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कुरुक्षेत्र में हुई किसान महापंचायत, भारत बंद को सफल बनाने के लिए बनाई गई ये रणनीति - किसान विरोध समाचार हिंदी

Kisan Mahapanchayat in Kurukshetra: भारत बंद की तैयारियों को लेकर किसान मोर्चा ने हरियणा के कुरुक्षेत्र जिले में किसान महापंचायत का आयोजन किया. इस महापंचायत में किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी मौजूद रहें. इस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों को भारत बंद को सफल बनाने का योजना बताई.

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भारत बंद: कुरुक्षेत्र में हुई किसान महापंचायत
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Published : Sep 22, 2021, 7:47 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 7:55 PM IST

कुरुक्षेत्र: बुधवार को भारत बंद को लेकर रणनीति बनाने के लिए कुरुक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद कस्बे में किसान महापंचायत की. इस महापंचायत में भारी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया. वहीं किसानों को संबोधित करने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पहुंचे और किसानों को भारत बंद को लेकर तय किए गए सभी नियमों की जानकारी दी.

सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक होगा बंद: महापंचायत के बाद नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया को बताया कि 27 सितम्बर को भारत बंद ऐतिहासिक होगा. सड़क, ट्रेन, बाजार सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम आखिरी सांस तक आंदोलन करेंगे. प्रशासन को चेतावनी भी दी कि यदि 25 सितंबर से धान की खरीद शुरू नहीं हुई तो आंदोलन होगा.

कुरुक्षेत्र में हुई किसान महापंचायत में क्या बोले चढूनी, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- किसान आंदोलन के 300 दिन पूरे, ये है आगे की बड़ी रणनीति

रास्ता खोलने पर उन्होंने कहा कि बॉर्डर सरकार ने बंद किए हुए हैं. हमने कोई बंद नहीं किया है, उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को डेथ वारंट बताया. वहीं किसान नेता दर्शन पाल ने भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर संपूर्ण भारत बंद रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. महापंचायत के दौरान कुरुक्षेत्र में झमाझम बारिश होती रही, लेकिन किसानों का पहुंचना रुका नहीं. सैकड़ों की संख्या में किसानों ने इस महापंचायत में शिरकत की.

बता दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. भारत बंद को सफल बनाने के लिए हरियाणा, यूपी के सभी जिलों में किसान संगठन, ट्रेड यूनियन, युवा संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, व्यापारी संगठन के साथ बैठकों का सिलसिला भी चल रहा है.

गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.

ये पढे़ं- भारत बंद को सफल बनाने की तैयारी तेज, सोनीपत में किसानों ने की बैठक

कुरुक्षेत्र: बुधवार को भारत बंद को लेकर रणनीति बनाने के लिए कुरुक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद कस्बे में किसान महापंचायत की. इस महापंचायत में भारी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया. वहीं किसानों को संबोधित करने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पहुंचे और किसानों को भारत बंद को लेकर तय किए गए सभी नियमों की जानकारी दी.

सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक होगा बंद: महापंचायत के बाद नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया को बताया कि 27 सितम्बर को भारत बंद ऐतिहासिक होगा. सड़क, ट्रेन, बाजार सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम आखिरी सांस तक आंदोलन करेंगे. प्रशासन को चेतावनी भी दी कि यदि 25 सितंबर से धान की खरीद शुरू नहीं हुई तो आंदोलन होगा.

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रास्ता खोलने पर उन्होंने कहा कि बॉर्डर सरकार ने बंद किए हुए हैं. हमने कोई बंद नहीं किया है, उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को डेथ वारंट बताया. वहीं किसान नेता दर्शन पाल ने भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर संपूर्ण भारत बंद रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. महापंचायत के दौरान कुरुक्षेत्र में झमाझम बारिश होती रही, लेकिन किसानों का पहुंचना रुका नहीं. सैकड़ों की संख्या में किसानों ने इस महापंचायत में शिरकत की.

बता दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. भारत बंद को सफल बनाने के लिए हरियाणा, यूपी के सभी जिलों में किसान संगठन, ट्रेड यूनियन, युवा संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, व्यापारी संगठन के साथ बैठकों का सिलसिला भी चल रहा है.

गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.

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Last Updated : Sep 22, 2021, 7:55 PM IST
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