कुरुक्षेत्र: पिछले दिनों पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट ने कहा था कि एक तरफ देश की सरकार स्वच्छ भारत मिशन का नारा देते हुए हर घर में शौचालय उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में लड़कियों के 538 स्कूलों में शौचालय ही नहीं हैं और दिन प्रतिदिन स्कूली छात्राओं के शोषण के मामले सामने आ रहे हैं. कोर्ट ने इसको लेकर शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था.
हमारे कुरुक्षेत्र संवाददाता स्कूल में शौचालय की जमीनी हकीकत जानने के लिए कुरुक्षेत्र के नरकातारी गांव के सरकारी स्कूल पहुंचे. वहां स्कूल में शौचालय की अच्छी व्यवस्था थी. लड़के और लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बने हुए थे. हमारे संवाददाता ने ज्योतिसर और बारना गांव के सरकारी स्कूलों का दौरा किया. वहां भी उन्होंने देखा कि स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था है.
हमारे संवाददाता ने स्कूल के शिक्षकों से भी बात की. नरकातारी गांव के सरकारी स्कूल की शिक्षिका और हरियाणा सरकारी स्कूल अध्यापक संघ की सदस्य मोनिका भारद्वाज ने कहा कि मैंने कुरुक्षेत्र और हिसार में कई जगह पर सरकारी स्कूलों में ड्यूटी की है. मुझे कहीं भी ऐसा कोई स्कूल नहीं मिला जिसमें लड़कियों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं हो. मोनिका का कहना था कि स्कूल में और चीजों की कमी हो सकती है लेकिन लड़कियों के लिए शौचालय की कमी कहीं नहीं है. मैंने हरियाणा के बहुत से सरकारी स्कूलों में जाकर देखा है लेकिन ऐसा कोई भी स्कूल नहीं है जहां पर लड़कियों के लिए अलग से शौचालय ना हो. शौचालय होने के साथ वहां पर सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है.
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