महेंद्रगढ़: महिलाओं और लड़कियों में खून की कमी को देखते हुए एनीमिया मुक्त महेंद्रगढ़ अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर काम करेंगे ताकि धरातल पर सुधार दिखे. इसी संबंध में उपायुक्त अजय कुमार ने आज लघु सचिवालय में इन तीनों विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति पर विचार-विमर्श किया.
उन्होंने इस अभियान के लिए मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कौस्तुभ विराट को तालमेल की जिम्मेदारी सौंपी. इस बैठक में विशेष तौर पर जिले के सभी सीडीपीओ और सुपरवाइजर को प्रेजेंटेशन के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने के तरीके बताए.
ये भी पढ़ें:एनीमिया मुक्त अभियान: हिसार में 155 महिलाओं और बच्चों को प्रशासन ने किया सम्मानित
डीसी ने कहा कि अभियान में खान-पान, उचित व्यवहार और आयरन टेबलेट के वितरण पर विशेष फोकस रहेगा. उन्होंने कहा कि जिले में महिलाओं और किशोरियों में खून की कमी को दूर करने के लिए तीनों विभाग तालमेल के साथ काम करें.
एनीमिया क्या है ?
एनीमिया का अर्थ है, शरीर में खून की कमी होना. रक्त की कमी से पीडि़त व्यक्ति को शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं और हेमोग्लोबिन की कमी से होती है. जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त नहीं होता. ऑक्सीजन प्राप्त ना होने के कारण व्यक्ति में थकान महसूस होने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. एनीमिया एक गंभीर बीमारी है. इसके कारण महिलाओं को अन्य बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है. एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है.
एनीमिया के लक्षण
एनीमिया में त्वचा का सफेद दिखना, जीभ नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट, विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में चक्कर आना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना, चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देना.
कैसे करें उपचार तथा रोकथाम
एनीमिया से पीड़ित को उचित आहार, गहरे पीले फल एवं हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, विटामिन सी तथा खट्टे फल निंबू सोयाबीन, चुकंदर, टमाटर, अंडे, अनार, दही, दूध व पनीर लेना चाहिए. इसके अलावा फॉलिक एसिड की गोली, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की एक गोली रोज रात को खाने के बाद लेनी चाहिए.
ये भी पढ़ें:हिसार: एनीमिया मुक्त अभियान के तहत सूर्यनगर इलाके में 422 महिलाओं और बच्चों की जांच
क्या सावधानी रखें
गोली का उपयोग डॉक्टर की अनुमती से ही लें, खाना खाने के बाद चाय एवं कॉफी का सेवन ना करे, सभी प्रकार के व्यसन से दूर रहें। खाना लोहे की कड़ाही में पकाएं, स्वास्थ्य की नियमित जाचं करें, नियमित व्यायाम व प्राणायाम करें