नूंह : गाजर सिर्फ सेहत के लिए ही अच्छी नहीं होती, बल्कि जो किसान इसकी खेती करते हैं, उनके लिए भी ये मुनाफे का सौदा है. गाजर की अगर सही तरीके से खेती की जाए तो आपको बंपर पैदावार मिलेगी और रातोंरात आप मालामाल हो जाएंगे. जी हां 90 दिनों से भी कम वक्त में आप गाजर की खेती से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं. नूंह जिले की बात करें तो फिरोजपुर झिरका के अगोन क्लस्टर में गाजर की फसल उगाई जाती है. यहां के 80 फ़ीसदी किसान पिछले एक दशक से गाजर की खेती करते आ रहे हैं.
गाजर की खेती के लिए तैयारी : अब हम आपको बताने जा रहें कि कैसे आप गाजर की खेती कर सकते हैं. गाजर लगाने से पहले आपको खेत की मिट्टी को बिजाई के लिए समतल कर लेना चाहिए. इसके बाद जुताई के जरिए खेत की मिट्टी को भुरभुरी कर लीजिए. इसके बाद गोबर के खाद का जरूर इस्तेमाल करें. मिट्टी के साथ गोबर की खाद को मिला दें. इसके बाद खेत को बिजाई के लिए तैयार कर लें.
गाजर की खेती के लिए बिजाई : बिजाई के लिए जरूरी है कि आप अपने खेत के क्षेत्र के हिसाब से बीजों को जमा कर लें. एक्सपर्ट बताते हैं कि एक हेक्टेयर के लिए करीब 4 से 7 किलो गाजर के बीज की जरूरत पड़ सकती है. बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें .ऐसा करने से बीजों के अंकुरित होने में कम वक्त लगता है. एक अनुमान के मुताबिक बिजाई के करीब 12 से 16 दिनों में गाजर के बीज अंकुरित हो जाते हैं. वहीं अगर मौसम बेईमान हो जाता है और आपको लगता है कि ज्यादा बारिश हो रही है तो खेतों से पानी निकालने का इंतज़ाम जरूर करें. वहीं जब फसल एक महीना पार कर जाए तो निराई-गुड़ाई जरूर करें. इसके बाद 40 से 50 किलो नाइट्रोजन को मिट्टी में मिला दें.
70 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है फसल : एक्सपर्ट्स के मुताबिक बिजाई के बाद करीब 70 से 90 दिनों में गाजर की फसल तैयार हो जाती है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो एक हेक्टेयर से आप 7 से 10 टन तक पैदावार पा सकते हैं. बाज़ार में एक किलो गाजर की कीमत 70 रुपए तक होती है. ऐसे में आपको गाजर से लाखों का मुनाफा मिल सकता है. गाजर विटामिन 'ए' के साथ इम्यूनिटी से भरपूर होती है और सर्दियों के सीज़न में बड़े पैमाने पर इसका सेवन किया जाता है. ऐसे में मार्केट में इसकी डिमांड भी ज्यादा होती है और इसकी खेती करने वाले किसानों की कमाई भी अच्छी हो जाती है.
किसानों को अनुदान : वहीं गाजर की खेती के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले किसानों को बागवानी विभाग प्रति एकड़ 15,000 रुपए का अनुदान देता है. साथ ही गाजर की फसल बोने और धोने की मशीन की आधी रकम की सब्सिडी भी बागवानी विभाग दे रहा है.
नूंह की गाजर की एनसीआर में डिमांड : नूंह में होने वाली गाजर की एनसीआर की मंडियों में खासी डिमांड है. इसके साथ ही मथुरा और आगरा में भी इसे बेहद पसंद किया जाता है.
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