महेंद्रगढ़ : हरियाणा के कनीना में हुए चर्चित गैंगरेप (Kanina Gang Rape Case) मामले में कोर्ट ने तीन मुख्य आरोपियों को दोषी माना है. वहीं 5 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. इस मामले में तीनो दोषियों को कोर्ट आज सजा सुनाएगी. प्रॉसीक्यूशन ने इस केस में कुल 33 गवाहों को कोर्ट के सामने पेश किया था. सभी गवाहों ने प्रॉसीक्यूशन को सपोर्ट किया.
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद महिलाओं के विरुद्ध अपराध की स्पेशल कोर्ट की इंचार्ज एडीशनल सेशन जज मोना सिंह की कोर्ट ने तीन मुख्य आरोपियों मनीष, पंकज और नीशू को गैंग रेप का दोषी करार दिया है. इसके अलावा कुल 8 आरोपियों में से बाकी पांच अन्य आरोपियों को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. कोर्ट ने इस मामले में 29.10.2021 को क्वांटम ऑफ सेंटेंस के लिए तारीख मुकर्रर की है. इस केस में शिकायतकर्ता को न्याय दिलवाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और चेयरमैन ने कर्ण सिंह यादव एडवोकेट को उपरोक्त केस की पैरवी पीड़ित पक्ष की तरफ से करने के लिए नियुक्त किया था.
ये था मामला: बता दें कि तीन साल पहले पीड़िता अपने पिता के साथ स्कूल बस में सवार होकर कोचिंग के लिए आई थी. बस स्टैंड से उतरकर अपने कोचिंग सेंटर जा रही थी इसी दौरान उन्हीं के गांव के पंकज और मनीष रास्ते में मिले. उन्होंने पीड़िता को पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया. इसके बाद उसे एक गाड़ी में बिठाकर एक ट्यूबेल पर लेकर गए. जहां पर दोषी पंकज, मनीष और निशू ने पीड़िता के साथ बारी- बारी गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया.
गैंगरेप के बाद पीड़िता की हालत खराब हो जाने का पर इन लोगों ने गांव के ही एक डॉक्टर संजीव को घटनास्थल पर बुलाया. डॉक्टर पीड़िता का शुरूआती इलाज कर मौके से चला गया. कोर्ट ने जिन पांच आरोपियों को बरी किया है उनमे से एक आरोपी दीनदयाल पर आईपीसी की धारा 118 और 120 बी का चार्ज किया गया था. उस पर आरोप था कि जिस ट्यूबेल पर गैंगरेप हुआ है वह उसका है. इसके अलावा संजीव पर आईपीसी के तहत धारा 118, मुख्य आरोपी मनीष पर आईपीसी की धारा 202 और अभिषेक और मनजीत पर मनीष और पंकज को शरण देने यानी आईपीसी की धारा 216 के तहत चार्ज फ्रेम किया गया था.
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