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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के सिंचाई विभाग की प्रदर्शनी, सूक्ष्म सिंचाई विधि के मॉडल से किसानों को मिल रही जानकारी - kurukshetra news

International gita mahotsav 2023: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर हरियाणा सिंचाई विभाग के द्वारा भी सूक्ष्म सिंचाई विधि के ऊपर एक प्रदर्शनी लगाई गई है. विभाग ने सूक्ष्म सिंचाई विधि को एक मॉडल के जरिए समझाने की कोशिश की है. मॉडल के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गयी है कि सूक्ष्म सिंचाई विधि क्या है और इससे आने वाले समय में हरियाणा में कितना फायदा होने वाला है.

International gita mahotsav 2023
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 15, 2023, 1:20 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 3:38 PM IST

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के सिंचाई विभाग की प्रदर्शनी

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर देश भर से शिल्पकार और कलाकार अपनी प्रदर्शनी लगाए हुए हैं. हरियाणा सरकार के कई विभागों ने आम लोगों को विभागीय जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी लगायी है. सिंचाई विभाग ने भी अपनी प्रदर्शनी लगायी है.

सूक्ष्म सिंचाई विधि का उपयोग: प्रदर्शनी में मौजूद सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक कुमार ने बताया कि विभाग के द्वारा MICADA योजना लागू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि हरियाणा में जो पानी का संकट गहराता जा रहा है, उससे बाहर निकला जा सके. एसडीओ दीपक कुमार के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई विधि के द्वारा पानी की बचत की सकती है. इसमें किसान के खेत में एक बड़ा कंक्रीट का तालाब बनाया जाता है जहां पर किसान वर्षा या नहर का पानी इकट्ठा कर सकता है. सोलर पैनल के जरिए अपने ट्यूबवेल को चला कर तालाब से अपने खेत में पानी दे सकता है. एसडीओ दीपक कुमार ने जानकारी दी कि अगर किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से सिंचाई करता है तो 42% तक पानी की बचत की जा सकती है. इस विधि के द्वारा पौधे को उतना ही पानी दिया जाता है जितनी उसकी आवश्यकता है.

85 प्रतिशत तक मिलता अनुदान: सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक कुमार ने बताया कि MICADA यानि माइक्रो इरीगेशन एवं कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत किसानों को पचासी प्रतिशत तक अुनदान मिलता है. किसान को सिर्फ पन्द्रह प्रतिशत ही भुगतान करना पड़ता है. सिंचाई विभाग और कृषि विभाग के द्वारा अनुदान दिया जाता है. सूक्ष्म सिंचाई विधि को अपनाने के लिए सरकार लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.

पानी का संकट: हरियाणा में 141 ब्लॉक है जिनमें से 14 ब्लॉक को डॉर्क जोन में शामिल किया गया है. इन ब्लॉकों में भूमिगत जल का स्तर काफी नीचे पहुंच गया है. जिससे पानी का संकट खड़ा हो गया है. कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, झज्जर, हिसार, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, सोनीपत,पानीपत, सिरसा और जींद जिला के ब्लॉक डॉर्क जोन में शामिल है. इन इलाकों में अगर किसी व्यक्ति को सबमर्सिबल ट्यूबवेल लगाना है तो उसे स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी. ऐसी स्थिति को देखते हुए ही सिंचाई विभाग के द्वारा सूक्ष्म सिंचाई विधि शुरू की गई है ताकि पानी की बचत की जा सके और खेती भी जारी रह सके.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र मे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कैदियों की कलाकृति की प्रदर्शनी, हरियाणा जेल विभाग की पहल

ये भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में सोने के पानी से बनी पेंटिंग की धूम, भगवान कृष्ण की बनी पेंटिंग को लोग कर रहे हैं पसंद

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के सिंचाई विभाग की प्रदर्शनी

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर देश भर से शिल्पकार और कलाकार अपनी प्रदर्शनी लगाए हुए हैं. हरियाणा सरकार के कई विभागों ने आम लोगों को विभागीय जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी लगायी है. सिंचाई विभाग ने भी अपनी प्रदर्शनी लगायी है.

सूक्ष्म सिंचाई विधि का उपयोग: प्रदर्शनी में मौजूद सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक कुमार ने बताया कि विभाग के द्वारा MICADA योजना लागू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि हरियाणा में जो पानी का संकट गहराता जा रहा है, उससे बाहर निकला जा सके. एसडीओ दीपक कुमार के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई विधि के द्वारा पानी की बचत की सकती है. इसमें किसान के खेत में एक बड़ा कंक्रीट का तालाब बनाया जाता है जहां पर किसान वर्षा या नहर का पानी इकट्ठा कर सकता है. सोलर पैनल के जरिए अपने ट्यूबवेल को चला कर तालाब से अपने खेत में पानी दे सकता है. एसडीओ दीपक कुमार ने जानकारी दी कि अगर किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से सिंचाई करता है तो 42% तक पानी की बचत की जा सकती है. इस विधि के द्वारा पौधे को उतना ही पानी दिया जाता है जितनी उसकी आवश्यकता है.

85 प्रतिशत तक मिलता अनुदान: सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक कुमार ने बताया कि MICADA यानि माइक्रो इरीगेशन एवं कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत किसानों को पचासी प्रतिशत तक अुनदान मिलता है. किसान को सिर्फ पन्द्रह प्रतिशत ही भुगतान करना पड़ता है. सिंचाई विभाग और कृषि विभाग के द्वारा अनुदान दिया जाता है. सूक्ष्म सिंचाई विधि को अपनाने के लिए सरकार लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.

पानी का संकट: हरियाणा में 141 ब्लॉक है जिनमें से 14 ब्लॉक को डॉर्क जोन में शामिल किया गया है. इन ब्लॉकों में भूमिगत जल का स्तर काफी नीचे पहुंच गया है. जिससे पानी का संकट खड़ा हो गया है. कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, झज्जर, हिसार, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, सोनीपत,पानीपत, सिरसा और जींद जिला के ब्लॉक डॉर्क जोन में शामिल है. इन इलाकों में अगर किसी व्यक्ति को सबमर्सिबल ट्यूबवेल लगाना है तो उसे स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी. ऐसी स्थिति को देखते हुए ही सिंचाई विभाग के द्वारा सूक्ष्म सिंचाई विधि शुरू की गई है ताकि पानी की बचत की जा सके और खेती भी जारी रह सके.

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Last Updated : Dec 15, 2023, 3:38 PM IST
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