करनाल: सावन का महीना आज मंगलवार, 4 जुलाई से शुरू हो गया है और गुरुवार, 31 अगस्त को इसका समापन होगा. सावन के महीने को लेकर देशभर के शिव मंदिरों में शिव की आराधना के लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से मंदिर को काफी सजाया गया है. क्योंकि, सावन का महीना भोलेनाथ का प्रिय महीना होता है. शिव भक्त सावन के महीने में कांवड़ यात्रा करते हैं. शिव भक्त गंगा से जल उठा कर कावड़ यात्रा करते हैं और शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं. भोलेनाथ के भक्तों के लिए खुशी की बात यह है कि इस साल सावन का महीना 59 दिनों का है. इस 2 महीने में शिव आराधना के लिए 8 सोमवार पड़ रहा है.
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भगवान शिव का प्रिय महीना है सावन: सावन के महीने का आरंभ सावन महीने की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है, जो आज शुरू हो चुका है. प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में केवल चार या पांच सोमवार ही आते हैं. लेकिन, इस साल सावन में शिव भक्तों को भोलेनाथ की आराधना करने के लिए 59 दिन मिलने वाले हैं. सावन का महीना शुरू होने पर पहले दिन भारी संख्या में भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए शिव मंदिर पहुंच रहे हैं.
सोमवार के दिन शिव आराधना का विशेष दिन: मान्यता है कि सावन के महीने में जो शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को धतूरा, बेलपत्र, भांग, शहद और गंगाजल चढ़ाने पर भगवान शंकर बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का दिन होता है. मान्यता है कि इस दिन जो भी शिव भक्त भोलेनाथ की आराधना करता है, उस पर भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है. साथ ही भोलेनाथ अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है. जो भी शिव भक्त सोमवार के दिन शिव भगवान के लिए व्रत रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यता है कि जो भी कन्या सोमवार का व्रत रखती है, उसे मनचाहा वर भी मिलता है.
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सावन और सोमवार: इस साल सावन के महीने में 8 सोमवार पड़ रहा है. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है. दूसरा सोमवार 17 जुलाई को, तीसरा सोमवार 24 जुलाई को, चौथा सोमवार 31 जुलाई को, पांचवा सोमवार 7 अगस्त को, छठा सोमवार 14 अगस्त को, सातवां सोमवार 21 अगस्त को और सावन का अंतिम व आठवां सोमवार 28 अगस्त को है.
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इस साल सावन में मलमास: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि, इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार सावन के महीने में अधिकमास या मलमास लग रहा है. मलमास 18 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा. ऐसे में मलमास सावन के महीने में आने के चलते सावन के महीने में शिव भगवान के साथ-साथ विष्णु भगवान की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि चंद्रमास और शर्मा के आधार पर ही हिंदू पंचांग की गणना की जाती है. वैदिक पंचांग में सौर मास 365 दिन का होता है और चंद्रमा 354 दिन का होता है. इसलिए हिंदू पंचांग के अनुसार 1 साल के अंदर 11 दिनों का अंतर हो जाता है और यह 3 साल में बढ़कर 33 दिन हो जाते हैं. 3 साल के बाद मलमास या अधिक मास होता है जो इस साल सावन के महीने में है.