कुरूक्षेत्र: विश्व प्रसिद्ध गीता स्थली ज्योतिसर में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को स्थापित कर दिया गया (Virat Form Of Shri Krishna In Kurukshetra) है. . इस विराट मूर्ति का अनावरण आज आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और सीएम खट्टर ने किया. भारी बरसात के चलते गीता संस्थान केंद्र से आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, राज्यपाल बंडारू दतात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्क्रीन का बटन दबाकर भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का लोकार्पण किया. पहले यह लोकार्पण ज्योतिसर में आयोजित कार्यक्रम से ही होना था लेकिन बरसात के कारण लोकार्पण संस्थानम से किया गया.
मोहन भागवत बोले- गीता किसी धर्म से संबंधित नहीं सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि गीता संपूर्ण समाज की है. गीता किसी धर्म विशेष से संबंधित नही है लेकिन हिंदू समाज को गीता का ट्रस्टी कहा जा सकता है संपूर्ण दुनिया को देने के लिए गीता हमारे पास आई है. जब तक दुनिया है गीता की प्रासंगिकता है. भगवान की रीति है कि वे किसी माध्यम के तरीके से करवा लेता है. कर्तव्य का निर्वहन करना गीता है. गीता में सद्भावना का उपदेश है. गीता जीवन विद्या है.
मोहन भागवत ने कहा कि आज गीता की अर्जेंट आवश्यकता समाज को है. आज संतुलन बिगड़ गया. संतुलन बनाने के लिए रस्साकसी चल रही है. संतुलन को बनाए रखने के लिए गीता को अपनाने की जरूरत है. सारे जीवन का स्वरूप गीता में बताया है. अपना जीवन अपना आचरण कैसा हो यह बताया गया है, जीवन का पूरा निचोड़ गीता में है. 5155 सालों पहले कुरुक्षेत्र की धरती पर ये बातें बताई गई है. हर ज्ञान गीता में है इसे महसूस करने की आवश्यकता है. भागवत ने कहा कि उन्हें शौभाग्य मिला कि जहां भूमि पूजन किया अब कार्य पूरा होने पर आने का मौका मिला है.
2016 से पहले छोटा सा कार्यक्रम गीत जयंती का होता था. जब इसे अंतरराष्ट्रीय रूप दिया गया तो विदेशों से भी लोग रूचि लेने लग गए. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का अब बजट बढ़ाया गया है. कुरुक्षेत्र में 164 स्थानों पर तीर्थ हैं. जिनमें से 45 पर वे स्वयं भी गए हैं. भविष्य में श्री कृष्ण उत्सव भी बनाने की योजना है. कुरुक्षेत्र को लैंड ऑफ गीता व लैंड ऑफ श्री कृष्ण भी कहा जाना चाहिए. वृंदावन व मथुरा में कृष्ण को जानने के लिए लोग जाते हैं, अब कुरुक्षेत्र में भी कृष्ण को जानने के लिए आने लगे हैं. कृष्णा सर्किट के तहत विश्व स्तरीय संग्रहालय बनाया जाएगा, जोकि आकर्षण का केंद्र बनेगा. स्वदेश दर्शन योजना बनाई जा रही है. पहली से दसवीं कक्षा तक गीता के श्लोक शुरू कर दिए गए हैं.- मनोहर लाल मुख्यमंत्री, हरियाणा
चार धातुओं से तैयार किया गया है भगवान श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप- उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध शिल्पकार डा. राम सुतार द्वारा 17 सितंबर 2019 को भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का निर्माण कार्य शुरु किया था. डॉ. राम सुतार को यह विराट स्वरूप बनाने के लिए 9 करोड़ 49 लाख 90 हजार रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. इस विराट स्वरूप को 4 तरह की धातुओं से बनाया गया है और यह 40 फिट ऊंची प्रतिमा है. इसका वजन 35 टन का बताया गया है. इस विराट स्वरूप का निर्माण नोएडा में किया गया और नोएडा से इस स्थल पर अलग-अलग टुकड़ों में लाकर विराट स्वरूप को स्थापित किया गया है.
दुनिया के कोने-कोने से पहुंचेंगे पर्यटक- इस विराट स्वरूप का निर्माण कार्य 15 मार्च 2022 को पूरा किया गया और इसे स्थापित करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को सौंपा गया. अब इस विराट स्वरूप को स्थापित कर दिया गया है और 30 जून से इस विराट स्वरूप के दर्शन पर्यटक और श्रद्धालु सहजता से कर पाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि ज्योतिसर को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे है. इस गीता स्थली में महाभारत थीम पर आधारित एक प्रोजेक्ट के लिए 205.58 करोड़ रुपए की राशि भी मुहैया करवाई है. इस स्थल पर थीम पार्क प्रपोजल, सरस्वती नदी का महाभारत काल के दौरान महत्व सहित अन्य विषयों को शामिल किया जाएगा.