करनाल: यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से दोबारा पानी छोड़ा गया है. जिसके कारण इंद्री में नाबियाबाद गांव के पास किसानों की जमीन में भारी कटाव हुआ है. ग्रामीण कटाव को रोकने के लिए वहां पर प्रबंध करने लगे थे. लेकिन यह कटाव उनसे रोका नहीं गया. जिसके बाद इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी गई. प्रशासन ने अब इस कटाव को रोकने के लिए पत्थर भी मंगवाने शुरू कर दिए हैं.
ये भी पढ़ें: हरियाणा में बाढ़ से 1463 गांव प्रभावित, अबतक 40 लोगों की मौत, टांगरी नदी को लेकर गृहमंत्री ने सीएम को लिखा पत्र
ग्रामीणों का कहना है कि नबियाबाद गांव के पास यमुना नदी में किसानों की भूमि में कटाव शुरू हो गया था. यहां तक कि पुरानी लगी हुई ठोकरें पानी की वजह से बह गई है. आपको बता दे कि शुरू में प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद इस भूमि कटाव की खबरें आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है. प्रशासन यहां पर मिट्टी के कट्टे और पत्थरों से पानी को रोकने के प्रयास में जुटा है. पानी को रोकने के लिए पेड़ों को भी काटना शुरू कर दिया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम अशोक कुमार मौके पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस कटाव को तुरंत ही रोका जाए. इसके अलावा प्रशासन ने पत्थर मंगवाए गए हैं, जिनको तारों के जाल के माध्यम से कटाव वाली जगह पर डाला जाएगा. ताकि इस कटाव को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि यमुना नदी में शनिवार को भी पानी आने की वजह से यह कार्य रुक गया था. लेकिन अब पानी कम हो गया है.
दोबारा से यहां पर बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल इस कटाव को रोकने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं. लेकिन जैसे ही यह पानी कम होगा, तो पक्का इंतजाम यहां पर किया जाएगा. ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ेगा. पहाड़ी क्षेत्र में 10 दिन पहले हुई बरसात के कारण यमुना नदी में ज्यादा पानी आ गया था. जिसके चलते करनाल में दो जगहों पर यमुना नदी का तटबंध टूट गया था और करीब 30 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया था. जिसने काफी तबाही मचाई थी.
ये भी पढ़ें: बाढ़ प्रभावित किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दे सरकार, भूपेंद्र हुड्डा ने AAP पर भी साधा निशाना
अब एक बार फिर से यमुना में ज्यादा पानी आने के चलते आसपास के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. जिला प्रशासन के द्वारा पुख्ता प्रबंधों का हवाला दिया जा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री के द्वारा अपने गृह जिले करनाल के 2 दिन के कार्यक्रम के दौरान शनिवार के दिन करनाल के जिला अधिकारियों से बैठक की गई. जिसमें यमुना नदी में छोड़े गए एक बार फिर से पानी के चलते पुख्ता प्रबंध करने की बात कही गई.