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5 दिनों से धरने पर 28 गांवों के किसान, मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी

नारनौल में किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर लगातार 5 दिनों से धरने पर बैठे हैं. किसानों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है और कहा कि सरकार हमारी भूमि को पूंजीपतियों को देना चाहती हैं.

farmer on dharna since five days to demand proper compensation
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Published : Jul 19, 2019, 11:43 PM IST

महेंन्द्रगढ़: उचित मुआवजे की मांग को लेकर अन्नदाता धरने पर बैठा हैं. लघु सचिवालय परिसर में अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर किसानों का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा.

धरने पर बैठे किसान

धरना स्थल को पहुंचाया नुकसान

बीते रात कुछ असामाजिक तत्वों ने धरना स्थल के टैंटो के पाईप तोड़ दिए थे, जिसके बाद किसान नेता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई. धरने में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, लेकिन धरने पर बैठे किसान की मांग पर सरकार ने अभी तक बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है.

ये हैं मांग

इन किसानों की मांग है कि जो किसानों की जमीन विकास के नाम पर अधिकृत की जा रही है, उन किसानों अन्य जगह जमीन दें दी जाए नहीं तो एनसीआर की तर्ज पर जमीनों का मुआवजा दें. जमीनों की मुआवजा राशि को बढ़ा दी जाए.

सरकार पर लगाया आरोप

किसान बारिश होने के बावजूद भी धरने पर बैठे थे. किसानों का आरोप है कि सरकार हमारी जमीन पानी के भाव में खरीद कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है. सस्ते दामों पर जमीन हड़पने के कारण किसान बर्बादी के कागार पर पहुंच गए है.

बड़े आंदोलन की चेतावनी

किसान नेता धर्मेन्द्र यादव ने एक बड़े आंदोलन की चेदावनी भी दी. आज इस धरने में पीडब्लूडी विभाग संघर्ष समिति के कई बड़े नेता और कई गांवों के किसान भी मौजूद थे.

महेंन्द्रगढ़: उचित मुआवजे की मांग को लेकर अन्नदाता धरने पर बैठा हैं. लघु सचिवालय परिसर में अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर किसानों का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा.

धरने पर बैठे किसान

धरना स्थल को पहुंचाया नुकसान

बीते रात कुछ असामाजिक तत्वों ने धरना स्थल के टैंटो के पाईप तोड़ दिए थे, जिसके बाद किसान नेता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई. धरने में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, लेकिन धरने पर बैठे किसान की मांग पर सरकार ने अभी तक बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है.

ये हैं मांग

इन किसानों की मांग है कि जो किसानों की जमीन विकास के नाम पर अधिकृत की जा रही है, उन किसानों अन्य जगह जमीन दें दी जाए नहीं तो एनसीआर की तर्ज पर जमीनों का मुआवजा दें. जमीनों की मुआवजा राशि को बढ़ा दी जाए.

सरकार पर लगाया आरोप

किसान बारिश होने के बावजूद भी धरने पर बैठे थे. किसानों का आरोप है कि सरकार हमारी जमीन पानी के भाव में खरीद कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है. सस्ते दामों पर जमीन हड़पने के कारण किसान बर्बादी के कागार पर पहुंच गए है.

बड़े आंदोलन की चेतावनी

किसान नेता धर्मेन्द्र यादव ने एक बड़े आंदोलन की चेदावनी भी दी. आज इस धरने में पीडब्लूडी विभाग संघर्ष समिति के कई बड़े नेता और कई गांवों के किसान भी मौजूद थे.

Intro:नारनौल। स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर विभिन्न गांवों के किसानों का धरना पांचवें दिन जारी रहा। इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

धरने की अध्यक्षता महेन्द्र यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि जमीनों का मुआवजा राशि बढ़वाने के लिए किसान बरसात होने के बावजूद भी प्रभावित किसान धरने पर बैठे हुए है। दूसरी तरफ  जिला प्रशासन के कानों में अभी तक जूं नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की सुधारने व किसानों की आमदनी को दोगुना करने तथा उनकी माली हालत सुधारने के अलावा किसानों को अनेक सुविधाएंं देने का ढिंढोरा पीट रही है। सरकार किसानों की जमीन कोडियों के भाव में खरीद कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। 




Body:किसान सस्ते दामों पर जमीन हड़पने के कारण बर्बादी के कागार पर पहुंचे गया है। जिसे किसी सूरत में सहन नहीं करेगा। यह धरना जब तक नहीं उठाया जाएगा, जब तक भूमि का मुआवजा प्रभावित किसानों का बढ़ा दिया नहीं जाता।

किसान नेता धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि प्रशासन किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें वर्ना यह आंदोलन बड़ा रूप धारण कर लेगा। सभी कर्मचारी यूनियनों के धरने में समर्थन कर रही है। कर्मचारी हड़ताल करके भी इस आंदोलन को आगे समर्थन देने को मजबूर हो जाएगा। 18 गांवों के प्रभावित किसानों की पीड़ा वाजिफ  है। सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि जिन किसानों की जमीन अधिकृत की जा रही है। उन किसानों जमीन अन्य जगह दें दी जाए। अगर जमीन उपलब्ध नहीं है तो एन.सी.आर. की तर्ज पर जमीनों का मुआवजा दें दिया जाए। गत दिवस जिला पुलिस अधीक्षक से किसान सभा के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। उनसे अपील की गई कि किसान शांतिपूर्वक धरने पर अपनी जमीन का मुआवजा बढ़वाने के लिए बैठा है। किसी असामाजिक तत्वों ने उनके टेंट के पाईप तोड़ दिए। 




Conclusion:किसान सभा मांग करता है कि इसकी जांच करवाई जाए। उन्होंने आश्वासन किया है कि पुलिस प्रशासन इसकी जांच करेगा। धरने के दौरान छाजूराम रावत जैलाफ  ने अपना सर्मथन दिया। पीडब्लूडी विभाग के संघर्ष समिति के नेता कौशल कुमार, कृष्ण कुमार, अशोक पालीवाल व सुनील कुमार सहित कई यूनियनों के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने अपना समर्थन दिया। इस अवसर पर महेन्द्र बोयत, कौशल कुमार, हनुमान, मंगतू बोहरा, मनोहर लाल शर्मा, राजकुमार, पुरुषोत्तम, रामौतार, बंशीधर, रामेश्वर दयाल, दयाराम यादव, रामसिंह, सावंत सिंह, गजराज, विक्रम सरपंच, कृष्ण कुमार, रोहताश, छोटूराम, मास्टर बंशीधर, जयपाल, लालचंद, अभय सिंह, दलीप, प्रवीण, राजकुमार, जयसिंह, बलवंत, चिंरजीलाल, रामेश्वर, महीपाल व जसवंत सहित अनेक गांवों के किसान मौजूद थे। 

बाईट: धर्मेद्र यादव, किसान नेता।
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