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हरियाणा के बजट से मायूस सरकारी कर्मचारी, अनदेखी का लगाया आरोप

हरियाणा सरकार ने आज 2023 24 का बजट पेश कर दिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर वित्तमंत्री अपना चौथा बजट पेश किया है. लेकिन इस बजट में मनोहर सरकार संयुक्त कर्मचारी संघ की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई. जिससे संघ कर्मचारियों में खासा रोष है.

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Published : Feb 23, 2023, 3:46 PM IST

करनाल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा का 2023 24 का बजट पेश किया है. जिसे हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों में काफी निराशा छाई हुई है. इस बजट से सरकारी कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं दिया. जिसके चलते सरकारी कर्मचारियों इसे सरकारी कर्मचारी विरोधी बजट कहा है.

हरियाणा बजट से सरकारी कर्मचारी निराश: करनाल में संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रधान सुशील गुर्जर ने कहा कि कर्मचारी संघ ने पहले ही हरियाणा सरकार के सामने कई मांगें रखी थी. जिनमें सबसे पहली ही मांग पुरानी पेंशन बहाल करने की थी. उसके बाद कर्मचारियों को टैक्स में छूट की मांग थी. वहीं, कच्चे कर्मचारियों के लिए वेतन भत्ते की बढ़ोतरी और साथ में एक टीए डीए बढ़ोतरी की मांग की थी. लेकिन बड़े शर्म की बात है, कि हरियाणा के बजट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा के कर्मचारियों के लिए एक भी घोषणा नहीं की और ना ही हरियाणा के पक्के कर्मचारी और कच्चे कर्मचारियों के लिए कोई भी नई घोषणा मुख्यमंत्री के द्वारा की गई.

'कर्मचारी विरोधी है बजट': उन्होंने कहा कि इससे हरियाणा के कर्मचारियों में काफी रोष है. क्योंकि उन्होंने अपनी मांगों के लिए कई बार मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपे हैं. उसके बावजूद भी हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों का ख्याल नहीं रखा. जिससे साफ जाहिर होता है, कि यहां बजट कर्मचारियों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी 24 घंटे अपनी ड्यूटी प्रदेश के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन बजट मे कर्मचारियों के लिए कोई भी घोषणा नहीं होना, कहीं ना कहीं दिखाता है कि यह सरकार कर्मचारियों के विरोध में है.

'सरकार ने नहीं रखा कर्मचारियों का ख्याल': सुशील गुर्जर ने कहा कि कर्मचारियों ने डीए में 4% की बढ़ोतरी की बात कही थी. जिसका लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को फायदा होता. लेकिन सरकार ने इस पर गौर नहीं किया और जो हरियाणा में लाखों की संख्या में कच्चे कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनकी नौकरी को बरकार रखने के लिए सरकार से हमारी मांग थी कि उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी की जाए. साथ ही उनको अन्य कई योजनाओं का लाभ दिया जाए. लेकिन इस बजट में सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए भी कोई घोषणा नहीं की जिसे हरियाणा के कर्मचारियों में काफी रोष है.

ये भी पढ़ें: haryana health budget 2023: हरियाणा की सेहत पर खर्च होंगे 9,647 करोड़, सुविधाएं बढ़ाने पर जोर

'सरकार के खिलाफ बनेगी रणनीति': हालांकि पहले भी सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों के लिए कई बार प्रदर्शन करते आ रहे हैं. आगे उनके प्रदर्शन और तेज होंगे और सरकार के खिलाफ वह आंदोलन करने के लिए अग्रसर होंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही सयुंक्त कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की मीटिंग की जाएगी और सरकार के खिलाफ आगामी लड़ाई की रणनीति बनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: हरियाणा बजट 2023: मनोहर लाल ने सदन में पेश किया हरियाणा का बजट, एक क्लिक में पढ़ें बड़ी घोषणाएं

करनाल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा का 2023 24 का बजट पेश किया है. जिसे हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों में काफी निराशा छाई हुई है. इस बजट से सरकारी कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं दिया. जिसके चलते सरकारी कर्मचारियों इसे सरकारी कर्मचारी विरोधी बजट कहा है.

हरियाणा बजट से सरकारी कर्मचारी निराश: करनाल में संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रधान सुशील गुर्जर ने कहा कि कर्मचारी संघ ने पहले ही हरियाणा सरकार के सामने कई मांगें रखी थी. जिनमें सबसे पहली ही मांग पुरानी पेंशन बहाल करने की थी. उसके बाद कर्मचारियों को टैक्स में छूट की मांग थी. वहीं, कच्चे कर्मचारियों के लिए वेतन भत्ते की बढ़ोतरी और साथ में एक टीए डीए बढ़ोतरी की मांग की थी. लेकिन बड़े शर्म की बात है, कि हरियाणा के बजट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा के कर्मचारियों के लिए एक भी घोषणा नहीं की और ना ही हरियाणा के पक्के कर्मचारी और कच्चे कर्मचारियों के लिए कोई भी नई घोषणा मुख्यमंत्री के द्वारा की गई.

'कर्मचारी विरोधी है बजट': उन्होंने कहा कि इससे हरियाणा के कर्मचारियों में काफी रोष है. क्योंकि उन्होंने अपनी मांगों के लिए कई बार मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपे हैं. उसके बावजूद भी हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों का ख्याल नहीं रखा. जिससे साफ जाहिर होता है, कि यहां बजट कर्मचारियों के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी 24 घंटे अपनी ड्यूटी प्रदेश के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन बजट मे कर्मचारियों के लिए कोई भी घोषणा नहीं होना, कहीं ना कहीं दिखाता है कि यह सरकार कर्मचारियों के विरोध में है.

'सरकार ने नहीं रखा कर्मचारियों का ख्याल': सुशील गुर्जर ने कहा कि कर्मचारियों ने डीए में 4% की बढ़ोतरी की बात कही थी. जिसका लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को फायदा होता. लेकिन सरकार ने इस पर गौर नहीं किया और जो हरियाणा में लाखों की संख्या में कच्चे कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनकी नौकरी को बरकार रखने के लिए सरकार से हमारी मांग थी कि उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी की जाए. साथ ही उनको अन्य कई योजनाओं का लाभ दिया जाए. लेकिन इस बजट में सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए भी कोई घोषणा नहीं की जिसे हरियाणा के कर्मचारियों में काफी रोष है.

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'सरकार के खिलाफ बनेगी रणनीति': हालांकि पहले भी सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों के लिए कई बार प्रदर्शन करते आ रहे हैं. आगे उनके प्रदर्शन और तेज होंगे और सरकार के खिलाफ वह आंदोलन करने के लिए अग्रसर होंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही सयुंक्त कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की मीटिंग की जाएगी और सरकार के खिलाफ आगामी लड़ाई की रणनीति बनाई जाएगी.

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