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नारनौल दमकल विभाग को सुविधाओं का टोटा, जान पर खेल कर ड्यूटी करते हैं कर्मचारी - नारनौल नगर पालिका अग्निशमन विभाग

नारनौल अग्निशमन विभाग के पास सुविधाओं का जबरदस्त टोटा है, विभाग के पास ना ही जरूरी उपकरण हैं और ना किसी बड़ी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हाईड्रोलिक फायर मशीन. ऐसे में फायरकर्मी सुविधाओं के अभाव में कई हादसों में आग पर काबू पाने के लिए जान पर भी खेल जाते हैं.

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नारनौल दमकल विभाग को सुविधाओं का टोटा
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Published : Mar 30, 2021, 3:38 PM IST

महेंद्रगढ़: मौसम अपने तेवर बदल रहा है, अब दिन में सूरज पहले से ज्यादा तपिश देने लगा है, ऐसे में आने वाले अप्रैल, मई और जून के महीने दमकल विभाग के लिए चुनैती भरे होने वाले हैं, शहरों में मैजूद अवैध औद्योगिक क्षेत्र, कच्ची कॉलोनियां, पुराने और तंग इलाके और झुग्गियों में ज्यादातर आग लगने की घटनाएं होती हैं, ऐसे में ये पुख्ता करना जरूरी होता है कि अग्निशमन विभाग इस चुनौती के लिए कितना सावधान है.

60 किलोमीटर दायरे में इकलौता फायर स्टेशन

ईटीवी भारत की टीम करनाल, पुन्हाना और हिसार के बाद दक्षिणी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल अग्निशमन विभाग में जायजा लेने पहुंची है. नारनौल अग्निशमन विभाग नांगल चौधरी, अटेली और नारनौल इलाके के 60 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है, ऐसे में नारनौल अग्निशमन विभाग पर एक बड़े क्षेत्र के जान और माल की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन यहां के हालात हमें निराश करते हैं.

नारनौल दमकल विभाग को सुविधाओं का टोटा, जान पर खेल कर ड्यूटी करते हैं कर्मचारी

ये भी पढे़ं- सेंटर से दूर आग लगी तो अग्निशमन केंद्र को नहीं पता कहां से भरना होगा पानी ?

उपकरणों के अभाव में काम करते हैं कर्मी

नारनौल अग्निशमन विभाग के पास सुविधाओं का जबरदस्त टोटा है, विभाग के पास ना ही जरूरी उपकरण है और ना किसी बड़ी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हाईड्रोलिक फायर मशीन. ब-मुश्किल विभाग को छह फायर ब्रिगेड गाड़ियां मुहैया करवाई गई हैं और करीब 25 फायर कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, हालांकि कर्मी निष्ठा से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति ऐसी है जैसे बिना हथियार के युद्ध के मैदान में छोड़ दिया जाए.

'कर्मियों के हौसलें मजबूत, असुविधाओं ने जकड़े हाथ'

फायर कर्मचारियों का कहना है कि पांच हजार से लेकर 15 हजार लीटर पानी की टंकियां हैं, वहीं सभी गाड़ियां 24 घंटे पानी से भरी रहती हैं. वहीं सूचना मिलने पर दो मिनट में गाड़ी मदद के लिए रवाना हो जाती है, ताकि किसी भी आगजनी की घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके, लेकिन इसके साथ ही विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सुविधाओं की कमी का वजह से उन्हें कई बार भीषण आगजनी को काबू करने में काफी तकलीफ होती है, वहीं शहर की तंग गलियों में भी अग्निशमन विभाग को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- करनालः फसल कटाई का सीजन आ गया है, आग लगने पर ऐसे मांगें मदद

हुक्मरानों ने किया शहर की सुरक्षा को नजरअंदाज!

यूं तो महेंद्रगढ़ राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली माना जाता है, यहां तीन विधानसभाओं पर सत्तासीन पार्टी के विधायक हैं, वहीं हरियाणा कैबिनेट में एक मंत्री भी महेंद्रगढ़ से है, ऐसे में इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सबसे अहम विभाग को लाचार देख, जमीनी स्तर पर हुक्मरानों की नजरअंदाजी का अंदाजा लगाया जा सकता है.

महेंद्रगढ़: मौसम अपने तेवर बदल रहा है, अब दिन में सूरज पहले से ज्यादा तपिश देने लगा है, ऐसे में आने वाले अप्रैल, मई और जून के महीने दमकल विभाग के लिए चुनैती भरे होने वाले हैं, शहरों में मैजूद अवैध औद्योगिक क्षेत्र, कच्ची कॉलोनियां, पुराने और तंग इलाके और झुग्गियों में ज्यादातर आग लगने की घटनाएं होती हैं, ऐसे में ये पुख्ता करना जरूरी होता है कि अग्निशमन विभाग इस चुनौती के लिए कितना सावधान है.

60 किलोमीटर दायरे में इकलौता फायर स्टेशन

ईटीवी भारत की टीम करनाल, पुन्हाना और हिसार के बाद दक्षिणी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल अग्निशमन विभाग में जायजा लेने पहुंची है. नारनौल अग्निशमन विभाग नांगल चौधरी, अटेली और नारनौल इलाके के 60 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है, ऐसे में नारनौल अग्निशमन विभाग पर एक बड़े क्षेत्र के जान और माल की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन यहां के हालात हमें निराश करते हैं.

नारनौल दमकल विभाग को सुविधाओं का टोटा, जान पर खेल कर ड्यूटी करते हैं कर्मचारी

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उपकरणों के अभाव में काम करते हैं कर्मी

नारनौल अग्निशमन विभाग के पास सुविधाओं का जबरदस्त टोटा है, विभाग के पास ना ही जरूरी उपकरण है और ना किसी बड़ी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हाईड्रोलिक फायर मशीन. ब-मुश्किल विभाग को छह फायर ब्रिगेड गाड़ियां मुहैया करवाई गई हैं और करीब 25 फायर कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, हालांकि कर्मी निष्ठा से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति ऐसी है जैसे बिना हथियार के युद्ध के मैदान में छोड़ दिया जाए.

'कर्मियों के हौसलें मजबूत, असुविधाओं ने जकड़े हाथ'

फायर कर्मचारियों का कहना है कि पांच हजार से लेकर 15 हजार लीटर पानी की टंकियां हैं, वहीं सभी गाड़ियां 24 घंटे पानी से भरी रहती हैं. वहीं सूचना मिलने पर दो मिनट में गाड़ी मदद के लिए रवाना हो जाती है, ताकि किसी भी आगजनी की घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके, लेकिन इसके साथ ही विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सुविधाओं की कमी का वजह से उन्हें कई बार भीषण आगजनी को काबू करने में काफी तकलीफ होती है, वहीं शहर की तंग गलियों में भी अग्निशमन विभाग को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

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हुक्मरानों ने किया शहर की सुरक्षा को नजरअंदाज!

यूं तो महेंद्रगढ़ राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली माना जाता है, यहां तीन विधानसभाओं पर सत्तासीन पार्टी के विधायक हैं, वहीं हरियाणा कैबिनेट में एक मंत्री भी महेंद्रगढ़ से है, ऐसे में इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सबसे अहम विभाग को लाचार देख, जमीनी स्तर पर हुक्मरानों की नजरअंदाजी का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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