कुरुक्षेत्र: किसानों की धान कटाई का सीजन पूरे पीक पर है. इसी बीच हरियाणा में एक बार फिर मौसम खराब होने की खबर से गेहूं की कटाई में और ज्यादा तेजी आ गई है. ऐसे में हरियाणा की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक पहले से ज्यादा तेज हो गई है. अगर कुरुक्षेत्र की पिपली अनाज मंडी की बात करें तो कुरुक्षेत्र की पिपली अनाज मंडी में भी गेहूं की आवक बढ़ गई है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी गेहूं के उठान में देरी हो रही है.
जानकारी के अनुसार गेहूं की आवक बढ़ने से किसानों को अपना गेहूं अनाज मंडी की सड़कों पर डालने को मजबूर होना पड़ रहा है. पिपली अनाज मंडी के आढ़तियों ने बताया कि अनाज मंडी में इन दिनों गेहूं की आवक बढ़ गई है. वहीं जिला प्रशासन और सरकार दावा करती है कि गेहूं का उठान बहुत ही ज्यादा तेजी से होगा लेकिन यह दावों तक ही सीमित रह जाता है. हर बार की तरह इस बार भी गेहूं का उठान बहुत ही धीमी गति से हो रहा है.
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जिसके चलते अनाज मंडी में सिर्फ गेहूं की बोरियां ही दिखाई देती है. गेहूं का उठान धीमी गति से होने के कारण मंडी में अब गेहूं रखने की जगह नहीं बची है. किसान और कमीशन एजेंटों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में जिला प्रशासन को भी कई बार अवगत करा दिया गया है लेकिन उसके बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अनाज मंडी में गेहूं का उठान बहुत ही ज्यादा धीमा है.
जानकारी के अनुसार पीपली अनाज मंडी में 13 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है. वहीं जब अनाज मंडी के सचिव जसवीर सिंह से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि आज से पहले गेहूं उठान की प्रक्रिया थोड़ी धीमी थी लेकिन अब इस प्रक्रिया को तेज किया गया है. अनाज मंडी में गेहूं का उठान के लिए करीब 25 ट्रकों को लगाया गया है.
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जब मंडी सचिव से सवाल किया गया कि क्या 25 ट्रक गेहूं उठाने के लिए काफी है तो इस पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. हकीकत यह है कि सरकारी दावों के उलट मंडियों में गेहूं उठान का कार्य धीमी गति से चल रहा है. जिसके कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह हो गया है कि अब मंडी में और गेहूं रखने के लिए जगह नहीं बची है. ऐसे में किसानों को मंडी के बाहर तक गेहूं रखने को मजबूर होना पड़ रहा है.