करनाल: कोरोना महामारी के चलते प्रवासी मजदूरों का पलायन प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. बहुत से प्रवासी मजदूर सुविधाओं की जानकारी के अभाव में पैदल ही परिवार के साथ अपने घर जाने को मजबूर हैं. करनाल प्रशासन प्रतिदिन एक हजार से 12 सौ मजदूरों को उनके घर छोड़ रही है. करनाल प्रशासन के आला अधिकारियों ने प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वो पैदल अपने घरों की तरफ ना निकलें. सरकार उनको घर तक छोड़ने का प्रबंध कर रही है.
कोरोना काल में मजदूरों का पलायन
कोरोना वायरस महामारी के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से मजदूरों से उनका रोजगार छिन गया है. जिसके चलते मजदूरों के पास अब घर लौटने के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा है. पिछले डेढ़ महीने से लगे लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों के पास अब पैसे भी नहीं बचे हैं कि वो अपने परिवार के लिए भोजन का प्रबंध कर सके. इसलिए मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं.
जानकारी के अभाव में पैदल लौट रहे मजदूर
हरियाणा सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं दे रही है. बसों और ट्रेनों का उचित प्रबंध किया गया है. लेकिन बहुत से प्रवासी मजदूर इन सुविधाओं की जानकारी के अभाव में पैदल ही घर को निकल रहे हैं.
करनाल से यूपी भेजे जा रहे प्रवासी मजदूर ललित कुमार ने बताया कि वो लुधियाना से पैदल चलकर यहां पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि उनके पैसे खत्म हो गए हैं. जिसके चलते वो अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने बताया कि मकान मालिक को किराया देने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं बचे. जिसके चलते वो घर को पैदल ही निकल लिए.
इस संबंध में करनाल डीएसपी वीरेंद्र सैनी ने मजदूरों से निवेदन किया कि कोई भी मजदूर अपने घर को पैदल ना जाएं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में स्थित सभी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए सरकार प्रबंध कर रही है. डीएसपी वीरेंद्र सैनी ने कहा कि जबतक प्रवासी मजदूरोंको उनके घर नहीं भेजा जाता है, तबतक उनके खाने पीने और ठहरने के लिए करनाल में कुल 14 सेल्टर होम बनाए गए हैं. जहां से सभी प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाएगा.
प्रतिदिन 1000 से ज्यादा मजदूर पहुंच रहे घर
उन्होंने बताया कि सभी प्रवासी मजदूरों का मेडिकल चेकअप करने के बाद ही बसों या ट्रेनों में बैठाकर रवाना किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन करनाल रोजाना करीब 1000 से 1200 प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों जैसे उ.प्र., बिहार और मध्य प्रदेश इत्यादि राज्यों में पहुंचा रही है.
उन्होंने बताया कि बिहार राज्य के प्रवासी मजदूरों को प्रशासन ट्रेनों के माध्यम से घर भेज रही है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन करनाल अब तक करीब 10 हजार से 12 हजार प्रवासी मजदूरों को बसों और ट्रेनों के माध्यम से उनके घर पहुंचा चुकी है. इसलिये कोई भी प्रवासी मजदूर यह ना सोचे कि वह अपने घर नहीं पहुंच पायेंगे. उन्होंने कहा कि एक-एक प्रवासी मजदूर को उचित प्रबंध कर उनके घरों तक पहुचाया जायेगा.
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