पेट का सवाल है , जिसके लिए उन्हें यह रकम देनी पड़ी। भाजपा के नेता इस कमीशन खोरी और अपने ही साथी नेताओं - कार्यकर्ताओं पर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं , लेकिन साथ ही स्वीकार रहे हैं कि उनको बात के बारे में किसी न किसी माध्यम से जानकारी मिल चुकी है। भ्र्ष्टाचार पर अकसर दूसरों को घेरने वाली भाजपा सरकार इस बार किसी विपक्षी की वजह से नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं - नेताओं की वजह से नई मुसीबत में है। अब इस नई मुसीबत से भाजपा के शीर्ष नेता किस प्रकार निपटते हैं , इसके लिए तो कुछ दिन का इंतजार करना पड़ सकता है , लेकिन मंडल अध्यक्ष नगीना , जिलाध्यक्ष , प्रभारी सहित कुछ लोगों की मुसीबत बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। बात जब सड़क पर आ ही गई है तो इसकी आवाज सड़क से सदन तक सुनाई पड़ सकती है। ठेकेदार मीडिया के सामने दस्तावेजों सहित आये और दावा किया कि कमीशन से लेकर मंजूर हुए विकास कार्यों के गांवों की सूचि भी उनके पास उपलब्ध है। मनोहर लाल खट्टर सरकार को मामले की गहनता से त्वरित जांच करानी चाहिए , ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। अब देखना है की ऊंट किस करवट बैठता है , लेकिन भाजपा का जीरो टॉलरेंस का उसी के कार्यकर्ता मखौल उड़ाते दिखाई देते हैं।
आरोप लगाने वालों में ठेकेदार , पंचायत समिति सदस्य सहित करीब दर्जन भर लोग हैं। आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार ने तो भाजपा को दिए चंदे की रसीद तक मीडिया को दिखाई तो कोई भाजपा का पटका क पहनकर उसको लोकसभा चुनाव में वोट देने और दिलवाने का आरोप लगाता रहा। शिकायतकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप पर किसी बैठक के दौरान बदसलूकी करने तक का आरोप मढ़ रहे हैं।
बाइट;- नरेंद्र पटेल वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाजपा
बाइट;- जाहिद हुसैन सदस्यता प्रमुख नूंह
बाइट;- फारूक ठेकेदार एवं बीजेपी कार्यकर्ता
बाइट;- तैयब हुसैन पंचायत समिति सदस्य
बाइट;- असलम ठेकेदार एवं बीजेपी चंदा देने वाला
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:कमीशन , कमीशन और कमीशन
संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- ठेकेदारों ने भाजपा नेताओं - कार्यकर्ताओं पर लगाए काम की एवज में लाखों रुपये का कमीशन लेने का गंभीर आरोप , सीएम - पीएम के दरबार तक पहुंचा मामला
सूबे के सबसे पिछड़े जिले को विकास में आगे लाने के लिए मनोहर सरकार भले ही करोड़ों रुपये की राशि ग्रामीण - शहरी विकास के लिए दे रही हो , लेकिन भाजपा के नेता - कार्यकर्ता ही सरकारी खजाने को चपत लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। विकास कार्यों की एवज में ठेकेदारों - सरपंचों से कमीशन का खेल तो नया नहीं है। इससे पहले भी नेताओं - कार्यकर्ताओं पर कमीशन के आरोप लगते रहे हैं , लेकिन इस बार कुछ ठेकेदारों ने हिम्मत दिखाते हुए न केवल नगीना के मंडल अध्यक्ष महाबीर सैनी पर विकास कार्य ठेकेदारों को देने की एवज में करीब 20 लाख रुपये का कमीशन हड़पने का आरोप है। ठेकेदारों के मुताबिक अभी भी उनका मंडल अध्यक्ष पर 2 लाख रुपये बकाया है। हद तो तब हो गई जब नगीना - फिरोजपुर झिरका खंड की दर्जनों ग्राम पंचायतों का जो काम स्वीकार किया हुआ है और एस्टीमेट बनकर जाने के बाद करोड़ों रुपये आने वाला है। उसकी एवज में 5 - 7 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाने का आरोप लग रहा है। ठेकेदार एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। नूंह प्रभारी डीसी यादव से लेकर सीएम - पीएम दरबार में डाक से तो प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को ईमेल से शिकायत की जा चुकी है। ठेकेदारों के इस कदम से भाजपा में खलबली मची हुई है। कमीशन लेने के आरोप सिर्फ मंडल अध्यक्ष सैनी पर ही नहीं लग रहे इसकी छींटे जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप आर्य से लेकर प्रभारी दीवान चंद यादव तक जा रही हैं। भाजपा , आरएसएस से जुड़े कुछ लोगों ने भी यह मामला वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में भी डाल दिया है। सीएम ऑफिस भी इसे लेकर गंभीर है , लेकिन अभी तक न तो शिकायत की जांच के आदेश दिए गए हैं और न ही मंडल अध्यक्ष नगीना सैनी सहित अन्य लोगों को पद से हटाया गया है। भाजपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता भी ठेकेदारों की शिकायत की बात को स्वीकारते हुए कह रहे हैं कि सीनियर नेताओं को ही मामले में एक्शन लेना है। उनके संज्ञान में भी मीडिया एवं ठेकेदारों के माध्यम से मामला आया है। उन्होंने आला नेताओं से भी बात की है। जांच होनी चाहिए , जो भी उसमें दोषी हो चाहे किसी भी पद पर हो , उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मनोहर लाल खट्टर सरकार का जीरो टॉलरेंस का नारा है। ठेकेदारों ने इस मामले में डीसी यादव प्रभारी से भी कई दिन पहले मुलाकात की , लेकिन उन्होंने भी कोई एक्शन नहीं लिया तो ठेकेदारों ने कमीशनखोर भाजपाइयों से निपटने के लिए खुली जंग का एलान कर दिया है। जब उनसे कमीशन देने की बात हुई तो उन्होंने कहा कि दस प्रतिशत कमीशन तो मंडल अध्यक्ष सैनी लेता है , जिसमें से वह जिलाध्यक्ष - प्रभारी तक को शामिल बताता है और दस प्रतिशत कमीशन सरपंचों को देने की बात कहता है। तभी जाकर ठेकेदारी करना संभव हो पाता है। पापी पेट का सवाल है , जिसके लिए उन्हें यह रकम देनी पड़ी। भाजपा के नेता इस कमीशन खोरी और अपने ही साथी नेताओं - कार्यकर्ताओं पर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं , लेकिन साथ ही स्वीकार रहे हैं कि उनको बात के बारे में किसी न किसी माध्यम से जानकारी मिल चुकी है। भ्र्ष्टाचार पर अकसर दूसरों को घेरने वाली भाजपा सरकार इस बार किसी विपक्षी की वजह से नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं - नेताओं की वजह से नई मुसीबत में है। अब इस नई मुसीबत से भाजपा के शीर्ष नेता किस प्रकार निपटते हैं , इसके लिए तो कुछ दिन का इंतजार करना पड़ सकता है , लेकिन मंडल अध्यक्ष नगीना , जिलाध्यक्ष , प्रभारी सहित कुछ लोगों की मुसीबत बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। बात जब सड़क पर आ ही गई है तो इसकी आवाज सड़क से सदन तक सुनाई पड़ सकती है। ठेकेदार मीडिया के सामने दस्तावेजों सहित आये और दावा किया कि कमीशन से लेकर मंजूर हुए विकास कार्यों के गांवों की सूचि भी उनके पास उपलब्ध है। मनोहर लाल खट्टर सरकार को मामले की गहनता से त्वरित जांच करानी चाहिए , ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। अब देखना है की ऊंट किस करवट बैठता है , लेकिन भाजपा का जीरो टॉलरेंस का उसी के कार्यकर्ता मखौल उड़ाते दिखाई देते हैं।
आरोप लगाने वालों में ठेकेदार , पंचायत समिति सदस्य सहित करीब दर्जन भर लोग हैं। आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार ने तो भाजपा को दिए चंदे की रसीद तक मीडिया को दिखाई तो कोई भाजपा का पटका क पहनकर उसको लोकसभा चुनाव में वोट देने और दिलवाने का आरोप लगाता रहा। शिकायतकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप पर किसी बैठक के दौरान बदसलूकी करने तक का आरोप मढ़ रहे हैं।
बाइट;- नरेंद्र पटेल वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाजपा
बाइट;- जाहिद हुसैन सदस्यता प्रमुख नूंह
बाइट;- फारूक ठेकेदार एवं बीजेपी कार्यकर्ता
बाइट;- तैयब हुसैन पंचायत समिति सदस्य
बाइट;- असलम ठेकेदार एवं बीजेपी चंदा देने वाला
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात