कुरुक्षेत्र: हरियाणा के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पुस्तकालय बिना किसी प्रशिक्षित लाइब्रेरियन व अन्य स्टाफ के चल रहे हैं. पुस्तकालय से संबंधित पदों जैसे की पुस्तकालयाध्यक्ष, कनिष्ठ और सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष, रिस्टोरर के पदों पर कई दशकों से कोई सीधी भर्ती नहीं हुई है. जिसके कारण पुस्तकालयों की स्थिति दयनीय बनी हुई है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, स्कूल शिक्षा और उच्चतर शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारियों से समय-समय पर मिलकर या प्रतिवेदन के माध्यम से इन पुस्तकालयों की दयनीय स्थिति पर अवगत कराते रहे हैं. प्रशिक्षित कर्मचारियों के अभाव में सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये खर्च करके पुस्तकें और अन्य संसाधनों का उपयोग उनकी आवश्यकता अनुसार नहीं किया जा रहा है.
लाइब्रेरियन के सभी पद हैं खाली !
हरियाणा के स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक पुस्तकालय में लगभग सभी पद खाली पड़े हैं. इन सभी पदों के लिए पिछले कई दशकों से कोई भी सीधी भर्ती नहीं हुई है. इन सभी पदों में योग्यता संशोधन से संबंधित फाइल पिछले 5 वर्षों से शिक्षा विभाग में विचाराधीन है.
उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से संचालित कॉलेज पुस्तकालयों की स्थिति और भी दयनीय है. हरियाणा सरकार की तरफ से संचालित महाविद्यालयों में पिछले 45 वर्षों से वरिष्ठ पुस्तकालय अध्यक्षों की सीधी भर्ती नहीं हुई है. जिसका मुख्य कारण भर्ती के नियमों में संशोधन का न होना है संघ द्वारा पिछले कई वर्षों से वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्षों की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन के लिए प्रयास किया जा रहा है.
दफ्तरों में धूल फांक रही हैं फाइल्स
विभाग की तरफ से इस विषय पर एक फाइल चलाई जा रही है जिसका फाइल क्रमांक KW 8/1-1987 Lib (3) है. पिछले कई वर्षों से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, वित्त विभाग, अन्य जरूरी विभागों की तरफ से मंजूरी के बावजूद भी विभागीय कार्यालय में धूल फांक रही है. गौरतलब है की हरियाणा में राजकीय महाविद्यालय में पुस्तकालयध्यक्षों की नियुक्ति पर भारत सरकार के गजट, यूजीसी और हरियाणा सरकार अधिसूचना के अनुसार एमलिब साइंस यूजीसी-नेट परीक्षा या पीएचडी उपाधि प्राप्त उम्मीदवारों को सीधी भर्ती से नियुक्त किया जाना अनिवार्य है.
शिक्षा विभाग की तरफ हरियाणा के सभी एडिड महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय में इस नियम अनुपालना की जा रही है, लेकिन राजकीय महाविद्यालयों में पुस्तकालय अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए यह नियम लागू नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण लगभग सभी पद पिछले लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिसके परिणाम स्वरूप सरकारी महाविद्यालयों में अन्य कर्मचारीयों को पुस्तकालयों कार्यभार दिया गया है.
कोर्स करवाए जा रहे, नौकरी नहीं दी गई
हरियाणा में विश्वविद्यालयों में डीलिब, बीलिब और एमलिब कोर्स करवाए जा रहे हैं. हर साल हजारों छात्र इन कोर्सों में डिग्री प्राप्त करते हैं. सरकार की तरफ से इन्हें डिग्री तो दे दी जाती है, लेकिन इनके रोजगार की व्यवस्था नहीं की गई है. रोजगार प्रदान करना तो बहुत दूर की बात है. इनकी योग्यता संशोधन की फाइल भी वर्षों से विभाग में लंबित पड़ी रहती हैं. इस अनदेखी से दस से पंद्रह हजार छात्रों में निराशा है.
हरियाणा पुस्तकालय संघ सरकार से आग्रह करता है कि पुस्तकालय के पदों की योग्यता संशोधन की फाइल को जल्दी क्लियर करवा कर जल्द ही नए पदों की विज्ञप्ति जारी करें, ताकि महाविद्यालय पुस्तकालयों में प्रशिक्षित हजारों छात्रों को रोजगार मिल सके. इन पुस्तकालयों की स्थिति में सुधार हो. हमारा सरकार से अनुरोध है उपरोक्त विषय की गभीरता को देखते हुए यथा शीध्र कार्रवाई करें.