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हरियाणा में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत- शिक्षाविद - Haryana Government Vice Chancellor Appointment

शिक्षा क्षेत्र में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके मदन मोहन गोयल को हरियाणा में वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया से आपत्ति है. उनका कहना है कि प्रदेश में जो नियुक्ति प्रक्रिया है उसमें अभी काफी बदलाव की जरूरत है. नियुक्ति प्रक्रिया को अभी और पारदर्शी बनाना होगा.

appointment process of vice-chancellor in Haryana
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Published : Mar 21, 2021, 8:38 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा और अन्य राज्यों में वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया में काफी अंतर है. ये बात हम नहीं बल्कि शिक्षा क्षेत्र में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके मदन मोहन गोयल कह रहे हैं. मदन मोहन गोयल का कहना है कि बिहार, मध्यप्रदेश या और राज्यों की बात करें तो वहां की चयन प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी है.

मदन मोहन गोयल ने बताया कि बिहार में जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो वो काफी पारदर्शी थी. सबसे पहले पोस्ट के लिए विज्ञापन जारी किए गए. उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की चयन समिति बनाई गई. इस समिति को ही सर्च कमेटी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि पोस्ट के लिए 80 से 100 आवेदन तो आते ही हैं और उनमें से सर्च कमेटी 10 लोगों को सिलेक्ट करती है.

हरियाणा में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत- शिक्षाविद

मदन मोहन गोयल ने बताया कि इसके बाद 10 आवेदनकर्ताओं से सर्च कमेटी इंटरव्यू करती है और 3 नामों को फाइनल किया जाता है. इसके बाद राज्यपाल 3 सिलेक्ट हुए कैंडिडेट्स से बात करते हैं और किसी एक को पोस्ट के लिए नियुक्त किया जाता है. उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी है.

हरियाणा में क्या हो रहा है?

मदन मोहन गोयल कहते हैं कि हरियाणा में वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया दूसरे राज्यों से काफी अलग है. उन्होंने कहा कि अब पोस्ट के लिए विज्ञापन तो जारी किए जा रहे हैं और सर्च कमेटी भी बनाई जाती है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि सर्च कमेटी शॉर्ट लिस्ट कैंडिडेट्स का इंटरव्यू नहीं करती. सर्च कमेटी केवल 3 नाम लिखती है और उनमें से मुख्यमंत्री एक को सिलेक्ट करते हैं. जिसके बाद गवर्नर उसको नियुक्ति पत्र दे देता है.

नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत?

मदन मोहन गोयल का कहना है कि हरियाणा में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना होगा. उन्होंने कहा कि जो भी वाइस चांसलर के पद के लिए शॉर्ट लिस्ट कैंडिडेट हैं उनकी लिस्ट डिसप्ले होनी चाहिए. इसके बाद सर्च कमेटी सभी कैंडिडेटस का इंटरव्यू करे. साथ ही जो लोग सिलेक्ट हुए हैं उनको कहा जाना चाहिए कि वो अपना विजन डॉक्यूमेंट तैयार करें और उस विजन डॉक्यूमेंट के आधार पर ही चयन होना चाहिए, ताकि किसी को ऐसे ना लगे कि हरियाणा में मेरिट के आधार पर वाइस चांसलर की नियुक्ति नहीं होती.

ये भी पढे़ं- हरियाणा के विश्वविद्यालयों में पारदर्शी नहीं कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया, सिलेक्शन में होता है राजनीतिक हस्तक्षेप!

कुरुक्षेत्र: हरियाणा और अन्य राज्यों में वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया में काफी अंतर है. ये बात हम नहीं बल्कि शिक्षा क्षेत्र में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके मदन मोहन गोयल कह रहे हैं. मदन मोहन गोयल का कहना है कि बिहार, मध्यप्रदेश या और राज्यों की बात करें तो वहां की चयन प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी है.

मदन मोहन गोयल ने बताया कि बिहार में जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो वो काफी पारदर्शी थी. सबसे पहले पोस्ट के लिए विज्ञापन जारी किए गए. उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की चयन समिति बनाई गई. इस समिति को ही सर्च कमेटी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि पोस्ट के लिए 80 से 100 आवेदन तो आते ही हैं और उनमें से सर्च कमेटी 10 लोगों को सिलेक्ट करती है.

हरियाणा में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत- शिक्षाविद

मदन मोहन गोयल ने बताया कि इसके बाद 10 आवेदनकर्ताओं से सर्च कमेटी इंटरव्यू करती है और 3 नामों को फाइनल किया जाता है. इसके बाद राज्यपाल 3 सिलेक्ट हुए कैंडिडेट्स से बात करते हैं और किसी एक को पोस्ट के लिए नियुक्त किया जाता है. उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति प्रक्रिया काफी हद तक पारदर्शी है.

हरियाणा में क्या हो रहा है?

मदन मोहन गोयल कहते हैं कि हरियाणा में वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया दूसरे राज्यों से काफी अलग है. उन्होंने कहा कि अब पोस्ट के लिए विज्ञापन तो जारी किए जा रहे हैं और सर्च कमेटी भी बनाई जाती है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि सर्च कमेटी शॉर्ट लिस्ट कैंडिडेट्स का इंटरव्यू नहीं करती. सर्च कमेटी केवल 3 नाम लिखती है और उनमें से मुख्यमंत्री एक को सिलेक्ट करते हैं. जिसके बाद गवर्नर उसको नियुक्ति पत्र दे देता है.

नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत?

मदन मोहन गोयल का कहना है कि हरियाणा में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना होगा. उन्होंने कहा कि जो भी वाइस चांसलर के पद के लिए शॉर्ट लिस्ट कैंडिडेट हैं उनकी लिस्ट डिसप्ले होनी चाहिए. इसके बाद सर्च कमेटी सभी कैंडिडेटस का इंटरव्यू करे. साथ ही जो लोग सिलेक्ट हुए हैं उनको कहा जाना चाहिए कि वो अपना विजन डॉक्यूमेंट तैयार करें और उस विजन डॉक्यूमेंट के आधार पर ही चयन होना चाहिए, ताकि किसी को ऐसे ना लगे कि हरियाणा में मेरिट के आधार पर वाइस चांसलर की नियुक्ति नहीं होती.

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