करनालः फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने करनाल के सेक्टर 16 पॉली क्लीनिक में खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के लिए ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन कैंप का आयोजन किया. ट्रेनिंग कैम्प में भारी संख्या में व्यापारियों ने हिस्सा लिया और रजिस्ट्रेशन कराया.
तीन महीने के अन्दर हर कारोबारी को लेनी होगी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट के लिए सेक्टर 16 स्थित गवर्नमेंट पॉली क्लीनिक के ग्राउंड फ्लोर पर व्यवस्था की गई है. कारोबारी यहां रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. तीन महीने के अंदर हर कारोबारी को ट्रेनिंग लेनी होगी, जिसके पास यह सर्टिफिकेट नहीं होगा वह कारोबार नहीं कर सकेगा और सरकार उस पर सख्त कार्रवाई करेगी.
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आपको बता दें कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए खाद्य पदार्थों से जुड़े कारोबारियों के लिए फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन यानी FOSTAC (फॉस्टैक) को लागू किया है. अब प्रदेश के हर फूड बिजनेस ऑपरेटर (FBO) अर्थात खाद्य पदार्थों से जुड़े कारोबारी को इस योजना के तहत ट्रेंड और सर्टिफाइड होना अनिवार्य होगा.
4 घंटे की ट्रेनिंग बाद मिल रहा सर्टिफिकेट
इस योजना के तहत कारोबारियों को 4 घंटे की ट्रेनिंग देकर सर्टिफिकेट प्रदान किए जा रहे हैं. ऐसा न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. खाद्य पदार्थों के कारोबार से जुड़े हर छोटे-बड़े कारोबारी के लिए ट्रेनिंग लेकर सर्टिफिकेट प्राप्त करना जरूरी है.
उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के हित की योजना
करनाल के सेक्टर 16 पॉली क्लीनिक में आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर धीरज कुमार ने कहा कि खाद्य पदार्थ विक्रेता लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ ना करें. उन्होंने कहा कि जिन खाद्य पदार्थ विक्रेताओं ने अब तक ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन नहीं कराया है, वे जल्द करा लें. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ये योजना सिर्फ लोगों के हित में ही नहीं अपितु व्यापारियों के हित में भी है. ट्रेनिंग के बाद उन्हें जो सर्टिफिकेट मिलेगा उससे यह साबित होगा कि वे खाद्य पदार्थों के रख रखाव और बेचने में निपुण हैं.
दूषित खाद्य पदार्थ बेचना गंभीर अपराध
धीरज कुमार ने व्यापारियों से आह्वान किया कि वे लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ ही परोसें. दूषित खाद्य पदार्थ बेचना गंभीर अपराध है. कई देशों में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद तक की सजा है. हमारे देश मे भी सख्त सजा का प्रावधान है, इसलिए जरूरी है कि हर खाद्य पदार्थ विक्रेता को इसकी पूरी जानकारी हो.
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