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रेलवे अंडरपास पर टीन शेड डालने का काम जारी, नहीं होगा जलभराव? - political

रेलवे के 6 अंडरपास में से 2 पर टीन शेड डालने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं बाकी 4 का प्रपोजल विभाग को भेजा दिया गया है. जल्द ही लोगों को एक ओर से दूसरी और जाने में सुविधा मिल जायेगी.

रेलवे ने शुरू किया अंडरपास पर छत डालने का काम
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Published : Jun 1, 2019, 3:34 PM IST

महेंद्रगढ़: रेलवे विभाग की ओर से शहर के नारनौल में 6 अंडरपास बनाए गए थे. जिनमें बरसात के मौसम में पानी जमा होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया था. ऐसे में लोगों को एक तरफ से दूसरी तरफ आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही थी.

लोगों से जुड़ी इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन से लेकर नगर परिषद अधिकारियों ने रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया. अब एक साल बाद बरसात के सीजन से पहले इन अंडरपासों पर टीन शेड डालने का काम शुरू कर दिया गया है. अगर रेलवे विभाग बरसात से पहले सभी अंडरपास पर टीनशेड डाल देता है तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

रेलवे विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी 6 अंडरपास में से केवल दो अंडरपास पर टीनशेड लगाने का टेंडर छोड़कर कार्य शुरू करवा दिया गया है. दोनों अंडरपास पर बरसात से पहले टीनशेड डालने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

क्लिक कर देखें वीडियो

ऐसे में इस साल बरसात के सीजन में लोगों को अंडरपास में जलभराव से होनी वाली परेशानी से छुटकारा मिलेगा. वहीं बाकी बचे 4 अंडरपास पर टीनशेड डालने की मंजूरी के लिए प्रपोजल भेजा गया है. अगर जल्द स्वीकृति मिल जाती है तो बचे हुए अंडरपास पर भी टीनशेड डाल दी जाएगी.

शहर में यहां बनाए गए हैं रेलवे अंडरपास

रेलवे विभाग ने शहरी क्षेत्र में छह अंडरपास बनाए थे, जिसमें पटीकरा, नागरिक अस्पताल के सामने, बहरोड़ रोड, सीआईए रोड, पुरानी मंडी रोड और श्रीश्याम मंदिर के पास अंडरपास है. अंडरपासों में बरसात के मौसम में पानी जमा होने से बचाने के लिए रिचार्ज बोर किए गए थे. परंतु ये रिचार्ज बोर गत वर्ष हुई पहली ही बरसात में फेल हो गए थे.

बचे चार अंडरपास के लिए प्रपोजल भेजा

रेलवे विभाग के एलओडब्ल्यू गौरेलाल ने बताया कि फिलहाल गेट नंबर 41 और 43 के अंडरपास पर टीनशेड डाली जा रही है. शेष बचे 4 अन्य अंडरपास पर टीनशेड डालने की स्वीकृति के लिए प्रपोजल तैयार करके भेजा गया है.

फंस गई थी स्कूल बस, शीशे तोड़कर निकाला था बच्चों को बाहर

गत वर्ष जुलाई महीने में हुई जोरदार बरसात से रेलवे के सभी अंडरपास में पानी जमा हो गया था. नागरिक अस्पताल के सामने रेलवे अंडरपास में जमा बरसाती पानी में एक निजी स्कूल की बस फंस गई, जिसमें बैठे बच्चों को शीशे तोड़कर बाहर निकाला गया था. जिसके चलते एक बड़ा हादसा टल गया था.

बरसात के बाद इंजनों से अंडरपासों में पानी को निकालने का काम शुरू किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. ऐसे में लोगों को बरसात के बाद भी कई दिन तक परेशानी उठानी पड़ी थी.

दो हिस्सों में बंट गया था शहर

गत वर्ष हुई बरसात के समय रेलवे के सभी 6 अंडरपास में पानी जमा होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया है. जिसके कारण रेलवे लाइन के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने में 5 से 6 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. रेलवे की खामियों से भरे अंडरपास से शहरवासी काफी परेशान हुए. दोपहिया वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन को पार करना पड़ा.

महेंद्रगढ़: रेलवे विभाग की ओर से शहर के नारनौल में 6 अंडरपास बनाए गए थे. जिनमें बरसात के मौसम में पानी जमा होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया था. ऐसे में लोगों को एक तरफ से दूसरी तरफ आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही थी.

लोगों से जुड़ी इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन से लेकर नगर परिषद अधिकारियों ने रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया. अब एक साल बाद बरसात के सीजन से पहले इन अंडरपासों पर टीन शेड डालने का काम शुरू कर दिया गया है. अगर रेलवे विभाग बरसात से पहले सभी अंडरपास पर टीनशेड डाल देता है तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

रेलवे विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी 6 अंडरपास में से केवल दो अंडरपास पर टीनशेड लगाने का टेंडर छोड़कर कार्य शुरू करवा दिया गया है. दोनों अंडरपास पर बरसात से पहले टीनशेड डालने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

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ऐसे में इस साल बरसात के सीजन में लोगों को अंडरपास में जलभराव से होनी वाली परेशानी से छुटकारा मिलेगा. वहीं बाकी बचे 4 अंडरपास पर टीनशेड डालने की मंजूरी के लिए प्रपोजल भेजा गया है. अगर जल्द स्वीकृति मिल जाती है तो बचे हुए अंडरपास पर भी टीनशेड डाल दी जाएगी.

शहर में यहां बनाए गए हैं रेलवे अंडरपास

रेलवे विभाग ने शहरी क्षेत्र में छह अंडरपास बनाए थे, जिसमें पटीकरा, नागरिक अस्पताल के सामने, बहरोड़ रोड, सीआईए रोड, पुरानी मंडी रोड और श्रीश्याम मंदिर के पास अंडरपास है. अंडरपासों में बरसात के मौसम में पानी जमा होने से बचाने के लिए रिचार्ज बोर किए गए थे. परंतु ये रिचार्ज बोर गत वर्ष हुई पहली ही बरसात में फेल हो गए थे.

बचे चार अंडरपास के लिए प्रपोजल भेजा

रेलवे विभाग के एलओडब्ल्यू गौरेलाल ने बताया कि फिलहाल गेट नंबर 41 और 43 के अंडरपास पर टीनशेड डाली जा रही है. शेष बचे 4 अन्य अंडरपास पर टीनशेड डालने की स्वीकृति के लिए प्रपोजल तैयार करके भेजा गया है.

फंस गई थी स्कूल बस, शीशे तोड़कर निकाला था बच्चों को बाहर

गत वर्ष जुलाई महीने में हुई जोरदार बरसात से रेलवे के सभी अंडरपास में पानी जमा हो गया था. नागरिक अस्पताल के सामने रेलवे अंडरपास में जमा बरसाती पानी में एक निजी स्कूल की बस फंस गई, जिसमें बैठे बच्चों को शीशे तोड़कर बाहर निकाला गया था. जिसके चलते एक बड़ा हादसा टल गया था.

बरसात के बाद इंजनों से अंडरपासों में पानी को निकालने का काम शुरू किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. ऐसे में लोगों को बरसात के बाद भी कई दिन तक परेशानी उठानी पड़ी थी.

दो हिस्सों में बंट गया था शहर

गत वर्ष हुई बरसात के समय रेलवे के सभी 6 अंडरपास में पानी जमा होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया है. जिसके कारण रेलवे लाइन के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने में 5 से 6 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. रेलवे की खामियों से भरे अंडरपास से शहरवासी काफी परेशान हुए. दोपहिया वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन को पार करना पड़ा.

Intro:रेलवे अंडर पास को मिलेगी छत, नहीं होगा जलभराव

-रेलवे विभाग के शहर में है 6 अंडरपास, दो अंडरपास पर काम शुरू, 4 का प्रपोजल भेजा

-बरसात के दिनों में जलभराव से शहर बंट जाता था दो हिस्सों में

- नगर परिषद सहित जिला प्रशासन ने आमजन की आवाज को रेलवे विभाग तक पहुंचाया था

नारनौल। रेलवे विभाग की ओर से शहर नारनौल क्षेत्र में 6 अंडरपास बनाए गए थे। जिनमें बरसात के मौसम में पानी जमा होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया था। ऐसे में लोगों को एक तरफ से दूसरी तरफ आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही थी। आमजन से जुड़ी इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन से लेकर नगर परिषद अधिकारियों ने रेलवे विभाग के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क साधा। अब एक साल बाद बरसात के सीजन से पहले इन अंडरपासों पर टीनशेड डालने का काम शुरू कर दिया है। अगर रेलवे विभाग बरसात से पहले सभी अंडरपास पर टीनशेड डाल देता है तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

रेलवे विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी 6 अंडरपास में से केवल दो अंडरपास पर टीनशेड लगाने का टेंडर छोड़कर कार्य शुरू करवा दिया गया है। दोनों अंडरपास पर बरसात से पहले टीनशेड डालने का काम पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में इस वर्ष बरसात के सीजन में लोगों को अंडरपास में जलभराव से होनी वाली परेशानी छुटकारा मिलेगा। वहीं बाकी बचे 4 अंडरपास पर टीनशेड डालने की मंजूरी के लिए प्रपोजल भेजा गया है, अगर जल्द स्वीकृति मिल जाती है तो बचे हुए अंडरपास पर भी टीनशेड डाल दी जाएगी।




Body:शहर में यहां बनाए गए है रेलवे अंडरपास

रेलवे विभाग ने शहरी क्षेत्र में छह अंडरपास बनाए थे। जिसमें पटीकरा, नागरिक अस्पताल के सामने, बहरोड़ रोड, सीआईए रोड, पुरानी मंडी रोड व श्रीश्याम मंदिर के पास अंडरपास है। अंडरपासों में बरसात के मौसम में पानी जमा होने से बचाने के लिए रिचार्ज बोर किए गए थे। परंतु यह रिचार्ज बोर गत वर्ष हुई पहली ही बरसात में फेल हो गए थे।

बचे चार अंडरपास के लिए प्रपोजल भेजा

रेलवे विभाग के एलओडब्ल्यू गौरेलाल ने बताया कि फिलहाल गेट नंबर 41 व 43 के अंडरपास पर टीनशेड डाली जा रही है। शेष बचे 4 अन्य अंडरपास पर टीनशेड डालने की स्वीकृति के लिए प्रपोजल तैयार करके भेजा गया है।




Conclusion:अतीत में नुकसान

-फंस गई थी स्कूल बस, शीशे तोड़कर निकाला था बच्चों को बाहर

गत वर्ष जुलाई महीने में हुई जोरदार बरसात से रेलवे के सभी अंडरपास में पानी जमा हो गया था। नागरिक अस्पताल के सामने रेलवे अंडरपास में जमा बरसाती पानी में एक निजी स्कूल की बस फंस गई। जिसमें बैठे बच्चों को शीशे तोड़कर बाहर निकाला था। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया था। बरसात के बाद इंजनों से अंडरपासों में पानी को निकालने का काम शुरू किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में लोगों को बरसात के बाद भी कई दिन तक परेशानी उठानी पड़ी।

-दो हिस्सों में बंट गया था शहर

गत वर्ष हुई बरसात के समय रेलवे के सभी 6 अंडरपास में पानी जमा होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया है। जिसके कारण रेलवे लाइन के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने में 5 से 6 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। रेलवे की खामियों से भरे अंडरपास से शहरवासी काफी परेशान हुई। दोपहिया वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन को पार करना पड़ा।


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