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18 दिनों बाद शिल्प और सरस मेले का समापन, आखिरी दिन भी लोगों ने जमकर की खरीददारी - कुरुक्षेत्र गीता जयंती महोत्सव 2019 समापन

गीता महोत्सव में लगे सरस मेला समाप्त हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में उमड़ी पर्यटकों की भीड़ ने सरस और शिल्प मेले में बंपर खरीदारी की. इससे देश-विदेश से सरस और शिल्प मेले में आए शिल्पकारों के चेहरे चमक उठे. ब्रह्मसरोवर पर 800 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए.

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18 दिनों बाद शिल्प और सरस मेले का समापन
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Published : Dec 11, 2019, 1:06 PM IST

Updated : Dec 11, 2019, 1:37 PM IST

कुरुक्षेत्रः मंगलवार रात गीता महोत्सव में सरस मेले का समापन अद्भुत और अलौकिक ढंग से किया गया. इस मौके पर आयोजित क्राफ्ट मेले में देश भर के शिल्पकार और लोक कलाकारों ने हिस्सा लिया. वहीं भारी संख्या में पर्यटक भी मेले का आनंद लेने के लिए गीता महोत्सव में शरीक हुए. कुरुक्षेत्र में पिछले 18 दिनों से गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा था.

गीता महोत्सव में स्टेट पार्टनर के रूप में उत्तराखंड ने शिरकत की. उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने सरस मेले में जहां 18 दिनों तक कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर अपने लोक कला और लोक विधाओं की प्रस्तुति दी. वहीं उत्तराखंड की लोक संस्कृति जौनसारी गढ़वाली संस्कृति को देशभर के लोगों ने नजदीक से देखा.

18 दिनों बाद शिल्प और सरस मेले का समापन

हरियाणा सरकार का धन्यवाद
उत्तराखंड से संस्कृति विभाग की कंसल्टेंट विजयश्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड गीता महोत्सव के आयोजन से अलौकिक और अद्भुत यादें लेकर देवभूमि लौट रहा है और देव भूमि की इच्छा रहेगी की अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर बार शिरकत करें.

उन्होंने कहा कि हम अगली बार भी इसी तरह गीता की भूमि कुरुक्षेत्र पर देवभूमि के संस्कृति को देश और दुनिया के सामने रखना चाहते हैं. उन्होंने हरियाणा सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि गीता जयंती महोत्सव में बहुत अच्छा अनुभव रहा है.

सरस मेले का आनंद
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में उमड़ी पर्यटकों की भीड़ ने सरस और शिल्प मेले में बंपर खरीदारी की. इससे देश-विदेश से सरस और शिल्प मेले में आए शिल्पकारों के चेहरे चमक उठे. ब्रह्मसरोवर पर 800 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए. जिन पर सोमवार तक करोड़ों रुपये की खरीदारी हुई है.

महोत्सव संपन्न होने के बाद सोमवार को भी शिल्प और सरस मेले में बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ी. पर्यटकों ने देश भर से आए स्वयं सहायता समूह और व्यंजनों का भी खूब आनंद उठाया. मंगलवार को भी शिल्पकारों की अच्छी बिक्री हुई.

ये भी पढ़ेंः भारतीय सेना के लिए 'जवानों की फैक्ट्री' रेवाड़ी, हर साल देश को देता है हजारों सैनिक

आखिरी दिन भी भीड़ नहीं हुई कम
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर 23 नवंबर से शुरू हुआ शिल्प और सरस मेला 10 दिसंबर तक आयोजित किया गया. हालांकि महोत्सव रविवार को संपन्न हो गया लेकिन मंगलवार तक मेला आयोजित था.

मेले में आने वाले पर्यटकों की भीड़ कम नहीं हुई. सोमवार को भी हजारों पर्यटक मेले का अवलोकन करने के लिए पहुंचे. आखिरी दिन होने के चलते पर्यटक शिल्पकारों से खूब मोलभाव करते नजर आए.

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का समापन
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में समापन समारोह के अवसर पर वैश्विक गीता पाठ किया गया. इसमें विभिन्न स्कूलों के लगभग 18 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. गीता पाठ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य सहित स्वामी ज्ञानानंद महाराज, जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज, पंजाब से आए बाबा भूपेंद्र, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, सांसद नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार एवं पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, प्रदेश खेल मंत्री संदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया.

कुरुक्षेत्रः मंगलवार रात गीता महोत्सव में सरस मेले का समापन अद्भुत और अलौकिक ढंग से किया गया. इस मौके पर आयोजित क्राफ्ट मेले में देश भर के शिल्पकार और लोक कलाकारों ने हिस्सा लिया. वहीं भारी संख्या में पर्यटक भी मेले का आनंद लेने के लिए गीता महोत्सव में शरीक हुए. कुरुक्षेत्र में पिछले 18 दिनों से गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा था.

गीता महोत्सव में स्टेट पार्टनर के रूप में उत्तराखंड ने शिरकत की. उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने सरस मेले में जहां 18 दिनों तक कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर अपने लोक कला और लोक विधाओं की प्रस्तुति दी. वहीं उत्तराखंड की लोक संस्कृति जौनसारी गढ़वाली संस्कृति को देशभर के लोगों ने नजदीक से देखा.

18 दिनों बाद शिल्प और सरस मेले का समापन

हरियाणा सरकार का धन्यवाद
उत्तराखंड से संस्कृति विभाग की कंसल्टेंट विजयश्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड गीता महोत्सव के आयोजन से अलौकिक और अद्भुत यादें लेकर देवभूमि लौट रहा है और देव भूमि की इच्छा रहेगी की अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर बार शिरकत करें.

उन्होंने कहा कि हम अगली बार भी इसी तरह गीता की भूमि कुरुक्षेत्र पर देवभूमि के संस्कृति को देश और दुनिया के सामने रखना चाहते हैं. उन्होंने हरियाणा सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि गीता जयंती महोत्सव में बहुत अच्छा अनुभव रहा है.

सरस मेले का आनंद
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में उमड़ी पर्यटकों की भीड़ ने सरस और शिल्प मेले में बंपर खरीदारी की. इससे देश-विदेश से सरस और शिल्प मेले में आए शिल्पकारों के चेहरे चमक उठे. ब्रह्मसरोवर पर 800 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए. जिन पर सोमवार तक करोड़ों रुपये की खरीदारी हुई है.

महोत्सव संपन्न होने के बाद सोमवार को भी शिल्प और सरस मेले में बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ी. पर्यटकों ने देश भर से आए स्वयं सहायता समूह और व्यंजनों का भी खूब आनंद उठाया. मंगलवार को भी शिल्पकारों की अच्छी बिक्री हुई.

ये भी पढ़ेंः भारतीय सेना के लिए 'जवानों की फैक्ट्री' रेवाड़ी, हर साल देश को देता है हजारों सैनिक

आखिरी दिन भी भीड़ नहीं हुई कम
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर 23 नवंबर से शुरू हुआ शिल्प और सरस मेला 10 दिसंबर तक आयोजित किया गया. हालांकि महोत्सव रविवार को संपन्न हो गया लेकिन मंगलवार तक मेला आयोजित था.

मेले में आने वाले पर्यटकों की भीड़ कम नहीं हुई. सोमवार को भी हजारों पर्यटक मेले का अवलोकन करने के लिए पहुंचे. आखिरी दिन होने के चलते पर्यटक शिल्पकारों से खूब मोलभाव करते नजर आए.

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का समापन
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में समापन समारोह के अवसर पर वैश्विक गीता पाठ किया गया. इसमें विभिन्न स्कूलों के लगभग 18 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. गीता पाठ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य सहित स्वामी ज्ञानानंद महाराज, जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज, पंजाब से आए बाबा भूपेंद्र, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, सांसद नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार एवं पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, प्रदेश खेल मंत्री संदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया.

Intro:18 दिनों से चल रहा गीता महोत्सव का समापन हुआ और इसके साथ ही देश भर से आए सैकड़ों शिल्पकार और लोक कलाकार



गीता भूमि को नमन करके विदा हुए पिछले 18 दिनों से कुरुक्षेत्र गीता में हो रहा था ,

गीता महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जा रहा था ऐसे मौके पर आयोजित क्राफ्ट मेले में जहां देश भर के शिल्पकार और लोक कलाकार उमड़े थे वहीं लाखों पर्यटक इस मौके पर गीता महोत्सव में शरीक हुए

गीता महोत्सव का समापन अद्भुत और अलौकिक जिसको मन में संजोए शिल्पकार लोक कलाकार और पर्यटक जुदा हुए अगले साल फिर गीता महोत्सव में शामिल होने के वायदे के साथ इस बार गीता महोत्सव में स्टेट पार्टनर के रूप में उत्तराखंड ने शिरकत की उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने जहां 18 दिनों तक कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर अपने लोक कला लोक विधाओं की प्रस्तुति की वहीं उत्तराखंड की लोक संस्कृति जौनसारी गढ़वाली संस्कृति को देशभर के लोगों ने नजदीक से देखा


उत्तराखंड से संस्कृति विभाग की कंसल्टेंट विजय श्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड गीता महोत्सव के आयोजन से अलौकिक और अद्भुत यादें लेकर देवभूमि लौट रहा है और देव भूमि की इच्छा रहेगी की अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर बार शिरकत करें और गीता की भूमि पर देवभूमि के संस्कृति को देश और दुनिया के सामने रखें

विजय श्री जोशी --कंसलटेंट -- संस्कृति विभाग उत्तराखंड

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Last Updated : Dec 11, 2019, 1:37 PM IST
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