कुरुक्षेत्रः हरियाणा में बरसात (Rain in Haryana) के कारण जहां यमुना तांडव मचा रही है वहीं मारकंडा नदी ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है. कई दिनों से हो रही बरसात से शाहबाद से गुजर रही मारकंडा नदी (Markanda River kurukshetra) का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके कारण मारकंडा के आसपास के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है.
जलभराव के कारण जिले के कई गांवों कठुआ, गुमटी, तंगौर, तंगौरी, झरौली खुर्द, मुगल माजरा, कलसाना, मलकपुर, मोहनपुर में किसानों की हजारों एकड़ फसल बाढ़ में खराब (crop damage in Kurukshetra) हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बरसात के कारण उन्हें जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है. हर साल बेमौसमी बरसात और नदी के बढ़ते जलस्तर से फसलों और आमजन को नुकसान उठाना पड़ता है.
ग्रामीणों ने कहा कि बरसात के दिनों में जलभराव के कारण कठुआ गांव का आसपास के गांव से संपर्क टूट जाता है. बरसात के कारण मारकंडा नदी उफान मचाती है जिसके कारण सड़क पर लगभग 3 फीट पानी खड़ा हो जाता है. उम्र के आधे पड़ाव पर आ चुके हैं लेकिन गांव में जलभराव की समस्या वैसी की वैसी है. गांव वालों के मुताबिक कि जलभराव के बाद प्रशासन और सरकार का कोई भी नुमाइंदा गांव में हाल चाल जानने के लिए नही आया है.
बीते दिन शाहबाद से जजपा विधायक रामकरण काला आये थे. उन्होंने कोल्ड ड्रिंक पी, फोटो खिंचवाई और चलते बने. ग्रामीणों का आरोप है कि नेता और विधायक जलभराव की समस्या को गांव में देखने आते हैं और समस्या के समाधान का आश्वासन देकर उन्हें आश्वस्त कर चले जाते है. ग्रामीणों ने कहा कई दशकों से जलभराव की समस्या जस की तस बनी है. सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी जलभराव की समस्या का हल नहीं किया.
शाहबाद तहसीलदार ने बताया कि बीती रात मारकंडा नदी में 22 हजार क्यूसिक पानी था. जैसे जैसे बरसात कम हो रही है जलस्तर घटता जा रहा है. लेकिन मारकंडा नदी अभी भी उफान पर है, जिसके कारण आसपास के कई गांवों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.