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क्या बदल गया थानेसर विधानसभा सीट का सियासी मिजाज? जानें जनता का मूड - Thanesar Assembly Election

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने फिर सुभाष सुधा पर भरोसा जताया है. दूसरी तरफ इनेलो छोड़कर कांग्रेस में आए अशोक अरोड़ा मैदान में हैं. इस बार अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में जाने के बाद जनता का मूड भी बदलता दिखाई दे रहा है.

haryana assembly election 2019
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Published : Oct 7, 2019, 4:28 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 5:36 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का प्रचार जोरों पर है. सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े हैं. साथ ही ईटीवी भारत की टीम भी निकली जनता का मूड जानने कि आखिर इस बार वो किसके सिर जीत का ताज सजाने वाले हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम कुरुक्षेत्र की थानेसर विधानसभा की जनता के बीच पहुंची.

थानेसर की जनता का मूड
अगर बात की जाए थानेसर विधानसभा की तो यहां विकास सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. पिछले दिनों सरकार ने विधानसभा थानेसर के नाम भारी भरकम बजट दिया जिसे खर्च भी किया गया, लेकिन उस बजट की खर्च की गई राशि की बानगी धर्मनगरी में कहीं भी नजर नहीं आ रही.

जानिए अबकी बार थानेसर की जनता है किसके साथ?

कांग्रेस के पक्ष में दिखी थानेसर की जनता
थानेसर की जनता इस बार बीजेपी की जगह कांग्रेस के साथ खड़ी दिखाई दी. ज्यादातर लोगों ने मौजूदा बीजेपी विधायक सुभाष सुधा पर विकास नहीं कराने का आरोप लगाया. वहीं जो लोग बीजेपी के पक्ष में नजर आए उन्होंने भी वोट सिर्फ नरेंद्र नोदी के नाम पर देने की बात कही.

ये भी पढ़िए: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: सूबे की वो 16 सीटें जहां देखने को मिलेगी कड़ी टक्कर

जनता बीजेपी विधायक से दिखी नाखुश
गौरतलब है कि इस बार भी बीजेपी ने सुभाष सुधा पर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस से इनेलो छोड़कर आए अशोक अरोड़ा को मैदान में उतारा है. अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में जाने के बाद मूड भी बदलता दिखाई दे रहा है. बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में भी इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की तरफ से अशोक अरोड़ा और बीजेपी की तरफ से सुभाष सुधा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. इस बार भी अशोक अरोड़ा और सुभाष सुधा ही चुनावी मैदान में हैं.

कुरुक्षेत्र: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का प्रचार जोरों पर है. सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े हैं. साथ ही ईटीवी भारत की टीम भी निकली जनता का मूड जानने कि आखिर इस बार वो किसके सिर जीत का ताज सजाने वाले हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम कुरुक्षेत्र की थानेसर विधानसभा की जनता के बीच पहुंची.

थानेसर की जनता का मूड
अगर बात की जाए थानेसर विधानसभा की तो यहां विकास सबसे बड़ा मुद्दा रहा है. पिछले दिनों सरकार ने विधानसभा थानेसर के नाम भारी भरकम बजट दिया जिसे खर्च भी किया गया, लेकिन उस बजट की खर्च की गई राशि की बानगी धर्मनगरी में कहीं भी नजर नहीं आ रही.

जानिए अबकी बार थानेसर की जनता है किसके साथ?

कांग्रेस के पक्ष में दिखी थानेसर की जनता
थानेसर की जनता इस बार बीजेपी की जगह कांग्रेस के साथ खड़ी दिखाई दी. ज्यादातर लोगों ने मौजूदा बीजेपी विधायक सुभाष सुधा पर विकास नहीं कराने का आरोप लगाया. वहीं जो लोग बीजेपी के पक्ष में नजर आए उन्होंने भी वोट सिर्फ नरेंद्र नोदी के नाम पर देने की बात कही.

ये भी पढ़िए: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: सूबे की वो 16 सीटें जहां देखने को मिलेगी कड़ी टक्कर

जनता बीजेपी विधायक से दिखी नाखुश
गौरतलब है कि इस बार भी बीजेपी ने सुभाष सुधा पर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस से इनेलो छोड़कर आए अशोक अरोड़ा को मैदान में उतारा है. अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में जाने के बाद मूड भी बदलता दिखाई दे रहा है. बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में भी इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की तरफ से अशोक अरोड़ा और बीजेपी की तरफ से सुभाष सुधा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. इस बार भी अशोक अरोड़ा और सुभाष सुधा ही चुनावी मैदान में हैं.

Intro:2019 के विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर है सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े हैं और ईटीवी भारत की टीम भी निकल पड़ी जनता का मूड जानने के लिए कि क्या है जनता का मूड और किस के सर पर रखे की जीत का ताज

अगर बात की जाए थानेसर विधानसभा की तो यहां पर विकास सबसे बड़ा मुद्दा रहा है और पिछले दिनों सरकार ने विधानसभा थानेसर के नाम भारी भरकम बजट भी दीया और खर्च भी किया गया पर उस बजट की खर्च गई राशि की बानगी धर्म नगरी में कहीं भी नजर नहीं आ रही अगर जनता की वोट बीजेपी को जाती है तो यह स्थानीय प्रत्याशी को देखकर नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के चेहरे नरेंद्र मोदी को वोट दी जाएगी और अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में जाने के बाद दिन प्रतिदिन जनता का मूड भी बदल रहा है और भारतीय जनता पार्टी को डालने वाली वोट है अब अरोड़ा की ओर रुख कर चुकी हैं स्थानीय लोगों का भी यही कहना है उनका वोट अबकी बार कांग्रेस पार्टी को जाएगा दबे शब्दों में स्थानीय विधायक का विरोध उसकी खुद की पार्टी का संगठन निकल चुका है पर आने वाला समय ही बताएगा धर्म नगरी किस महाभारत का अर्जुन कौन बनेगा।
2014 विधानसभा चुनाव में भी इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के प्रत्याशी अशोक अरोड़ा ही थे और सुभाष सुधा जो कि बीजेपी पार्टी से प्रत्याशी थे इन दोनों के बीच में ही कड़ा मुकाबला रहा था और अब इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी को छोड़कर अशोक अरोड़ा ने कॉन्ग्रेस पार्टी ज्वाइन कर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में है तो अबकी बार मुकाबला और भी कड़ा और रोचक रहेगा


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Last Updated : Oct 7, 2019, 5:36 PM IST
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