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आज से फाल्गुन महीने की शुरुआत, जानिए भगवान श्रीकृष्ण के तीन अवतारों की पूजा का विशेष महत्व

हिंदू पंचाग के अनुसार रविवार को माघ महीने की समाप्ति और सोमवार यानी आज से फाल्गुन महीने की शुरुआत हो गई है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस महीने का बहुत महत्व है. ये महीना हिंदू पंचाग में साल का अंतिम महीना माना जाता है, इसके बाद चेत्र मास की शुरुआत से नये साल का आगमन होता है.

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Published : Feb 6, 2023, 6:01 AM IST

falgun month special festival
आज से फाल्गुन महीने की शुरुआत

करनाल: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन का महीना साल का अंतिम महीना होता है. हिन्दू धर्म विक्रम सवंत् के अनुसार 12 महीनों का होता है और हिन्दू कैलेंडर का अंतिम मास होता है. इसके बाद चैत्र का महीना आता है, जिसे हिन्दू नववर्ष की शुरूआत माना जाता है.

हिंदू पंचाग में फाल्गुन महीने की शुरुआत और समाप्ति: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने की शुरूआत 6 फरवरी सोमवार से हो रही है, जबकि इसका समापन 7 मार्च मंगलवार को होगा. हिन्दू पंचाग के अनुसार फाल्गुन महीने का महत्व है. फाल्गुन महीने में धीरे धीरे गर्मी की शुरूआत होती है और सर्दी कम होने लगती है. फाल्गुन के महीने में हिन्दू धर्म का सबसे प्रसिद्ध त्योहार होली मनाई जाती है. ऐसा कहा जा सकता है कि होली के त्योहार के साथ एक हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष ही समाप्ति होती है. धार्मिक कैलेंडर में फाल्गुन का मास सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है. इस महीने में कई प्रमुख त्यौहार भी आते हैं. इस महीने का समापन होली के दिन होता है.

इस महीने को फाल्गुन क्यों कहा जाता है: हिंदू पंचाग में फाल्गुन का महीना बारहवां महीना होता है. हिन्दू धर्म में महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं. हिन्दू धर्म में महीने का बदलना चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है. चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है. फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में रहता है. इसलिए इस मास को फाल्गुन का मास कहा जाता है. फाल्गुन मास में सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है. इसलिए काफी अहम महीना माना जाता है.

फाल्गुन महीने का विशेष महत्व: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने में कई प्रमुख त्यौहार आते हैं. फाल्गुन महीने में भगवान शंकर के अलावा माता सीता, श्री कृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. फाल्गुन महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस महीने में होली, विजय एकादशी, फुलेरा दूज, महाशिवरात्रि और भी अन्य पर्व मनाए जाते हैं.

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व: फाल्गुन महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दौरान श्रीकृष्ण के 3 रूपों- बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जाती है. साथ ही पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रदेव का जन्म फाल्गुन माह में ही हुआ था. इसलिए चंद्र देव की भी इसी माह में पूजा की जाती है. इस मास में दान, पुण्य और तर्पण करना लाभकारी माना गया है. गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी योग्यता के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, अनाज, वस्त्र आदि दान करना फलदायी होता है.

फाल्गुन महीने के प्रमुख त्योहार: फाल्गुन महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का अंतिम महीना होता है. इसमें कई प्रमुख त्योहार आते हैं, जो निम्नलिखित तारीख को मनाए जाएंगे. 17 फरवरी दिन शुक्रवार को विजया एकादशी है. 18 फरवरी दिन शनिवार को महाशिवरात्रि है, इसमें मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी आयेंगे. 20 फरवरी दिन सोमवार को फाल्गुन महीने की अमावस्या है. इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. क्योंकि यह सोमवार के दिन पड़ती है. 21 फरवरी दिन मंगलवार को फुलेरा दूज है, उसके बाद 3 मार्च दिन शुक्रवार को आमलकी एकादशी है. हिंदू पंचांग के अनुसार 7 मार्च को होलिका दहन के साथ इस महीने का समापन हो जाएगा.

करनाल: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन का महीना साल का अंतिम महीना होता है. हिन्दू धर्म विक्रम सवंत् के अनुसार 12 महीनों का होता है और हिन्दू कैलेंडर का अंतिम मास होता है. इसके बाद चैत्र का महीना आता है, जिसे हिन्दू नववर्ष की शुरूआत माना जाता है.

हिंदू पंचाग में फाल्गुन महीने की शुरुआत और समाप्ति: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने की शुरूआत 6 फरवरी सोमवार से हो रही है, जबकि इसका समापन 7 मार्च मंगलवार को होगा. हिन्दू पंचाग के अनुसार फाल्गुन महीने का महत्व है. फाल्गुन महीने में धीरे धीरे गर्मी की शुरूआत होती है और सर्दी कम होने लगती है. फाल्गुन के महीने में हिन्दू धर्म का सबसे प्रसिद्ध त्योहार होली मनाई जाती है. ऐसा कहा जा सकता है कि होली के त्योहार के साथ एक हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष ही समाप्ति होती है. धार्मिक कैलेंडर में फाल्गुन का मास सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है. इस महीने में कई प्रमुख त्यौहार भी आते हैं. इस महीने का समापन होली के दिन होता है.

इस महीने को फाल्गुन क्यों कहा जाता है: हिंदू पंचाग में फाल्गुन का महीना बारहवां महीना होता है. हिन्दू धर्म में महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं. हिन्दू धर्म में महीने का बदलना चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है. चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है. फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में रहता है. इसलिए इस मास को फाल्गुन का मास कहा जाता है. फाल्गुन मास में सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है. इसलिए काफी अहम महीना माना जाता है.

फाल्गुन महीने का विशेष महत्व: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने में कई प्रमुख त्यौहार आते हैं. फाल्गुन महीने में भगवान शंकर के अलावा माता सीता, श्री कृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. फाल्गुन महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस महीने में होली, विजय एकादशी, फुलेरा दूज, महाशिवरात्रि और भी अन्य पर्व मनाए जाते हैं.

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व: फाल्गुन महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दौरान श्रीकृष्ण के 3 रूपों- बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जाती है. साथ ही पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रदेव का जन्म फाल्गुन माह में ही हुआ था. इसलिए चंद्र देव की भी इसी माह में पूजा की जाती है. इस मास में दान, पुण्य और तर्पण करना लाभकारी माना गया है. गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी योग्यता के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, अनाज, वस्त्र आदि दान करना फलदायी होता है.

फाल्गुन महीने के प्रमुख त्योहार: फाल्गुन महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का अंतिम महीना होता है. इसमें कई प्रमुख त्योहार आते हैं, जो निम्नलिखित तारीख को मनाए जाएंगे. 17 फरवरी दिन शुक्रवार को विजया एकादशी है. 18 फरवरी दिन शनिवार को महाशिवरात्रि है, इसमें मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी आयेंगे. 20 फरवरी दिन सोमवार को फाल्गुन महीने की अमावस्या है. इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. क्योंकि यह सोमवार के दिन पड़ती है. 21 फरवरी दिन मंगलवार को फुलेरा दूज है, उसके बाद 3 मार्च दिन शुक्रवार को आमलकी एकादशी है. हिंदू पंचांग के अनुसार 7 मार्च को होलिका दहन के साथ इस महीने का समापन हो जाएगा.

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