कुरुक्षेत्र: पिहोवा में सरस्वती तीर्थ सरोवर में श्रद्धालुओं द्वारा चैत्र चौदस मेले की अमावस पर धार्मिक स्नान किया गया. श्रद्धालुओं के इस धार्मिक स्नान के साथ चैत्र चौदस मेला शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ. चैत्र चौदस के पावन अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने पावन सरस्वती तीर्थ में स्नान, पूजा व पिंडदान करके अपने पितरों की अक्षय मोक्ष की कामना की. चैत्र चौदस पर पिंडदान का विशेष महत्व होने के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु पावन सरस्वती तीर्थ पर पहुंचे. जहां श्रद्धालुओं ने अपने पुरोहितों से वंशावली भी देखी.
चैत्र चौदस का पक्ष आरंभ होते ही श्रद्धालु सरस्वती मां की जय जयकार करते हुए पावन सरस्वती तीर्थ पर स्नान के लिए पहुंचे. पावन जल में श्रद्धा की डुबकी लगाकर अपने पितरों को जल अर्पित किया. इस दिन चैत्र चौदस पर पिंडदान का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि यहां पर जो भी श्रद्धालु अपने पितरों का पिंडदान व उनको जल अर्पण करते हैं, तो उनके पितर प्रसन्न होकर परिवार में सुख समृद्धि की वर्षा करते हैं. श्रद्धालुओं ने पिंडदान के बाद प्रेत पीपल पर जल व स्वामी कार्तिकेय मंदिर मेें तेल व दरगाही शाह पर घोड़े चढ़ाए.
श्रद्धालुओं ने पावन सरस्वती तट पर दीप दान भी किया, जिससे सरोवर का दृश्य मनोहारी हो गया. चैत्र चौदस मेले में पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचे. लेकिन सबसे ज्यादा संख्या पंजाब से आने वाले सिख श्रद्धालुओं की रही. श्रद्धालुओं ने विभिन्न मंदिरों व गुरुद्वारों में पूजा अर्चना भी की. मेला प्रशासक उपमंडल अधिकारी नागरिक सोनू राम ने कहा कि प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई.
मेले में तैनात अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया करवाने में लगे रहे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा यात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाई गई. पुलिस के जवान भारी बरसात में भी श्रद्धालुओं को सुरक्षा हेतु सभी स्थानों पर डटे रहे. आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में विश्व प्रसिद्ध चैत्र चौदस मेले में विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु सरस्वती तीर्थ पर पहुंचे. इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे. इस मेले में किसी भी श्रद्धालुओं को सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से परेशानी नहीं आने दी गई.
इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था. पुलिस व प्रशासन के अधिकारी निरंतर मेला क्षेत्र का दौरा सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे. चैत्र चौदस मेले में विभिन्न जगहों पर नाकाबंदी की गई थी और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. महिला घाट पर महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
श्रद्धालुओं की सेवा: पावन चैत्र चौदस मेले में पहुंचे यात्रियों की सेवा के लिए नगर वासियों व विभिन्न शहरों से आए लोगों ने जगह-जगह भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को भोजन करवाया. भंडारों का आलम यह था कि सरस्वती तीर्थ, पवन मार्केट कमेटी, गोल मार्केट, अंबाला रोड, अनाज मंडी, गुहला रोड, गुरुद्वारा रोड, प्राची तीर्थ, ब्रह्म योनि सहित स्थान स्थान पर भंडारे लगाए गए थे. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया.
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पंजाबी गीतों ओर धार्मिक भजनों से भक्ति: चैत्र चौदस मेले में आए श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए जिला सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा रात को विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कलाकारों ने गीतों व भजनों के माध्यम से जहां लोगों को परमात्मा का संदेश दिया, वहीं उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के प्रति भी जागरूक किया. इन भजन पार्टी सदस्यों ने पंजाबी शब्दों, धार्मिक भजनों विषयों पर गीत प्रस्तुत किए.
सूचना प्रसारण केन्द्र का सराहनीय कार्य: जिला सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की तरफ से चैत्र चौदस मेले को लेकर बाल भवन में सूचना प्रसारण केन्द्र स्थापित किया गया. इस सूचना प्रसारण केंद्र पर बीपीडब्लयू कृष्ण कुमार, बरखा राम व अन्य कर्मचारियों ने अपनों से बिछड़े लोगों को मिलाने का काम किया और लोगों के खोए हुए समान को वापस लौटाने का काम किया.
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