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स्वास्थ्य विभाग की इस मोबाइल एप पर आशा वर्कर्स को भरोसा नहीं, बोलीं- प्राइवेसी को है खतरा - आशा वर्कर स्मार्ट फोन

कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली आशा वर्कर्स आज सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं. इनकी परेशानी की वजह है एमडीएम शिल्ड 360 नाम की मोबाइल एप. आशा वर्करों को स्वास्थ्य विभाग का ये एप रास नहीं आ रहा है.

Mdm Shield 360 App
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Published : Jun 26, 2021, 10:16 PM IST

नूंह: जब से देश में कोरोना वायरस आया है, तब से लोगों की जिंदगी बदल सी गई है. सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमण फैलने के डर से ज्यादातर काम अब ऑनलाइन होने लगे हैं. ऑनलाइन तरीके से काम को थोड़ा सरल बनाया जाए. शायद यही सोचकर हरियाणा सरकार ने आशा वर्करों को मोबाइल फोन दिए. ताकि घर बैठे ही आशा वर्कर डाटा एंट्री और सर्वे की जानकारी एमडीएम शिल्ड 360 नाम की एप के जरिए अपडेट कर सके. लेकिन ये एप अब विवाद की वजह बन गई है. आशा वर्करों ने इस एप को प्राइवेसी पर खतरा बताया है.

आशा वर्कर्स का आरोप है कि ये मोबाइल एप उनकी प्राइवेसी को खत्म कर देता है. क्योंकि उनके फोन में उनके निजी फोटो और वीडियो भी होते हैं. जिसपर विभाग एमडीएम शिल्ड 360 एप के जरिए नजर रखता है. आशा वर्कर्स का आरोप है कि उनकी लोकेशन तक विभाग ट्रेस करता है. कि वो कहां जा रही हैं और कहां नहीं. अगर वो छुट्टी पर भी होंगी तो भी विभाग उनपर नजर रखेगा. आशा वर्कर ने कहा कि अब वो इस फोन को विभाग को वापस देना चाहती हैं.

स्वास्थ्य विभाग की इस मोबाइल एप पर आशा वर्कर्स को भरोसा नहीं, बोलीं- प्राइवेसी को है खतरा

कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली ये कोरोना वॉरियर्स आज सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं. इनकी परेशानी की वजह है एमडीएम शिल्ड 360 नाम की मोबाइल एप. आशा वर्करों को स्वास्थ्य विभाग का ये एप रास नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि एक आशा वर्कर को दो-दो मोबाइल फोन रखने पड़ रहे हैं. आशा वर्कर सभी महिलाएं हैं. उनको दो-दो फोन हैंडल करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में आशा कार्यकर्ताओं को सौगात, रेवाड़ी जिले में 822 आशा वर्कर को मिला स्मार्टफोन

आशा वर्करों के मुताबिक इस एप के जरिए हमारी सारी निजी जानकारी सरकार के पास होगी. इस बात से गुस्साई आशा वर्कर्स ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. आशा वर्कर्स सरकार से मांग कर रही हैं कि उनसे वो फोन वापस ले लिए जाए. आशा वर्करों ने सरकार पर आरोप भी लगाए कि उन्हें मास्क, सैनिटाइजर भी मुहैया नहीं करवाए गए हैं. कुछ पीएचसी ऐसी हैं जहां सुरक्षा उपकरण आशा वर्कर को मिले ही नहीं.

क्या है ये एमडीएम शिल्ड 360 मेबाइल एप?

आशा वर्कर के मुताबिक ये एक सर्विलांस एप है. इसके माध्यम से विभाग इस मोबाइल में कोई भी चीज अपलोड कर सकता है और कुछ भी डिलिट कर सकता है. स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर की लोकेशन ट्रेस कर सकता है.

नूंह: जब से देश में कोरोना वायरस आया है, तब से लोगों की जिंदगी बदल सी गई है. सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमण फैलने के डर से ज्यादातर काम अब ऑनलाइन होने लगे हैं. ऑनलाइन तरीके से काम को थोड़ा सरल बनाया जाए. शायद यही सोचकर हरियाणा सरकार ने आशा वर्करों को मोबाइल फोन दिए. ताकि घर बैठे ही आशा वर्कर डाटा एंट्री और सर्वे की जानकारी एमडीएम शिल्ड 360 नाम की एप के जरिए अपडेट कर सके. लेकिन ये एप अब विवाद की वजह बन गई है. आशा वर्करों ने इस एप को प्राइवेसी पर खतरा बताया है.

आशा वर्कर्स का आरोप है कि ये मोबाइल एप उनकी प्राइवेसी को खत्म कर देता है. क्योंकि उनके फोन में उनके निजी फोटो और वीडियो भी होते हैं. जिसपर विभाग एमडीएम शिल्ड 360 एप के जरिए नजर रखता है. आशा वर्कर्स का आरोप है कि उनकी लोकेशन तक विभाग ट्रेस करता है. कि वो कहां जा रही हैं और कहां नहीं. अगर वो छुट्टी पर भी होंगी तो भी विभाग उनपर नजर रखेगा. आशा वर्कर ने कहा कि अब वो इस फोन को विभाग को वापस देना चाहती हैं.

स्वास्थ्य विभाग की इस मोबाइल एप पर आशा वर्कर्स को भरोसा नहीं, बोलीं- प्राइवेसी को है खतरा

कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली ये कोरोना वॉरियर्स आज सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं. इनकी परेशानी की वजह है एमडीएम शिल्ड 360 नाम की मोबाइल एप. आशा वर्करों को स्वास्थ्य विभाग का ये एप रास नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि एक आशा वर्कर को दो-दो मोबाइल फोन रखने पड़ रहे हैं. आशा वर्कर सभी महिलाएं हैं. उनको दो-दो फोन हैंडल करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में आशा कार्यकर्ताओं को सौगात, रेवाड़ी जिले में 822 आशा वर्कर को मिला स्मार्टफोन

आशा वर्करों के मुताबिक इस एप के जरिए हमारी सारी निजी जानकारी सरकार के पास होगी. इस बात से गुस्साई आशा वर्कर्स ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. आशा वर्कर्स सरकार से मांग कर रही हैं कि उनसे वो फोन वापस ले लिए जाए. आशा वर्करों ने सरकार पर आरोप भी लगाए कि उन्हें मास्क, सैनिटाइजर भी मुहैया नहीं करवाए गए हैं. कुछ पीएचसी ऐसी हैं जहां सुरक्षा उपकरण आशा वर्कर को मिले ही नहीं.

क्या है ये एमडीएम शिल्ड 360 मेबाइल एप?

आशा वर्कर के मुताबिक ये एक सर्विलांस एप है. इसके माध्यम से विभाग इस मोबाइल में कोई भी चीज अपलोड कर सकता है और कुछ भी डिलिट कर सकता है. स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर की लोकेशन ट्रेस कर सकता है.

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