कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. गीता जयंती के दूसरे दिन यानी 24 नवंबर को ब्रह्मसरोवर के तट पर विशाल आरती का आयोजन किया गया. यहां खास बात ये है कि अभी तक के इतिहास में ब्रह्मसरोवर पर कभी आरती नहीं की गई.
ये पहला मौका था जब ब्रह्मसरोवर के तट पर आरती का आयोजन किया गया. बता दें कि गीता जयंती के के उपलक्ष्य में ब्रह्मसरोवर के पश्चिमी तट पर जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने अपनी संस्था के अनुयायियों के द्वारा गीता की महाआरती का आयोजन किया.
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विद्यापीठ संचालक का संकल्प
विद्यापीठ के संचालक ने बताया कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में चलने वाली गीता मोहत्सव में गीता की आरती नहीं की जाती थी. आज उन्होंने संकल्प लिया है कि आज से निरंतर ब्रह्मसरोवर के तट पर गीता आरती की जाएगी.
'कुरुक्षेत्र विकास से अछूता रहा'
इस दौरान कुरुक्षेत्र में उचिक विकास न होने पर उनका दर्द भी छलका. संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि धर्मनगरी होने के बावजूद भी कुरुक्षेत्र का विकास नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र आज भी विकास से अछूता ही रहा है.
सभी राज्यों की संस्कृति से जुड़ी चीजों का होगा प्रदर्शन
गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर यहां 700 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे. जिसमें हर राज्य से हस्त कलाकारों की कला संस्कृति से जुड़ी चीजों का भी प्रदर्शन होगा. अबकी बार 2019 गीता जयंती महोत्सव में इसरो की प्रदर्शनी भी एक मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगी और 550वें पर्व पर धार्मिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा जो कि पहली बार होगा.
गीता जयंती में पहुंचेंगी नामचीन हस्तियां
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर बाद देश ही नहीं विदेशों से भी जान-मानी हस्तियां हिस्सा लेने के लिए पहुंचती हैं. भारत के राष्ट्रपति से लेकर मॉरिशियस के राष्ट्रपति भी इस महोत्सव में हिस्सा ले चुके हैं. महोत्सव के दौरान अक्सर नामचीन भजन गायक और कई अन्य जानी-मानी हस्तियां यहां शिरकत करती रही हैं.
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