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सीएम ने किया था शिलान्यास, नगर परिषद ने उखाड़ दी सड़क, लोगों का चलना हुआ मुहाल

इसके कुछ दिनों बाद ही नगर परिषद ने इस सड़क को उखाड़ दिया. अब दो माह होने को है. अभी तक सड़क का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में पिछले करीब 2 माह से इस मार्ग पर गड्ढे व धुल फांक कर लोगों को अभी लंबा इंतजार करना होगा.

सड़क खराब
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Published : Feb 19, 2019, 9:28 AM IST

Updated : Feb 19, 2019, 10:15 AM IST

महेंद्रगढ़: गांव कोरियावास में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करने 23 दिसम्बर को आए सीएम मनोहरलाल ने शहर के विकास कार्यों की भी घोषणा की थी. इसमें सैनी धर्मकांटा से मेहता चौक तक लगभग 1.76 करोड़ रुपये में बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया था.

सीएम ने किया था शिलान्यास
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इसके कुछ दिनों बाद ही नगर परिषद ने इस सड़क को उखाड़ दिया. अब दो माह होने को है. अभी तक सड़क का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में पिछले करीब 2 माह से इस मार्ग पर गड्ढे व धुल फांक कर लोगों को अभी लंबा इंतजार करना होगा.


मुख्यमंत्री मनोहरलाल के शिलान्यास के बाद ही नगर परिषद ने इस पुरानी सड़क को तो उखाड़ दिया, लेकिन उसके बाद नई सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया. जिसके चलते दिनभर सड़क से धुल-मिट्टी उड़ती रहती है. जिसके कारण आसपास के लोगों व दुकानदारों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है.


दुकानदारों ने कहा कि इस मार्ग से काफी संख्या में वाहन गुजरते हैं. जिनसे धुल उड़कर उनकी दुकानों में आती हैं. ऐसे में दुकान के अंदर रखे सामान पर मिट्टी जम जाती है. जिसके कारण उनकी दुकानदारी प्रभावित हो रही है.


सड़क निर्माण के लिए कई बार नगर परिषद में गुहार लगा चुके हैं. परंतु सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है. जब भी नगर परिषद से सड़क निर्माण की बात करते हैं, तो नगर परिषद की ओर से एक ही जवाब मिलता है कि वन विभाग से मार्ग में खड़े पेड़ों को काटने की परमिशन नहीं मिली है. जिसके कारण सड़क निर्माण कार्य शुरू करने में देरी हो रही है.

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वन विभाग के नारनौल वन राजिक अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि नगर परिषद की ओर से डीएफओ के नाम सीएम घोषणा का हवाला देकर चिठ्ठी आई थी. जवाब देते हुए कहा गया था कि सड़क के बीचों-बीच डिवाइडर बनेगा तो दोनों ओर वन विभाग की जमीन से पेड़ हटाने पड़ेंगे. उसके लिए एस्टीमेट बनाकर एफसी केस तैयार होगा.


इस पत्र के जवाब में वापस नगर परिषद ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. बिना परमिशन के ना तो पेड़ हट सकते और ना ही जमीन दी जा सकती. नगर परिषद पहल ही नहीं कर रही.


वहीं नगर परिषद के सचिव नवल शर्मा ने कहा कि उन्होंने अभी अभी सचिव पद का चार्ज संभाला है. इस मामले की जानकारी उनके पास नहीं है. मामले की फाइल देखकर ही कुछ कहा जा सकता है. इस मामले को एमई अंकित वशिष्ठ देख रहे हैं.


नगर परिषद की चेयरपर्सन भारती सैनी ने बताया कि यह मामला उनकी संज्ञान में है. बिजली निगम ने सड़क किनारे खड़े पोलों को हटवाने का करीब 16-17 लाख का एस्टीमेट तैयार किया है. यह पैसा नगर परिषद को ही देना है. बिजली निगम इस कार्य की मंजूरी ले रहा है.

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सड़क निर्माण संबंधित सामने आ रही दिक्कतों को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से बातचीत होगी. कोई ना कोई समाधान निकालकर सड़क निर्माण कार्य आरम्भ करवाया जाएगा.

महेंद्रगढ़: गांव कोरियावास में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करने 23 दिसम्बर को आए सीएम मनोहरलाल ने शहर के विकास कार्यों की भी घोषणा की थी. इसमें सैनी धर्मकांटा से मेहता चौक तक लगभग 1.76 करोड़ रुपये में बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया था.

सीएम ने किया था शिलान्यास
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इसके कुछ दिनों बाद ही नगर परिषद ने इस सड़क को उखाड़ दिया. अब दो माह होने को है. अभी तक सड़क का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में पिछले करीब 2 माह से इस मार्ग पर गड्ढे व धुल फांक कर लोगों को अभी लंबा इंतजार करना होगा.


मुख्यमंत्री मनोहरलाल के शिलान्यास के बाद ही नगर परिषद ने इस पुरानी सड़क को तो उखाड़ दिया, लेकिन उसके बाद नई सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया. जिसके चलते दिनभर सड़क से धुल-मिट्टी उड़ती रहती है. जिसके कारण आसपास के लोगों व दुकानदारों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है.


दुकानदारों ने कहा कि इस मार्ग से काफी संख्या में वाहन गुजरते हैं. जिनसे धुल उड़कर उनकी दुकानों में आती हैं. ऐसे में दुकान के अंदर रखे सामान पर मिट्टी जम जाती है. जिसके कारण उनकी दुकानदारी प्रभावित हो रही है.


सड़क निर्माण के लिए कई बार नगर परिषद में गुहार लगा चुके हैं. परंतु सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है. जब भी नगर परिषद से सड़क निर्माण की बात करते हैं, तो नगर परिषद की ओर से एक ही जवाब मिलता है कि वन विभाग से मार्ग में खड़े पेड़ों को काटने की परमिशन नहीं मिली है. जिसके कारण सड़क निर्माण कार्य शुरू करने में देरी हो रही है.

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वन विभाग के नारनौल वन राजिक अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि नगर परिषद की ओर से डीएफओ के नाम सीएम घोषणा का हवाला देकर चिठ्ठी आई थी. जवाब देते हुए कहा गया था कि सड़क के बीचों-बीच डिवाइडर बनेगा तो दोनों ओर वन विभाग की जमीन से पेड़ हटाने पड़ेंगे. उसके लिए एस्टीमेट बनाकर एफसी केस तैयार होगा.


इस पत्र के जवाब में वापस नगर परिषद ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. बिना परमिशन के ना तो पेड़ हट सकते और ना ही जमीन दी जा सकती. नगर परिषद पहल ही नहीं कर रही.


वहीं नगर परिषद के सचिव नवल शर्मा ने कहा कि उन्होंने अभी अभी सचिव पद का चार्ज संभाला है. इस मामले की जानकारी उनके पास नहीं है. मामले की फाइल देखकर ही कुछ कहा जा सकता है. इस मामले को एमई अंकित वशिष्ठ देख रहे हैं.


नगर परिषद की चेयरपर्सन भारती सैनी ने बताया कि यह मामला उनकी संज्ञान में है. बिजली निगम ने सड़क किनारे खड़े पोलों को हटवाने का करीब 16-17 लाख का एस्टीमेट तैयार किया है. यह पैसा नगर परिषद को ही देना है. बिजली निगम इस कार्य की मंजूरी ले रहा है.

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सड़क निर्माण संबंधित सामने आ रही दिक्कतों को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से बातचीत होगी. कोई ना कोई समाधान निकालकर सड़क निर्माण कार्य आरम्भ करवाया जाएगा.

Intro:सीएम शिलान्यास के बाद तोड़ दी सड़क, वन विभाग व बिजली निगम से नहीं मिली मंजूरी

60 दिन से धुल फांक रहे लोग, लंबी चल सकती है प्रक्रिया, लोगों को होगी परेशानी

कोरियावास रैली में मुख्यमंत्री ने सैनी धर्मकांटा से मेहता चौक तक सड़क निर्माण कार्य का किया था शिलान्यास 

सड़क उखाड़ कर बीच में छोड़ा निर्माण कार्य, दिनभर गड्ढे व धुल-मिट्टी के बीच गुजर रहे वाहन व राहगीर


नारनौल। गांव कोरियावास में मेडिकल कालेज का शिलान्यास करने 23 दिसम्बर को आए सीएम मनोहरलाल ने शहर के विकास कार्यों की भी घोषणा की थी। इसमें सैनी धर्मकांटा से मेहता चौक तक लगभग 1.76 करोड़ रुपए में बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया था। इसके कुछ दिनों बाद ही नगर परिषद ने इस सड़क को उखाड़ दिया। अब दो माह होने को है। अभी तक सड़क का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है। सड़क के बीचों-बीच डिवाइडर बनेगा तो दोनों तरफ वन विभाग के पेड़ हटाने पड़ेंगे और उनकी जमीन पर सड़क बनाने की परमिशन भी लेनी होगी। बिजली निगम के पोल को हटाने के लिए भी मंजूरी लेनी होगी। वन विभाग व बिजली निगम से अभी तक मंजूरी ही नहीं ली गई। इन दोनों विभागों को एस्टीमेट के हिसाब से राशि नगर परिषद को जमा करवानी होगी। इसके बाद मंजूरी मिलेगी और फिर सड़क का निर्माण होगा। ऐसे में पिछले करीब 2 माह से इस मार्ग पर गड्ढे व धुल फांक कर लोगों को अभी लंबा इंतजार करना होगा।




Body:मुख्यमंत्री मनोहरलाल के शिलान्यास के बाद ही नगर परिषद ने इस पुरानी सड़क को तो उखाड़ दिया, लेकिन उसके बाद नई सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। जिसके चलते दिनभर सड़क से धुल-मिट्टी उड़ती रहती है। जिसके कारण आसपास के लोगों व दुकानदारों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। दुकानदारों ने कहा कि इस मार्ग से काफी संख्या में वाहन गुजरते है। जिनसे धुल उड़कर उनकी दुकानों में आती है। ऐसे में दुकान के अंदर रखे सामान पर मिट्टी जम जाती है। जिसके कारण उनकी दुकानदारी प्रभावित हो रही है। सड़क निर्माण के लिए कई बार नगर परिषद में गुहार लगा चुके है। परंतु सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। जब भी नगर परिषद से सड़क निर्माण की बात करते है, तो नगर परिषद की ओर से एक ही जवाब मिलता है कि वन विभाग से मार्ग में खड़े पेड़ों को काटने की परमिशन नहीं मिली है। जिसके कारण सड़क निर्माण कार्य शुरू करने में देरी हो रही है।


Conclusion:वन विभाग के नारनौल वन राजिक अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि नगर परिषद की ओर से डीएफओ के नाम सीएम घोषणा का हवाला देकर चिठ्ठी आई थी। जवाब देते हुए कहा गया था कि सड़क के बीचों-बीच डिवाइडर बनेगा तो दोनों ओर वन विभाग की जमीन से पेड़ हटाने पड़ेंगे। उसके लिए एस्टीमेट बनाकर एफसी केस तैयार होगा। एस्टीमेट में दर्शाई गई राशि जमा करवानी होगी। इस पत्र के जवाब में वापस नगर परिषद ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। बिना परमिशन के ना तो पेड़ हट सकते और ना ही जमीन दी जा सकती। नगर परिषद पहल ही नहीं कर रही।

नगर परिषद के सचिव नवल शर्मा ने कहा कि उन्होंने अभी अभी सचिव पद का चार्ज संभाला है। इस मामले की जानकारी उनके पास नहीं है। मामले की फाइल देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। इस मामले को एमई अंकित वशिष्ठ देख रहे हैं।

नगर परिषद की चेयरपर्सन भारती सैनी ने बताया कि यह मामला उनकी संज्ञान में है। बिजली निगम ने सड़क किनारे खड़े पोलों को हटवाने का करीब 16-17 लाख का एस्टीमेट तैयार किया है। यह पैसा नगर परिषद को ही देना है। बिजली निगम इस कार्य की मंजूरी ले रहा है। सड़क निर्माण संबंधित सामने आ रही दिक्कतों को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से बातचीत होगी। कोई ना कोई समाधान निकालकर सड़क निर्माण कार्य आरम्भ करवाया जाएगा।

सड़क निर्माण नहीं तो कम से कम मिट्टी पर डाले पानी, धुल से तो मिलेगा छुटकारा 

क्या कहते है दुकानदार

सड़क उखाड़ने के बाद दिनभर धुल उड़ती रहती है। जिसके कारण दुकान पर ठहरना भी मुश्किल हो रहा है। कई बाद नगर परिषद से मांग कर चुके, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समाधान नहीं होने पर जाम लगाना मजबूरी होगा।

Last Updated : Feb 19, 2019, 10:15 AM IST
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